आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aag Babula Hona Meaning In Hindi
- Get link
- Other Apps
Aag Babula Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
Aag Babula Hona |
मुहावरा- “आग बबूला होना” ।
(Muhavara- Aag Babula Hona)
अर्थ- अत्यंत क्रोधित हो जाना / बौखला जाना / क्रोध से उन्मत्त हो जाना / बहुत गुस्से में होना ।
(Arth/Meaning in Hindi- Atyant Krodhit Ho Jana / Baukhla Jana / Krodh Me Unmatt Ho Jana / Bahut Gusse Me Hona)
“आग बबूला होना” मुहावरे का अर्थ/ब्याख्या इस प्रकार है-
“आग बबूला होना” यह हिंदी भाषा में बोले जाने वाला एक महत्वपूर्ण मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी के प्रति क्रोधित हो जाना अथवा गुस्से से बौखला जाना होता है ।
इस मुहावरे का एक और अर्थ हो सकता है कि किसी व्यक्ति या स्तिथि को लेकर बहुत चिंतित या उत्साहहीन हो जाना । इसमें उत्साह की अभावना और थकान का अहसास होता है ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
रावण ने जैसे ही देखा कि उसकी बहन सुपनखा का नाक और कान किसी ने काट लिया है तो वह “आग बबूला हो गया” ।
रावण अपने महल मे मंत्रियों के साथ किसी विषय पर चर्चा कर रहा था । तभी भरी सभा में रावण की बहन आ पहुंची । सुपनखा को देख कर सब लोग अचंभित हो गये । क्योंकि सुपनखा ने हांथो से अपने नाक और कान को पड़के हुए थी । सुपनखा के हाथ खून से लतपथ थे । रावण ने इसका कारण पूछा तो उसकी बहन ने बताया कि वन मे दो सन्यासी आये हैं उन्होंने ही मेरी ये हालात की है । इतना सुनते ही रावण अत्यंत क्रोधित हो गया । रावण का इस प्रकार से क्रोधित होना या फिर बौखला जाना ही “आग बबूला होना” कहलाता है ।
“आग बबूला होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Aag Babula Hona Muhavare Ka Vakya Prayog.
“आग बबूला होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिये गये कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
भारत से क्रिकेट मैच हारते ही पाकिस्तान की जानता “आग बबूला हो गयी” ।
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हो रहा था । भारत इस मैच में पाकिस्तान के सामने बेबस नज़र आ रहा था । क्योंकि जीत के लिए अभी काफ़ी ज्यादा रन चाहिए थे और भारत के आधे से ज्यादा बल्लेबाज़ आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे । पाकिस्तान को पुरी उम्मीद हो चुकी थी की वह मैच जीत जायेगा । पाकिस्तान के सपोर्टर भी काफ़ी ज्यादा जोश में दिखाई दे रहे थे । पाकिस्तानी दर्शकों को उत्साह लाज़मी था क्योंकि पाकिस्तान ये मैच जीत रहा था और भारत उसके सामने लड़खड़ा रहा था । पर कहते हैं ना कि मैच मे जबतक आखरी बॉल न फेक दी जाए अथवा जब तक आखरी बल्लेबाज़ नही आउट हो तबतक मैच समाप्त नही होता है । आखरी के कुछ ओवरों में पाकिस्तान के गेंदबाज़ो की खूब पिटाई हुयी जिससे उनकी गेंदबाज़ी की लय बिगड़ गयी । और नतीजा ये हुआ की भारत के पुछल्ले बल्लेबाज़ो ने ये मैच जीता दिया । और पाकिस्तान ये मैच जीतते हुए भी हार गया ।
पाकिस्तान का भारत से मैच हारते ही पाकिस्तानी दर्शक बहुत गुस्सा हो गये । वो इस हार से इतना बौखला गये की तोड़ फोड़ करने लगे । पाकिस्तानी अवाम का इस प्रकार से गुस्सा होना ही अथवा बौखला जाना ही “आग बबूला होना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
रतन के भाई ने जब उससे कहा कि आज स्कूल में मास्टर जी ने मुझे बहुत मारा है तो वह तुरंत “आग बबूला हो गया” ।
रतन अपने भाई से बहुत प्रेम करता है । वह उसके आँखों में आंशु की एक बुंद भी नही देख सकता था । पर एक दिन रतन के भाई को उसके स्कूल के एक मास्टर ने कुछ ज्यादा ही पीट दिया । जिससे रतन बहुत नाराज़ हुआ और अपने भाई को लेकर उसके स्कूल गया । रतन ने जब मास्टर से पूछा कि आपने इसे इतना क्यू पीटा है तो मास्टर ने जबाब दिया की ये अपना होमवर्क करके नही आता है । फिर रतन ने बोला कि जब ये होमवर्क करके नही आता है तो आपको हमें सूचना देनी चाहिए या फिर आपको इसको अच्छे से समझना चाहिए न कि इस प्रकार से इसे दंडित करना चाहिए । रतन ने फिर आगे कहा कि आप एक अध्यापक की भूमिका निभा रहें हैं, आपको बच्चों से प्रेम पूर्वक तालमेल बिठाना चाहिए ना की डरा धमका कर उनसे होमवर्क करवाना चाहिए । मैं आपसे उम्मीद करता हु कि आगे से आप बच्चों के साथ नरमी से पेश आएंगे । अब ज्यादा क्या बोलू मै आगे आप खुद समझदार हैं ।
अर्थात की रतन का अपने भाई को रोता हुआ देखकर गुस्से में हो जाना या अत्यधिक क्रोधित हो जाना ही “आग बबूला होना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 3.
हनुमान जी को भूख लगने पर अशोक वाटिका में तोड़ फोड़ करने से राक्षसी सेना “आग बबूला हो गयी” ।
जब हनुमान जी सीता माता की खोज मे लंका पहुँचे थे तब उन्हे भूख लग गयी थी । फिर उन्होंने अशोक वाटिका में पेड़ो पर ताज़े फल लगे देखा तो उनकी भूख और बढ़ गयी । फिर क्या था हनुमान जी ने फल खाना शुरु कर दिया । हनुमान जी ठहरे एक वानर इसलिए वे अपने स्वभाव के अनुसार फल खाते समय कुछ डालियों को भी तोड़ कर फेक देते थे । जैसे ही राक्षसों को पता चला कि अशोक वाटिका में एक वानर घुस आया है और वह बीना पूछे फल तो खा ही रहा है साथ ही साथ पेड़ो को भी नुकसान पहुंचा रहा है तो वो क्रोधित हो गये । जैसे ही राक्षसों ने हनुमान जी को पकड़ना चाहा वो पेड़ो को उखाड़ कर उनके उपर फेकने लगे । हनुमान जी के ऐसा करने से राक्षस और बौखला गये ।
राक्षसों का इस प्रकार से हनुमान जी के उपर बौखला जाने को ही “आग बबूला होना” कहते हैं ।
दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देनें के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो !😊
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment