आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aankhen Bichhana Meaning In Hindi
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AnBichhana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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आँखें बिछाना |
मुहावरा- “आँखें बिछाना” ।
( Muhavara- Aanken Bichhana )
अर्थ- हृदय से स्वागत करना / लम्बे समय से किसी के आने का इंतज़ार करना / बेसब्री से इंतज़ार करना / प्रेम पूर्वक स्वागत करना / सत्कार करना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Hriday Se Swagat Karna / Lambe Samay Se Kisi Ke Aane Ka Intezaar Karna / Besabri Se Intezaar Karna / Prem Purvak Swagat Karna / Satkar Karna )
“आँखें बिछाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“आँखें बिछाना” यह हिंदी भाषा का एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी के आने की खुशी में उसका हृदय से स्वागत करना या प्रेम पूर्वक स्वागत करना होता है ।
अगर कोई व्यक्ति किसी के आने के इंतेज़ार में वर्षों से या बहुत दिनों से प्रतीक्षा कर रहा है, तो हम ये कह सकते हैं कि व्यक्ति ने किसी के लिए अपनी आँखें बिछाये बैठा है । और जब वह व्यक्ति आ जायेगा तो उसके आने कि खुशी मे उसका प्रेम पूर्वक सत्कार करेगा ।
उदाहरण-
माता सबरी प्रभु श्री राम के आने के इंतेज़ार में वर्षों से अपनी आँखें बिछाई बैठी रहीं ।
माता सवरी को एक मुनी ने कहा कि तुम्हारे भगवान तुम्हे जल्द ही दर्शन देंगे । वो एक दिन इसी रास्ते से आएंगे । तब से माता सबरी उस रास्ते पर बैठ कर प्रभु श्री राम की प्रतिक्षा प्रतिदिन करने लगीं । प्रभु राम के अतिथि सत्कार के लिए माता सबरी हर रोज ताजे फल लेकर अपने प्रभु का इंतज़ार करती रहती की मेरे प्रभु आएंगे और मुझे अपना दर्शन देंगे ।
एक दिन माता सबरी के वर्षो का इन्तेज़ार खत्म हुआ । प्रभु को आते देख कर सबरी माता के आँखों से आंशुओ की धार बहने लगी । माता सवरी मे प्रभु श्री राम का पूरे हृदय से स्वागत किया । ऐसा स्वागत ना आज तक किसी ने किया था और ना ही आगे कोई कर पायेगा ।
अर्थात कि माता सबरी का प्रभु श्री राम के आने का वर्षो से इंतज़ार करना ही “आँखें बिछाना” कहलाता है ।
“आँखें बिछाना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Aankhen Bichhana Muhavare Ka Vakya Prayog.
“आँखें बिछाना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
सोनू को जब पता चला कि उसके मामा आने वाले हैं, तो वो आँखें बिछाकर अपने मामा का प्रतीक्षा करने लगा ।
सोनू ने जब देखा कि उसकी माँ अच्छे पकवान बना रही है, तो उसने पूछा कि क्या बात है माँ? आज तुम बहुत दिनों के बाद अच्छे पकवान बना रही हो । तो सोनू की माँ ने उससे कहा कि आज तुम्हारे मामा आने वाले है, उन्ही के लिए ये सब बना रही हूं । सोनू ने जब ये सुना कि उसके मामा आने वाले हैं तो वह बहुत खुश हुआ । सोनू दरवाजे पर बैठ कर अपने मामा का इंतेज़ार करने लगा । काफ़ी देर तक जब उसके मामा नही आये तो वो उदास हो गया । सोनू की माँ ने कहा कि बेटा आ जाएंगे किसी काम से लेट हो गया होगा । जाओ तब तक तुम आराम कर लो । सोनू ने कहा की नही मै उनका इंतज़ार करूंगा । अर्थात कि सोनू का अपने मामा का बेसब्री से आने का इंतज़ार करना ही “आँखें बिछाना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
जब श्री राम 14 वर्षो के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे तो पूरे अयोध्या वासी उनका हृदय से स्वागत किया ।
अयोध्या के लोग श्री राम के आने की प्रतीक्षा में 14 वर्षो तक आँखे बिछा कर बैठे रहे । पर जब अयोध्या के लोगों को ये पता चला की राम जी आ रहे हैं तो सभी लोग उनका बेसब्री से इंतेज़ार करने लगे । और जैसे ही प्रभु राम अयोध्या में अपने कदम रखे तो सभी लोग हृदय से प्रेम पूर्वक उनका स्वागत किया । और पूरे अयोध्या नगरी को दीपों से प्रजवल्लित कर दिया ।
अर्थात कि प्रभु श्री राम के आने का 14 वर्षो तक अयोध्या के लोगो द्वारा प्रतीक्षा करना ही “आँखें बिछाना” कहते हैं।
वाक्य प्रयोग- 3.
भक्त अपने भगवान के दर्शन करने के लिए पुरी रात आँखें बिछाए द्वार पर खड़े रहे ।
कुछ भक्त अपने भगवान का दर्शन करने के लिए गए हुए थे । जब तक वो लोग पहुचें तब तक काफी रात हो गयी और भगवान के दर्शन करने का द्वार बंद हो चुका था । भिड़ से बचने के लिए उन लोगों ने रात भर वही द्वार पर खड़े रहकर सुबह होने का और अपने भगवान का दर्शन करने के लिए बेसब्री से प्रतीक्षा करते रहे । और जैसे ही सुबह हुआ और मंदिर का द्वार खुला तो वो लोग हृदय से प्रेम पूर्वक अपने भगवान का दर्शन किया । अर्थात कि जो भक्त दर्शन के लिए गये थे, उनका रात भर मंदिर का द्वार खुलने की प्रतीक्षा करना ही आँखे बिछाना कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 4.
सनी अपने माँ का एकलौत बेटा है । वो विदेश में अपनी पढ़ाई करता है । पर जब सनी की माँ को पता चला कि सनी घर वापस आ रहा है तो वो अपने बेटे के आने के इंतेज़ार में आँखे बिछाए बैठी रही ।
वाक्य प्रयोग- 5.
रक्षा बंधन पर्व के आने के लिए सभी भाई-बहन आँखे बिछाए बैठे रहते हैं । और एक दूसरे का हृदय से स्वागत करते हैं ।
दोस्तों, हम आशा करते है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए आप हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ।
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