“चतुर गीदड़” की कहानी / Chatur Gidad Hindi Story
Charur Gidad Hindi Kahani / हिंदी बाल कहानी चतुर गीदड़ ।
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| Chatur Gidad |
चतुर गीदड़ (बाल-पुस्तक शैली)
नीति-कथा | सरल भाषा | बच्चों के लिए विशेष
🌳🌳🌳
बहुत समय पहले की बात है…
एक घना, हरा-भरा और सुंदर जंगल था।
उस जंगल में तरह-तरह के जानवर रहते थे —
हाथी, शेर, हिरण, खरगोश, भालू, बंदर और एक छोटा-सा गीदड़।
उस गीदड़ का नाम था चतुरू।
वह बहुत बड़ा नहीं था…
वह बहुत ताकतवर भी नहीं था…
लेकिन उसकी एक खास बात थी —
वह बहुत बुद्धिमान और चतुर था।
जब भी जंगल में कोई समस्या आती,
तो चतुरू हमेशा एक नया और अनोखा उपाय सोचता।
जंगल में मची परेशानी:
एक दिन जंगल के राजा —
सिंहदेव — बहुत बीमार पड़ गए।
अब वे शिकार पर नहीं जा पाते थे।
और जब राजा कमजोर हो गया,
तो कुछ जानवर जंगल में बदमाशी करने लगे।
भेड़िए डर फैलाने लगे
और छोटे जानवर सहम गए।
हिरण बोला,
"अब हमारी रक्षा कौन करेगा?"
खरगोश काँपते हुए बोला,
"क्या अब हम सुरक्षित नहीं हैं?"
सभी दुखी और परेशान थे।
तभी…
छोटा-सा चतुरू आगे आया।
🦊
"महाराज, डरने से कुछ नहीं होगा,
हमें मिलकर कुछ करना होगा,"
उसने शेर से कहा।
भेड़िए और भालू हँस पड़े,
"एक छोटा गीदड़ क्या करेगा?"
लेकिन सिंहदेव ने चतुरू की ओर देखा और बोले,
"बुद्धि आकार नहीं देखती,
बोलो चतुरू, तुम्हारा क्या विचार है?"
शांति महोत्सव का विचार:
चतुरू बोला:
"अगर सब जानवर एक दिन के लिए
झगड़ा, शिकार और हिंसा छोड़ दें,
और हम एक शांति महोत्सव मनाएँ,
तो जंगल में फिर से दोस्ती लौट आएगी।"
सभी जानवर चौंक गए!
"शेर भी शिकार नहीं करेगा?"
"भेड़िया भी शांत रहेगा?"
"बिल्ली भी चूहे को नहीं पकड़ेगी?"
चतुरू मुस्कराया और बोला,
"बस एक दिन के लिए…
ताकि हम समझ सकें
कि मिलकर रहना कितना सुंदर होता है।"
सिंहदेव ने सिर हिलाया।
"मुझे यह विचार पसंद आया।
तुम इसकी तैयारी करो, चतुरू।"
चतुरू की तैयारी:
अब चतुरू जंगल में हर जगह गया —
हिरणों से बोला:
"अब डरने की ज़रूरत नहीं, सब सुरक्षित रहेंगे।"
भेड़ियों से बोला:
"अगर तुम शांत रहोगे,
तो राजा तुम्हें धन्यवाद देंगे।"
बंदरों से बोला:
"तुम नाचोगे और गाओगे,
तो तुम्हें ढेर सारे फल मिलेंगे।"
पक्षियों से बोला:
"तुम मधुर गीत गाओगे,
और जंगल को सुरीला बना दोगे।"
धीरे-धीरे सब खुश होने लगे।
सभी ने मिलकर जंगल को सजाया —
🌼 फूलों की मालाएँ
🎵 मधुर गीत
🍌 मीठे फल
🎨 रंग-बिरंगी सजावट
जंगल किसी सपने की तरह सुंदर लग रहा था।
भेड़िए की चाल:
लेकिन एक भेड़िया था —
उसका नाम था क्रूरा।
वह बहुत चालाक और लालची था।
उसने सोचा,
"आज तो सब ध्यान में हैं।
अगर मैं चुपके से हमला कर दूँ…
तो खूब शिकार मिलेगा।"
वह धीरे-धीरे एक हिरण की ओर बढ़ा।
लेकिन…
चतुरू की नज़र तेज थी।
👀🦊
चतुराई का कमाल:
चतुरू दौड़कर भेड़िये के पास गया और बोला:
"अगर तूने आज हमला किया,
तो सब जानवर तुझे कभी माफ नहीं करेंगे।
लेकिन अगर तू आज शांत रहा,
तो सभी तुझे ‘सच्चा वीर’ कहेंगे।"
भेड़िया डर गया…
सब उसकी ओर देख रहे थे।
अब वह क्या करता?
धीरे से वह पीछे हट गया और बैठ गया।
और इस तरह —
महोत्सव बिना किसी लड़ाई के पूरा हो गया।
सभी जानवर खुश हो गए।
🎉🦒🐘🐿
👑गीदड़ बना मंत्री:
अगले दिन सिंहदेव ने सभा बुलाई।
"आज जंगल फिर से शांत है।
और इसका श्रेय जाता है चतुरू को!"
"इसलिए आज से —
चतुरू जंगल का मंत्री है!"
सभी जानवर तालियाँ बजाने लगे।
🐾👏
चतुरू ने विनम्रता से कहा,
"मैं बस अपने जंगल से प्रेम करता हूँ।"
जंगल में नया खतरा:
कुछ समय बाद इंसान जंगल में आ गए।
वे पेड़ काटना चाहते थे
और जानवरों का शिकार भी करना चाहते थे।
सब डर गए।
लेकिन चतुरू ने फिर एक योजना बनाई।
उसने बंदरों से डरावनी आवाज़ें निकलवाईं,
पक्षियों से अजीब चीखें निकलवाईं,
रात में पेड़ों को हिलवाया।
इंसान डर गए…
"यह जंगल तो भूतिया है!"
कहकर वे भाग गए।
और जंगल फिर सुरक्षित हो गया।
🌳💚
कहानी की प्यारी सीख:
चतुरू ने सब बच्चों से कहा:
"बच्चों, याद रखना —
ताकत से नहीं,
बुद्धि से जीता जाता है।"
"छोटे होने पर भी
अगर बुद्धि बड़ी हो,
तो हर मुश्किल आसान बन जाती है।"
🐾📚✨
इस बाल-कहानी से मिलने वाली शिक्षा:
बुद्धि ताकत से बड़ी होती है
मिल-जुलकर रहने से हर समस्या हल होती है
लालच और हिंसा से हमेशा नुकसान होता है
छोटा भी बड़ा काम कर सकता है।

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