“गला फाड़ना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gala Phadna Meaning In Hindi
Gala Fadna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / गला फाड़ना मुहावरे का क्या मतलब होता है?
मुहावरा: “गला फाड़ना”।
(Muhavara- Gala Phadna)
अर्थ- जोर से चिल्लाना या ऊँची आवाज़ में बात करना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Jor Se Chillana Ya Unchi Awaz Me Bat Karna)
“गला फाड़ना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
शब्दार्थ:
‘गला फाड़ना’ का शाब्दिक अर्थ है – इतनी ज़ोर से बोलना या चिल्लाना कि व्यक्ति का गला फट जाए या बैठ जाए। लेकिन मुहावरे के रूप में इसका प्रयोग वास्तविक अर्थ में नहीं, बल्कि भावार्थ में किया जाता है। जब कोई व्यक्ति बहुत ऊँची आवाज़ में चिल्लाता है, किसी बात को जोर-जोर से कहता है, गाना गाता है या किसी बात का विरोध या समर्थन करते हुए अपनी आवाज़ को हद से ज़्यादा ऊँचा कर देता है, तब कहा जाता है कि वह “गला फाड़ रहा है।”
भावार्थ:
‘गला फाड़ना’ मुहावरे का भावार्थ है — बेहद ज़ोर से चिल्लाना या ऊँची आवाज़ में बोलना। यह किसी व्यक्ति की अत्यधिक उत्तेजना, गुस्सा, दुख, जोश या विरोध की अवस्था को दर्शाता है। जब किसी व्यक्ति की बात को कोई नहीं सुनता, या जब वह अपनी बात को सबके सामने प्रभावशाली ढंग से रखना चाहता है, तब वह अपनी आवाज़ को ऊँचा कर लेता है, यानी “गला फाड़ने” लगता है। इस मुहावरे में व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति, अधीरता और अभिव्यक्ति की तीव्रता दोनों का चित्रण मिलता है।
मुहावरे का प्रयोग:
‘गला फाड़ना’ मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक या हास्यपूर्ण भाव में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग यह दिखाने के लिए होता है कि कोई व्यक्ति बिना ज़रूरत के ज़्यादा चिल्ला रहा है, या अपनी बात मनवाने के लिए आवाज़ ऊँची कर रहा है। यह किसी के अत्यधिक प्रयास करने पर भी प्रयोग होता है जब उसकी बात का कोई असर नहीं होता।
उदाहरण के लिए:
1. वह पूरा दिन गला फाड़-फाड़कर बच्चों को पढ़ाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
2. नेता मंच पर गला फाड़-फाड़कर भाषण दे रहा था, पर जनता पर कोई असर नहीं पड़ा।
3. मैंने तो गला फाड़कर समझाया कि झगड़ा मत करो, पर वे किसी की सुनने को तैयार नहीं थे।
4. वह गायक इतना ज़ोर से गा रहा था कि ऐसा लगा जैसे गला फाड़ देगा।
व्याख्या:
‘गला फाड़ना’ मुहावरा भारतीय समाज की उस प्रवृत्ति को भी दर्शाता है जिसमें व्यक्ति अपनी बात को प्रभावशाली बनाने के लिए आवाज़ पर ज़ोर देता है। हमारे समाज में अक्सर यह देखा जाता है कि जब कोई अपनी बात से दूसरों को प्रभावित नहीं कर पाता, तो वह ज़ोर से बोलने लगता है, यह सोचकर कि ऊँची आवाज़ में बोलने से लोग उसकी बात मान लेंगे। यह मानवीय स्वभाव का हिस्सा है कि जब भावनाएँ तीव्र होती हैं, चाहे वह गुस्सा हो, डर हो, दुख हो या उत्साह, तब आवाज़ भी स्वाभाविक रूप से ऊँची हो जाती है।
‘गला फाड़ना’ मुहावरे में यह संकेत छिपा है कि केवल आवाज़ ऊँची करने से बात का प्रभाव नहीं बढ़ता। कई बार लोग अपनी बात को बिना संयम के प्रस्तुत करते हैं, जिससे उनकी बात का अर्थ खो जाता है और सामने वाला व्यक्ति उसे गंभीरता से नहीं लेता। इस तरह, यह मुहावरा एक प्रकार की चेतावनी या व्यंग्य भी है कि बात की ताकत आवाज़ में नहीं, तर्क और संयम में होती है।
सामाजिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में अर्थ:
भारतीय लोक संस्कृति में “गला फाड़ना” जैसा मुहावरा बहुत जीवंत है। यह केवल बोलने की क्रिया को नहीं, बल्कि समाज की भावनात्मक ऊर्जा को भी दर्शाता है। उदाहरण के लिए, गाँवों में झगड़ों या पंचायतों में लोग अक्सर एक-दूसरे पर ज़ोर से चिल्लाते हुए अपनी बात रखते हैं, वहाँ कहा जाता है कि “सब गला फाड़-फाड़कर बोल रहे थे।” इसी तरह, धार्मिक आयोजनों में भजन-कीर्तन या जुलूसों में भी लोग पूरे जोश के साथ गाते और नारे लगाते हैं, यहाँ यह मुहावरा सकारात्मक अर्थ में भी इस्तेमाल होता है, जैसे- “भक्तों ने गला फाड़-फाड़कर भगवान का नाम लिया।”
