“बुद्धिमान खरगोश” शिक्षाप्रद हिंदी कहानी / Buddhiman Khargosh Hindi


Buddhiman Khargosh Hindi Kahani / हिंदी कहानी बुद्धिमान खरगोश।

 

“बुद्धिमान खरगोश” शिक्षाप्रद हिंदी कहानी / Buddhiman Khargosh Hindi
Budhhiman Khargosh


शीर्षक: बुद्धिमान खरगोश


घने जंगल के किनारे एक हरा-भरा मैदान था। उसी मैदान के पास झाड़ियों के बीच एक छोटा-सा खरगोश रहता था। उसका नाम था चिंटू। चिंटू आकार में छोटा था, लेकिन उसकी आँखों में चमक और दिमाग में गहरी समझ थी। जंगल के सभी जानवर जानते थे कि चिंटू बहुत बुद्धिमान है, पर वह कभी अपनी अक्ल का घमंड नहीं करता था। वह सबके साथ प्रेम से बात करता और जरूरत पड़ने पर मदद भी करता।


जंगल का जीवन:

उस जंगल में हिरण, बंदर, मोर, तोते, कछुए और कई दूसरे जानवर रहते थे। सभी अपने-अपने काम में व्यस्त रहते। हिरण घास चरते, बंदर पेड़ों पर उछलते, मोर नाचते और पक्षी मधुर गीत गाते। चिंटू सुबह जल्दी उठता, ताजी घास खाता और फिर जंगल में घूमने निकल जाता। वह हर चीज़ को ध्यान से देखता और सीखता।

चिंटू का सबसे अच्छा दोस्त था गोलू कछुआ। गोलू बहुत धीरे चलता था, लेकिन बहुत धैर्यवान था। चिंटू और गोलू अकसर नदी के किनारे बैठकर बातें करते। चिंटू नई-नई बातें सोचता और गोलू उन्हें ध्यान से सुनता।


संकट की आहट:

एक दिन जंगल में हलचल मच गई। सभी जानवर डरे-सहमे इधर-उधर भागने लगे। चिंटू ने जब कारण पूछा, तो पता चला कि जंगल में एक भयानक शेर आ गया है। वह रोज़ किसी न किसी जानवर को पकड़कर खा जाता था। शेर बहुत ताकतवर था और उसकी दहाड़ से पूरा जंगल कांप उठता।

जानवरों ने सभा बुलाई। सभी जानवर एक बड़े बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुए। हिरण बोला, “अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम सब मारे जाएँगे।” बंदर बोला, “हम पेड़ों पर तो चढ़ सकते हैं, लेकिन कब तक?” सब चिंतित थे।

चिंटू चुपचाप सबकी बातें सुन रहा था। उसने सोचा, ताकत से नहीं, अक्ल से इस समस्या का हल निकालना होगा।


समझौते का प्रस्ताव:

सभा में चिंटू ने धीरे से कहा, “मित्रों, डरने से कुछ नहीं होगा। हमें मिलकर कोई उपाय सोचना चाहिए।” सबने चिंटू की ओर देखा। हिरण बोला, “बताओ चिंटू, तुम्हारे दिमाग में क्या है?”

चिंटू ने कहा, “हम शेर से समझौता कर सकते हैं। रोज़ एक जानवर खुद उसके पास जाएगा, ताकि शेर बाकी जंगल को परेशान न करे।” यह सुनकर सब जानवर चौंक गए। लेकिन थोड़ी सोच-विचार के बाद सबको यह ठीक लगा, क्योंकि इससे कम से कम जंगल में शांति बनी रहेगी।

सबने तय किया कि रोज़ बारी-बारी से एक जानवर शेर के पास जाएगा। पहले दिन एक बूढ़ा भैंसा गया। शेर खुश हुआ और बाकी दिन शांत रहा।


चिंटू की बारी:

कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। हर दिन कोई न कोई जानवर जाता। धीरे-धीरे जानवरों की संख्या कम होने लगी। सब दुखी थे, लेकिन डर के कारण कुछ कर नहीं पा रहे थे।

एक दिन चिंटू की बारी आ गई। गोलू कछुआ रोने लगा, “चिंटू, तुम मत जाओ।” चिंटू मुस्कुराया और बोला, “डरो मत दोस्त, मुझे खुद पर भरोसा है।”

चिंटू जानबूझकर देर से चला। रास्ते में वह सोचता रहा कि शेर को कैसे सबक सिखाया जाए। जब वह शेर की गुफा के पास पहुँचा, तो शेर गुस्से से दहाड़ा, “इतनी देर क्यों की?”


बुद्धि का खेल:

चिंटू ने शांत स्वर में कहा, “महाराज, मैं अकेला नहीं आ रहा था। मेरे साथ चार और खरगोश थे, लेकिन रास्ते में एक दूसरा शेर आ गया। उसने कहा कि वही जंगल का राजा है और उसने उन चारों को खा लिया।”

यह सुनते ही शेर आग-बबूला हो गया। “क्या? इस जंगल में मेरे अलावा कोई और शेर?” उसने गरजते हुए पूछा।

चिंटू ने कहा, “हाँ महाराज, अगर आप चाहें तो मैं आपको उसके पास ले चलूँ।” शेर गुस्से में चिंटू के पीछे-पीछे चल पड़ा।


कुएँ का रहस्य:

चिंटू शेर को एक पुराने गहरे कुएँ के पास ले गया। कुआँ बहुत गहरा था और उसका पानी साफ था। चिंटू ने कुएँ में झाँकते हुए कहा, “महाराज, वही दूसरा शेर यहीं रहता है।”

शेर ने भी कुएँ में झाँका। उसे पानी में अपनी ही परछाई दिखी। उसने सोचा कि वही दूसरा शेर है। गुस्से में वह दहाड़ा और कुएँ में कूद पड़ा। गहरे पानी में गिरकर शेर डूब गया।


जंगल में खुशी:

चिंटू तुरंत जंगल लौट आया। जब उसने सारी बात बताई, तो सभी जानवर खुशी से उछल पड़े। गोलू कछुआ बोला, “चिंटू, तुम सच में बहुत बुद्धिमान हो।” हिरण, बंदर, सबने चिंटू की प्रशंसा की।

अब जंगल में फिर से शांति लौट आई। पक्षी फिर गाने लगे, हिरण निडर होकर घूमने लगे और सभी जानवर खुशी-खुशी रहने लगे।


सच्ची समझ:

एक दिन जंगल में फिर सभा हुई। सबने चिंटू को धन्यवाद दिया। चिंटू ने विनम्रता से कहा, “मित्रों, यह मेरी नहीं, हम सबकी जीत है। अगर हम मिलकर सोचें, तो हर समस्या का हल निकल सकता है।”

गोलू कछुआ मुस्कुराते हुए बोला, “ताकत से नहीं, बुद्धि से जीत मिलती है।”


कहानी से मिलने वाली सीख:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धि और समझदारी से बड़ी-से-बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। घमंड और क्रोध हमेशा नुकसान पहुँचाते हैं, जबकि शांत दिमाग और एकता से सफलता मिलती है।

और इस तरह बुद्धिमान खरगोश चिं

टू की कहानी जंगल में हमेशा के लिए यादगार बन गई।




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