"पंच परमेश्वर” मुंशी प्रेमचंद की कहानी / Hindi Story Panch Parmeshwar

Munshi Premchand Ki Kahani Panch Parmeshwar / हिंदी कहानी पंच परमेश्वर । मुंशी प्रेमचंद की कहानी "पंच परमेश्वर" का सारांश और विस्तृत वर्णन: “पंच परमेश्वर” कहानी का सारांश: मुंशी प्रेमचंद की "पंच परमेश्वर" एक कालजयी कहानी है, जो न्याय, नैतिकता और आत्मसम्मान के मूल्य पर आधारित है। यह कहानी गांव के सामाजिक ढांचे और पंचायती व्यवस्था को दर्शाती है, जिसमें 'पंच' या न्यायाधीश को 'परमेश्वर' के रूप में माना जाता है। प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया है कि जब व्यक्ति न्याय करने की स्थिति में होता है, तो उसे निजी हितों और भावनाओं को अलग रखकर निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए। कहानी के मुख्य पात्र 'जुम्मन शेख' और 'अल्गू चौधरी' हैं, जो बचपन के घनिष्ठ मित्र हैं। दोनों एक-दूसरे पर अटूट विश्वास रखते हैं। लेकिन जब जुम्मन की बूढ़ी खाला अपनी जमीन का मामला पंचायत के सामने ले आती है और अल्गू चौधरी को पंच बनाती है, तो यह दोस्ती की कड़ी परीक्षा होती है। अल्गू ने न्याय करते हुए खाला के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे जुम्मन की मित्रता पर गहरा आघात ल

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna Meaning In Hindi


Gagar Me Sagar Bharna Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ क्या है?

 

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna Meaning In Hindi
गागर में सागर भरना






मुहावरा- “गागर में सागर भरना”।


( Muhavara- Gagar Me Sagar Bharna )



अर्थ- थोड़े में बहुत अधिक / संक्षेप में गहरी बात कहना / थोड़े शब्दों में मतलब की बात करना / कम शब्दों में अधिक बात करना ।


Arth/Meaning in Hindi- Thode Me Bahut Adhik / Sankshep Me Gahari Bat Kahna / Thode Shabdo Me Matlab Ki Bat Karna / Kam Shabdo Me Adhik Bat Karna ) 






“गागर में सागर भरना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है- 


“गागर में सागर भरना”, यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक महत्वपूर्ण व प्रचलित मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ थोड़े में बहुत अधिक, संक्षेप में गहरी बात कहना या कम शब्दों में ही मतलब की बात करना होता है । 


इस मुहावरे को दूसरे शब्दों में समझे तो, इसका अर्थ यह होता है कि सिमित स्थान या साधनों में बड़ी अथवा गहन बातें कहना । इस मुहावरा को उस समय प्रयोग किया जाता है जा. कोई व्यक्ति संक्षेप में गहरी, प्रभावपूर्ण, विस्तृत या महत्वपूर्ण जानकारी देता है । 


यह मुहावरा दर्शाता है कि थोड़े शब्दों में बहुत बड़ी या गहरी बातें कही जा सकती हैं ।


जैसे


1. पंकज की कविताएं सागर में सागर भरने के समान हैं । क्योंकि इनमें थोड़े ही शब्दों में बहुत् गहरी बातें छिपी होती हैं ।


3. हमारे अध्यापक की बातों में गागर में सागर भरने की कला है । वो बहुत कम शब्दों में ही बहुत बड़ी बातें कह देते हैं ।


3. हमारे दादा जी द्वारा सुनाई गयी एक छोटी सी कहानी ने गागर में सागर भरने के कार्य किया । अर्थात कि दादा जी अपनी छोटी सी कहानी में ही मतलब की बातें समझा देते हैं ।


4. नेता जी का छोटा सा भाषण ही लोगों के अंदर गागर में सागर भरने के कार्य किया । मतलब कि नेता जी अपने भाषण में बहुत गहरी बातें कह दिए जो कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया ।


5. चित्रकार ने अपने बनाये गए चित्र के द्वारा गागर में सागर भर दिया । जो भी उस चित्र को देखता है वो उस चित्र में ही खो जाता है और वह समझ जाता है कि चित्रकार ने अपने इस चित्र के द्वारा बहुत गहरी बातें समझाया है ।



“गागर में सागर भरना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna  Muhavare Ka Vakya Prayog. 


“गागर में सागर भरना” मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


मास्टर जी ने कहा कि रोहन का दिमाग़ तो गागर में सागर भरने जैसा है । 

रोहन छठवीं का छात्र है । रोजन का जब छठवीं में नामांकन होने गया तो मास्टर जी ने उसका परीक्षण किया । रोहन ने मास्टर जी के हर सवालों का जवाब दिया वो भी कम शब्दों में अधिक बात करके । रोहन से जो भी पूछा जाता रोहन उसका संक्षेप में जवाब देता पर सामने वाले को वो जवाब बहुत गहरी लगती थी । इसी लिए मास्टर जी ने कहा कि रोहन का दिमाग़ गागर में सागर भरने जैसा है ।



वाक्य प्रयोग- 2.


घर में जब विवाद बढ़ा तो दादा जी को उसमे दखल देना पड़ा । घर में दो भाई किसी बात को लेकर बहस कर रहे थे । दोनो में बहस बढ़ता हुआ देख कर दादा जी दोनो के बिच में बोल पड़े । दादा जी ने कम शब्दों में ही ऐसी बातें कह दिए जो दोनो भाइयों को बहुत गहरी बात लग गयी । दादा जी ने दोनो से कम शब्दों में ही अधिक बात कह दिया । दादा जी की बातें दोनो को समझ में आगयी और विवाद सुलझ गया । अर्थात कि दादा जी ने जो कम शब्दों में ही अधिक बातें कही थी वो गागर में सागर भरने के समान थीं । 



वाक्य प्रयोग- 3.


कवि ने भरे मंच से जब अपनी कविताओं को सुनना शुरु किया तो लोगो के लिए वो गागर में सागर भरने के समान हो गयी । कवि के कविताओं की पंक्तियां देखने में तो छोटी थी पर उनका अर्थ बहुत गहरा था । इसीलिए लोगो ने कहा कि कवि की पंक्तियों में संक्षेप में गहरी बातें छिपी हैं, बस इन पंक्तियों को समझने वालों की जरूरत है । अर्थात कवि की कविताओं की पंक्तियां गागर में सागर भरने के समान हैं ।


हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए अप हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो !


 

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