"पंच परमेश्वर” मुंशी प्रेमचंद की कहानी / Hindi Story Panch Parmeshwar
Munshi Premchand Ki Kahani Panch Parmeshwar / हिंदी कहानी पंच परमेश्वर । मुंशी प्रेमचंद की कहानी "पंच परमेश्वर" का सारांश और विस्तृत वर्णन: “पंच परमेश्वर” कहानी का सारांश: मुंशी प्रेमचंद की "पंच परमेश्वर" एक कालजयी कहानी है, जो न्याय, नैतिकता और आत्मसम्मान के मूल्य पर आधारित है। यह कहानी गांव के सामाजिक ढांचे और पंचायती व्यवस्था को दर्शाती है, जिसमें 'पंच' या न्यायाधीश को 'परमेश्वर' के रूप में माना जाता है। प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया है कि जब व्यक्ति न्याय करने की स्थिति में होता है, तो उसे निजी हितों और भावनाओं को अलग रखकर निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए। कहानी के मुख्य पात्र 'जुम्मन शेख' और 'अल्गू चौधरी' हैं, जो बचपन के घनिष्ठ मित्र हैं। दोनों एक-दूसरे पर अटूट विश्वास रखते हैं। लेकिन जब जुम्मन की बूढ़ी खाला अपनी जमीन का मामला पंचायत के सामने ले आती है और अल्गू चौधरी को पंच बनाती है, तो यह दोस्ती की कड़ी परीक्षा होती है। अल्गू ने न्याय करते हुए खाला के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे जुम्मन की मित्रता पर गहरा आघात ल
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