“ईमानदारी का फल” शिक्षाप्रद कहानी / Hindi Story Imandari Ka Phal
Imandari Ka Phal Hindi Kahani / Shikshaprad Kahani / हिंदी कहानी ईमानदारी का फल। Imandari Ka Phal शीर्षक- “ईमानदारी का फल” सुंदरपुर और नन्हा अर्जुन: बहुत समय पहले की बात है। हरे-भरे खेतों, आम और नीम के पेड़ों, साफ़ बहती नदी और चहचहाते पक्षियों से घिरा हुआ एक छोटा-सा गाँव था, जिसका नाम था सुंदरपुर। यह गाँव जितना सुंदर था, उतने ही सादे और अच्छे दिल वाले वहाँ के लोग भी थे। इसी गाँव में एक दस साल का लड़का रहता था, जिसका नाम था अर्जुन। अर्जुन के पिता का नाम था मोहनलाल और माता का नाम सरिता देवी। उसके पिता किसान थे और बहुत मेहनत करके परिवार का पालन-पोषण करते थे। अर्जुन की माँ घर संभालती थीं और साथ ही बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाती थीं। अर्जुन पढ़ने में अच्छा था, लेकिन उससे भी ज़्यादा वह ईमानदार, सच्चा और दयालु था। उसकी माँ अक्सर कहा करती थीं— “बेटा, धन से बड़ा चरित्र होता है और चालाकी से बड़ा सच।” अर्जुन यह बात हमेशा अपने दिल में रखता था। अर्जुन की आदतें: अर्जुन रोज़ सुबह जल्दी उठता, भगवान को नमस्कार करता और फिर अपने पिता के साथ खेत जाने में मदद करता। स्कूल जाने से पहले वह गाय को ...
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