“गुड़ियों का खेल” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग/ Gudiyon Ka Khel Meaning In Hindi

 

Gudiyo Ka Khel Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / गुड़ियों का खेल मुहावरे का क्या मतलब होता है?



मुहावरा- “गुड़ियों का खेल”।

(Muhavara- Gudiyon Khel)


अर्थ- सहज काम / आसान काम / बहुत सरल बात / सरल कार्य ।

(Arth/Meaning in Hindi- Sahaj Kaam / Asaan Kaam / Bahut Saral Baat / Saral Karya)


“गुड़ियों का खेल” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार हैं


परिचय:

हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग विचारों को प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है। मुहावरे भाषा को केवल सजाते ही नहीं, बल्कि उसमें जीवन के अनुभव और सामाजिक दृष्टि भी भरते हैं। “गुड़ियों का खेल” ऐसा ही एक प्रसिद्ध मुहावरा है, जो देखने में सरल लगता है, पर अपने भीतर गहरी सीख और व्यंग्य समेटे हुए है।


मुहावरे का शाब्दिक अर्थ:

शाब्दिक अर्थ में “गुड़ियों का खेल” का आशय बच्चों के उस खेल से है, जिसमें वे गुड़ियों के साथ काल्पनिक संसार रचते हैं। बच्चे गुड़ियों को कभी माँ, कभी बेटी, कभी दुल्हन तो कभी रानी बनाकर खेलते हैं। यह खेल पूरी तरह कल्पना पर आधारित होता है, जिसमें न तो किसी प्रकार की जिम्मेदारी होती है और न ही वास्तविक जीवन की कठिनाइयाँ।


मुहावरे का भावार्थ:

भावार्थ में “गुड़ियों का खेल” उस कार्य, योजना या परिस्थिति को कहा जाता है, जिसे कोई व्यक्ति बिना गंभीरता, अनुभव या समझदारी के बच्चों के खेल की तरह ले रहा हो। जब कोई कठिन या महत्वपूर्ण काम को हल्के में करता है, तब यह मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है। इसका तात्पर्य यह बताना होता है कि संबंधित विषय इतना सरल नहीं है जितना वह व्यक्ति समझ रहा है।


मुहावरे का प्रयोग:

यह मुहावरा प्रायः उपदेश, आलोचना या चेतावनी के रूप में प्रयोग किया जाता है। जब किसी को समझाना हो कि जीवन के निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए, तब कहा जाता है—

“यह कोई गुड़ियों का खेल नहीं है।”

यह वाक्य सुनने वाले को यह एहसास दिलाता है कि वह जिस काम को सरल मान रहा है, उसमें जोखिम और जिम्मेदारी छिपी हुई है।


सामाजिक संदर्भ:

समाज में यह मुहावरा बड़ों द्वारा छोटों को समझाने के लिए अधिक प्रयोग किया जाता है। माता-पिता बच्चों को पढ़ाई, करियर और जीवन के फैसलों के बारे में बताते समय कहते हैं कि यह सब गुड़ियों का खेल नहीं है। शिक्षक विद्यार्थियों को यह समझाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं कि परीक्षा और भविष्य को मज़ाक में नहीं लिया जा सकता।

व्यवसाय, राजनीति और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में भी इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है, जब कोई व्यक्ति बिना तैयारी और अनुभव के बड़े निर्णय लेने लगता है।


उदाहरण के माध्यम से व्याख्या:

मान लीजिए कोई व्यक्ति बिना योजना बनाए व्यापार शुरू कर दे और सोच ले कि सब अपने आप ठीक हो जाएगा। तब अनुभवी लोग उससे कहेंगे—

“व्यापार गुड़ियों का खेल नहीं है, इसमें सोच-समझ और मेहनत की जरूरत होती है।”

यहाँ मुहावरा यह स्पष्ट करता है कि व्यापार में गंभीरता, अनुभव और समझ आवश्यक है।


साहित्यिक महत्व:

हिंदी साहित्य में “गुड़ियों का खेल” मुहावरे का प्रयोग व्यंग्य और कटाक्ष के रूप में किया गया है। लेखक और कवि इसका प्रयोग करके समाज की उस प्रवृत्ति पर चोट करते हैं, जहाँ लोग गंभीर विषयों को भी मज़ाक की तरह लेते हैं। यह मुहावरा पाठक को सोचने पर विवश करता है कि वह अपने कर्तव्यों को कितनी गंभीरता से निभा रहा है।


“गुड़ियों का खेल” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Gudiyo Ka Khel Muhavare Ka Vakya Prayog.


1. देश चलाना गुड़ियों का खेल नहीं है, इसके लिए अनुभव और समझ चाहिए।

2. पढ़ाई को गुड़ियों का खेल समझने वाले छात्र अक्सर असफल हो जाते हैं।

3. व्यापार शुरू करना गुड़ियों का खेल नहीं, इसमें जोखिम भी होता है।

4. जीवन के बड़े फैसले गुड़ियों का खेल नहीं होते।

5. नौकरी पाना आज के समय में गुड़ियों का खेल नहीं रह गया है।

6. राजनीति में सफल होना गुड़ियों का खेल नहीं है।

7. परीक्षा की तैयारी को उसने गुड़ियों का खेल समझ लिया।

8. बच्चों की परवरिश गुड़ियों का खेल नहीं होती।

9. समाज में बदलाव लाना गुड़ियों का खेल नहीं है।

10. कानून बनाना गुड़ियों का खेल नहीं, इसमें जिम्मेदारी होती है।

11. खेल के मैदान में जीत हासिल करना गुड़ियों का खेल नहीं होता।

12. डॉक्टर बनना गुड़ियों का खेल नहीं है, इसके लिए वर्षों की मेहनत चाहिए।

13. किसान की मेहनत को गुड़ियों का खेल समझना बड़ी भूल है।

14. शिक्षक बनना गुड़ियों का खेल नहीं, यह एक बड़ी जिम्मेदारी है।

15. परिवार चलाना गुड़ियों का खेल नहीं होता, इसमें समझदारी चाहिए।


निष्कर्ष:

“गुड़ियों का खेल” मुहावरा हमें यह सीख देता है कि जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को बच्चों के खेल की तरह नहीं लेना चाहिए। हर बड़ा निर्णय जिम्मेदारी, अनुभव और सोच-विचार की माँग करता है। यह मुहावरा भाषा को न केवल प्रभावशाली बनाता है, बल्कि हमें व्यवहारिक और गंभीर बनने का संदेश भी देता है।

इस प्रकार, “गुड़ियों का खेल” हिंदी भाषा का एक सार्थक और शिक्षाप्र

द मुहावरा है, जो जीवन की वास्तविकताओं से परिचित कराता है।



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