“गोलमाल करना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग/ Golmaal Karna Meaning In Hindi

Golmaal Karna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / गोलमाल करना मुहावरे का क्या मतलब होता है? मुहावरा- “गोलमाल करना”। (Muhavara- Golmaal Karna) अर्थ- काम गड़बड़ करना / काम बिगाड़ना / घपला करना / कोई वस्तु गायब कर देना । (Arth/Meaning In Hindi- Kaam Gadbad Karna / Kaam Bigadna / Ghapla Karna / Koi Vastu Gayab Kar Dena) “गोल माल करना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-  परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष स्थान है। मुहावरे भाषा को केवल रोचक ही नहीं बनाते, बल्कि कम शब्दों में गहरे भाव और अर्थ व्यक्त करने की क्षमता रखते हैं। इन्हीं मुहावरों में से एक प्रचलित और प्रभावशाली मुहावरा है- “गोल माल करना”। यह मुहावरा दैनिक जीवन, साहित्य, समाचार, राजनीति और सामाजिक चर्चाओं में अक्सर सुनने को मिलता है। इसका प्रयोग सामान्यतः नकारात्मक अर्थ में किया जाता है। मुहावरे का शाब्दिक अर्थ: “गोल माल करना” शब्दों से मिलकर बना है — गोल और माल। गोल का अर्थ है गायब कर देना या इधर-उधर कर देना। माल का अर्थ है धन, वस्तु या संपत्ति। शाब्दिक रूप से इसका अर्थ हुआ- माल को गोल कर देना, अर्थात माल को इस प्रकार ...

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Naak Ka Baal Hona Meaning In Hindi


Naak Ka Baal Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?

 

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Naak Ka Baal Hona Meaning In Hindi
Naak Ka Bal Hona






मुहावरा- “नाक का बाल होना” ।


(Muhavara- Naak Ka Baal Hona)



अर्थ- बहुत निकट और विश्वस्त होना / प्रिय व्यक्ति होना / गहरा मित्र होना / अधिक प्यारा होना / किसी के अधिक समीप होना


(Arth/Meaning in Hindi- Bahut Nikat Aur Vishwasht Hona / Priya Vyakti Hona / Gahara Mitra Hona / Ashik Pyara Hona / Kisi Ke Adhik Samip Hona)






“नाक का बाल होना” मुहावरे का अर्थ/व्यख्या इस प्रकार है-


नाक का बाल होना” यह हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी व्यक्ति का बहुत प्रिय होना या किसी के अत्यधिक समीप होना होता है ।


दोस्तों, अगर कोई व्यक्ति किसी का बहुत खास है और वह हर वक़्त उसके समीप रहता है तो हम ये कह सकते हैं कि वह व्यक्ति उसका नाक का बाल है । किसी का बहुत प्यारा और गहरा मित्र होना भी इस मुहावरे का अर्थ होता है । 



इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -


मुझसे शर्मा जी ने कहा कि आपको तो मालूम होगा कि आजकल दुबे जी प्रधानाचार्य जी की नाक के बाल बने हुए हैं ।


उपरोक्त उदाहरण में ये बताया गया है कि एक व्यक्ति जिनका नाम दुबे जी है, वे किस प्रकार हर समय प्रधानाचार्य महोदय जी के समीप रहते हैं । हर वक़्त समीप रहने के कारण दुबे जी प्रधानाचार्य जी के बहुत प्रिय भी हो गये हैं । 


यही कारण है कि मुझसे शर्मा जी ने कहा कि आजकल दुबे जी प्रधानाचार्य जी के “नाक का बाल बने” हुए हैं । 



“नाक का बाल होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Naak Ka Baal Hona Muhavare Ka Vakya Prayog.


नाक का बाल होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है । जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


राघव अपनी माँ का बहुत ही प्रिय है, इसलिए सब कोई कहता है कि राघव अपनी माँ की नाक का बाल है ।


राघव अपने माता-पिता का एकलौता संतान है । राघव जो भी वस्तु मांगता, उसे वह मिल जाता है । राघव की माता उससे बहुत ज्यादा प्यार करती है । राघव की माँ एक पल के लिए भी राघव को अपने से दूर नही होने देती है । राघव की माँ जहां भी जाती उसे अपने साथ लेकर जाती हैं । राघव अपने पिता के साथ थोड़ा कम समय व्यतीत करता है और अपनी माँ के साथ ज्यादा । 

राघव अपनी माँ के ज्यादा करीब रहने से वो अपनी माँ का दुलारा हो गया है । दोनों एक साथ रहने के कारण दोनोें का एक दूसरे के साथ लगाव ज्यादा हो गया है । और राघव की माँ  उससे हद से ज्यादा ही प्यार करती है, और हमेशा अपने करीब रखती है । यही कारण हैं कि लोग कहते है, कि राघव अपनी माँ की नाक का बाल है ।



वाक्य प्रयोग- 2.


सुरेश हमेशा कहता है कि राजनीति में नेताओं को जनता की नाक का बाल बन कर रहना चाहिए । 


सुरेश एक राजनीतिक विश्लेषक है । वह जनता के मूड से भली-भांति परिचीत है । लोगों के मन में नेताओं को लेकर क्या सोच रहता है, ये जानने के लिए सुरेश चुनाव के समय में उनके बीच जाता रहता है । नेताओं का तो यही काम है कि चुनाव आते ही उनको जनता याद आने लगती है । और चुनाव बीत जाने के बाद ये लोग जनता को भूल जाते हैं । 

सुरेश ने आगे बताया कि जनता के मन में अपने नेताओं को लेकर अलग ही सोच रहती है । जनता चाहती है कि चुनाव जितने के बाद भी नेता लोग उनके समीप रहें । अगर नेता लोग अपनी जनता के समीप रहते और उनसे जुड़े हुए रहते तो उन्हे लोगो का और प्यार मिलता । 

इसीलिए सुरेश ने कहा कि नेताओं को जनता के दिल में जगह बनाने के लिए उन्हे जनता की नाक का बाल होना पड़ेगा ।



वाक्य प्रयोग- 3.


आजकल हर कोई अपने फायदे के लिए सरकारी बाबूओं के नाक का बाल होना चाहता है ।


हम सब को पता है कि आजकल सरकारी सुविधाओं का लाभ हर किसी को मिल रहा है । फिर कुछ लोग ऐसे हैं, जो चाहते है कि सरकारी सुविधाओं का कितना ज्यादा फायदा उठा लिया जाए । पर ऐसा हो नही पाता है क्योंकि उनकी सरकारी बाबुओं से नजदीकी नही है । बहुत कम ही लोग होते हैं जो सरकारी बाबुओं के निकट रहते है और उनके मित्र भी बन जाते है । और यही लोग सरकारी सुबिधाओं का ज्यादा फायदा उठाते हैं । इसी को देखकर आजकल हर कोई यही चाहता है कि वो भी सरकारी बाबूओं के निकट आ जाए और उनको अपना मित्र बना लें । अर्थात कि लोगों का सरकारी बाबू के निकट आना अथवा उनको अपना मित्र बनाने की कोशिश करना ही नाक का बाल होने या बनने के समान है ।



हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो ! 😊




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