इस प्रकार, यह मुहावरा परिस्थितियों के अनुसार कभी हास्य, कभी व्यंग्य और कभी भावनात्मक उत्साह का चित्रण करता है।
मनोवैज्ञानिक दृष्टि से विश्लेषण:
मनोविज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो “गला फाड़ना” व्यक्ति की हताशा या असहायता की अभिव्यक्ति भी हो सकती है। जब व्यक्ति को लगता है कि उसकी बात सुनी नहीं जा रही है, तो वह अपनी आवाज़ ऊँची कर लेता है, यह ध्यान आकर्षित करने की एक कोशिश होती है। इसलिए, यह मुहावरा केवल शोर मचाने का संकेत नहीं, बल्कि किसी के भीतर की बेचैनी और अभिव्यक्ति की तीव्र इच्छा का प्रतीक भी माना जा सकता है।
“गला फाड़ना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Gala Phadna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. शिक्षक ने पूरे दिन गला फाड़-फाड़कर बच्चों को पढ़ाया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
2. नेता मंच पर गला फाड़कर भाषण दे रहा था, पर भीड़ शांत रही।
3. मैंने गला फाड़कर सबको बुलाया, पर कोई सुनने नहीं आया।
4. माँ ने गला फाड़-फाड़कर बेटे को समझाया कि झगड़ा मत करो।
5. वह अभिनेता फिल्म में गला फाड़कर संवाद बोल रहा था।
6. भक्तों ने मंदिर में गला फाड़-फाड़कर भजन गाए।
7. गायक इतना ऊँचा गा रहा था कि लग रहा था अब गला फट जाएगा।
8. कोच ने खिलाड़ियों पर गला फाड़-फाड़कर चिल्लाया कि वे ठीक से खेलें।
9. वह गला फाड़कर सबको अपनी बात समझाने की कोशिश कर रहा था।
10. बच्चे पूरे मैदान में गला फाड़कर खेल रहे थे।
11. पड़ोसी रोज़ गला फाड़कर रेडियो सुनता है, सब परेशान हैं।
12. भीड़ में सब एक-दूसरे पर गला फाड़कर चिल्ला रहे थे।
13. मैंने गला फाड़-फाड़कर कहा कि दरवाज़ा बंद करो, लेकिन किसी ने नहीं सुना।
14. वह अपनी बात मनवाने के लिए गला फाड़ता रहा, पर कोई मानने को तैयार नहीं था।
15. गायक प्रतियोगिता में इतना गला फाड़कर गाया कि उसकी आवाज़ बैठ गई।
16. लड़के गला फाड़-फाड़कर नारे लगा रहे थे।
17. पिताजी गला फाड़कर टीवी पर समाचार सुनाते हैं जैसे घर में सबको सुनाना हो।
18. गुरुजी ने गला फाड़कर कहा — “शांत रहो, ध्यान लगाओ!”
19. शिक्षक गला फाड़ते-फाड़ते थक गए, पर छात्र अनुशासन में नहीं आए।
20. दर्शक स्टेडियम में गला फाड़कर अपनी टीम का हौसला बढ़ा रहे थे।
21. उसने फोन पर गला फाड़-फाड़कर बात की, जैसे सामने वाला बहरा हो।
22. दुकानदार ग्राहकों को बुलाने के लिए गला फाड़-फाड़कर आवाज़ लगा रहा था।
23. माँ गला फाड़कर बच्चों को बुला रही थी कि खाना ठंडा हो जाएगा।
24. पुलिस ने गला फाड़-फाड़कर भीड़ को पीछे हटने को कहा।
25. पंडित जी ने गला फाड़-फाड़कर मंत्रोच्चार किया।
26. लड़कियाँ नाचते हुए गला फाड़-फाड़कर गीत गा रही थीं।
27. खिलाड़ी जीत की खुशी में गला फाड़कर चिल्लाने लगे।
28. उसने गला फाड़कर अपने दोस्त को पुकारा, पर कोई जवाब नहीं आया।
29. पिता ने गला फाड़कर बेटे को डांटा, फिर भी वह अपनी गलती नहीं मान रहा था।
30. मैं गला फाड़-फाड़कर बोलता रहा, पर मेरे शब्द हवा में खो गए।
निष्कर्ष:
‘गला फाड़ना’ मुहावरा भारतीय हिंदी भाषा का एक प्रचलित और प्रभावशाली मुहावरा है। इसका प्रयोग किसी व्यक्ति की अत्यधिक चिल्लाहट, उत्तेजना या व्यर्थ की कोशिश को दिखाने के लिए किया जाता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि ऊँची आवाज़ में बोलने से बात का वजन नहीं बढ़ता — बल्कि शांति, तर्क और संयम से कही गई बात ही प्रभावशाली होती है।
संक्षेप में कहा जाए तो-
‘गला फाड़ना’ का अर्थ है — जोर-जोर से बोलना, चिल्लाना या ऊँची आवाज़ में अपनी बात कहना।
यह मुहावरा भाषा में न केवल एक भावपूर्ण अभिव्यक्ति जोड़ता है, बल्कि यह भी बताता है कि बोलने में संयम और समझदारी ही असली शक्ति है।
Comments
Post a Comment