“गले पड़ना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gale Padna Meaning In Hindi
Gale Padna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / गले पड़ना मुहावरे का क्या मतलब होता है?
मुहावरा: “गले पड़ना”।
(Muhavara- Gale Padna)
अर्थ- अनचाही जिम्मेदारी, झंझट या मुसीबत का अपने सिर पर आ जाना।
(Arth/Meaning in Hindi- Anchahi Zimmedari, Jhanjhat Ya Musibat Ka Apane Sir Par Aa Jana)
“गले पड़ना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
शब्दार्थ:
“गले पड़ना” का शाब्दिक अर्थ है, किसी के गले में लिपट जाना या किसी के ऊपर चिपक जाना।
मुहावरे का अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति के लिए प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या कोई झंझट, जिम्मेदारी या मुसीबत बिना चाहे किसी पर थोप दी जाए या अपने आप आ जाए।
अर्थात्, अनचाही जिम्मेदारी, बोझ या परेशानी का अपने सिर पर आ जाना।
व्याख्या:
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम किसी व्यक्ति या काम से दूर रहना चाहते हैं, परंतु परिस्थितियाँ ऐसी बन जाती हैं कि वही व्यक्ति या कार्य हमसे चिपक जाता है। इस स्थिति को ही “गले पड़ना” कहा जाता है।
यह मुहावरा अक्सर नकारात्मक अर्थ में प्रयुक्त होता है। जब कोई व्यक्ति अपनी चालाकी या लापरवाही से किसी और को कठिन परिस्थिति में डाल देता है, तो कहा जाता है कि “वह मेरे गले पड़ गया।”
इसी प्रकार जब कोई अनुपयुक्त काम या जिम्मेदारी हमें हमारी इच्छा के विरुद्ध दी जाती है, तब भी यह मुहावरा उपयुक्त होता है।
उदाहरण:
1. वह अनाथ बच्चा अब मेरे गले पड़ गया, उसकी जिम्मेदारी से मैं बच नहीं सकता।
2. बिना सोचे-समझे उसने साझेदारी कर ली, अब पूरा नुकसान उसके गले पड़ गया।
3. जो काम उसने टालने की कोशिश की, वही आखिरकार उसके गले पड़ गया।
4. दूसरों के झगड़े में बोलना उसे महँगा पड़ा, अब पूरा मामला उसके गले पड़ गया।
सामाजिक और भावनात्मक पक्ष:
यह मुहावरा केवल बोझ या परेशानी तक सीमित नहीं है, बल्कि मानव-स्वभाव और समाज की व्यावहारिक स्थितियों को भी दर्शाता है। कभी-कभी दूसरों की मदद करने की भावना में व्यक्ति ऐसा कदम उठा लेता है, जो आगे चलकर उसके लिए सिरदर्द बन जाता है।
इस तरह “गले पड़ना” मुहावरा यह सिखाता है कि किसी भी जिम्मेदारी या संबंध को स्वीकार करने से पहले उसके परिणामों पर विचार करना चाहिए, वरना वही कार्य या व्यक्ति आगे चलकर बोझ बन सकता है।
“गले पड़ना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Gale Padna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. वह अनाथ बच्चा अब मेरे गले पड़ गया, उसकी जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है।
2. बिना सोचे-समझे काम स्वीकार कर लिया, अब सारा झंझट मेरे गले पड़ गया।
3. उसने दूसरों के झगड़े में टाँग अड़ा दी, अब पूरा मामला उसके गले पड़ गया।
4. किसी की मदद करने गया था, उल्टा खुद ही मुसीबत गले पड़ गई।
5. यह पुराना मकान खरीदकर मैंने तो खुद पर मुसीबत गले डाल ली।
6. जो काम मैंने टालने की कोशिश की, वही आखिरकार मेरे गले पड़ गया।
7. दोस्त की नौकरी की सिफारिश कर दी, अब उसकी हर गलती मेरे गले पड़ गई।
8. बिना जाने-समझे उधार दे दिया, अब वसूली की परेशानी मेरे गले पड़ गई।
9. समाज सेवा के नाम पर उसने ऐसा बोझ गले डाल लिया, जिससे छुटकारा नहीं।
10. शादी में छोटी गलती कर दी, अब पूरा खर्चा मेरे गले पड़ गया।
11. मुफ्त की सलाह देना उसे भारी पड़ा, अब पूरा मामला उसके गले पड़ गया।
12. पड़ोसी की मदद करने गया था, पर उसकी लड़ाई अब मेरे गले पड़ गई।
13. ये पुराना कंप्यूटर खरीदना मेरी सबसे बड़ी गलती थी, अब मरम्मत का झंझट गले पड़ गया।
14. उसने अपने रिश्तेदार को काम पर रख लिया, अब उसकी लापरवाही उसके गले पड़ गई।
15. दोस्ती निभाने गया था, लेकिन अब उसका पूरा कारोबार मेरे गले पड़ गया।
16. बिना सोचे किसी को घर में रख लिया, अब वही व्यक्ति मेरे गले पड़ गया।
17. यह झूठा वादा करना मुझे भारी पड़ा, अब सबके ताने मेरे गले पड़ गए।
18. गरीबों की मदद के लिए उधार लिया पैसा अब मेरे गले पड़ गया।
19. किसी की गलती के कारण सजा मुझे मिली, यानी मामला मेरे गले पड़ गया।
20. उसकी बीमारी का खर्च उठाने की बात कही थी, अब पूरी जिम्मेदारी मेरे गले पड़ गई।
21. दूसरों की गलती सुधारने चला था, अब सारा झंझट मेरे गले पड़ गया।
22. उसने पुराना सौदा कर लिया, अब नुकसान उसके गले पड़ गया।
23. रिश्ता निभाने के चक्कर में एक नालायक दामाद गले पड़ गया।
24. बिना पढ़े दस्तखत कर दिए, अब कानूनी मामला मेरे गले पड़ गया।
25. किसी की दया दिखाने के चक्कर में पूरा परिवार मेरे गले पड़ गया।
26. स्कूल में नई योजना शुरू की, अब सारी जिम्मेदारी मेरे गले पड़ गई।
27. उसने दूसरों की बातों में आकर काम ले लिया, अब वही उसके गले पड़ गया।
28. नौकरी में अतिरिक्त प्रोजेक्ट लिया, अब समय की कमी मेरे गले पड़ गई।
29. यह झूठी रिपोर्ट बनाना उसके गले पड़ गया, अब अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
30. दूसरों की गलतियों का बोझ हमेशा मेरे ही गले पड़ जाता है।
निष्कर्ष:
“गले पड़ना” मुहावरा जीवन की उन परिस्थितियों को बड़ी सटीकता से दर्शाता है, जब कोई व्यक्ति अनजाने में किसी झंझट, परेशानी या जिम्मेदारी में फँस जाता है। यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हर काम या संबंध में कदम रखने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि जल्दबाजी या भावुकता में किया गया कार्य आगे चलकर बोझ बन सकता है।
यह मुहावरा केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि अनुभव का प्रतीक है, जो बताता है कि दूसरों की समस्याएँ या गलतियाँ अपने सिर लेने से पहले परिणामों का अंदाज़ा लगा लेना आवश्यक है।
संक्षेप में कहा जाए तो, “गले पड़ना” जीवन की उस स्थिति का द्योतक है जहाँ इंसान अपनी इच्छा के विरुद्ध किसी बोझ को ढोने के लिए विवश हो जाता है। इसलिए यह मुहावरा हमें सतर्क, विवेकशील और जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देता है।
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