“गजब ढाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gajab Dhana Meaning In Hindi


Gajab Dhana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / गजब ढाना मुहावरे का क्या मतलब होता है?



मुहावरा- “गजब ढाना”।

(Muhavara- Gajab Dhana)


अर्थ- कमाल करना / विचित्र कार्य करना / अत्याचार करना / अपने काम से चौंका देना ।

(Arth/Meaning in Hindi- Kamal Karna / Vichitra Karya Karna / Atyachar Karna / Apane Kam Se Chaunka Dena)


“गजब ढाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


परिचय :

हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष महत्व है। ये भाषा को न केवल सुंदर और प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि किसी स्थिति या भावना को संक्षेप और सटीक रूप में व्यक्त करने की कला भी प्रदान करते हैं। हर मुहावरे के पीछे एक अनुभव, एक लोक कथा, या जनजीवन का कोई भाव छिपा होता है। ऐसा ही एक प्रचलित और रोचक मुहावरा है- “गजब ढाना”। यह मुहावरा आम बोलचाल की हिंदी में बहुत प्रचलित है और इसका प्रयोग किसी अत्यधिक आश्चर्यजनक, विचित्र या असामान्य कार्य को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।


अर्थ :

“गजब ढाना” का शाब्दिक अर्थ है- कोई अद्भुत या अनोखी घटना घट जाना।

मुहावरे के रूप में इसका अर्थ होता है-

“कुछ ऐसा हो जाना जो सामान्य रूप से असंभव या अविश्वसनीय लगे।”

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जब कोई व्यक्ति या परिस्थिति ऐसी हो कि देखकर या सुनकर लोग दंग रह जाएँ, तब कहा जाता है कि “गजब ढा गया” या “गजब ढाना”।


शब्द-विश्लेषण :

‘गजब’ शब्द अरबी-फारसी मूल का है, जिसका अर्थ होता है- अद्भुत, आश्चर्यजनक, अनोखा या विचित्र।

‘ढाना’ क्रिया ‘ढाना’ (ढालना, करना या घटाना) से बना है, जिसका भावार्थ है- किसी कार्य को पूरा कर देना या कोई बड़ा काम कर दिखाना।

इस प्रकार “गजब ढाना” का शाब्दिक अर्थ हुआ- कोई अचंभित करने वाला कार्य कर देना।


भावार्थ :

इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य कर देता है जो या तो अत्यधिक प्रशंसनीय हो या अत्यधिक मूर्खतापूर्ण, किंतु हर हालत में चौंकाने वाला हो।

यह मुहावरा सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों भावों में प्रयुक्त होता है।

उदाहरण के लिए-

1. अगर किसी ने कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया तो कहा जाएगा- “वाह! तुमने तो गजब ढा दिया।”

2. अगर किसी ने कोई बड़ी गलती कर दी, तो भी कहा जा सकता है- “अरे, ये तूने क्या कर दिया! गजब ढा दिया रे तूने।”

इससे स्पष्ट होता है कि इस मुहावरे का प्रयोग भावनात्मक संदर्भ के अनुसार बदल सकता है- कभी प्रशंसा में, तो कभी व्यंग्य या आलोचना में।


प्रयोग के उदाहरण :

1. सकारात्मक प्रयोग :

राहुल ने अकेले ही डूबते बच्चे को बचा लिया- “भाई, तूने तो आज गजब ढा दिया।”

हमारे गाँव के लड़के ने शहर में पहला स्थान प्राप्त किया- “सच में, उस लड़के ने गजब ढाना।”

2. नकारात्मक प्रयोग :

तुमने तो बिना सोचे-समझे सारा पैसा बर्बाद कर दिया, “गजब ढा दिया तुमने।”

उसने अपनी ही गलती से सब काम बिगाड़ दिया, “वाह! गजब ढा दिया तूने।”


सांस्कृतिक और लोकप्रचलित संदर्भ :

भारत के गाँवों और कस्बों में “गजब ढाना” मुहावरा बहुत आम तौर पर सुनने को मिलता है। यह न केवल आश्चर्य का भाव प्रकट करता है, बल्कि बोलने वाले की मानसिक स्थिति को भी स्पष्ट करता है। जब किसी व्यक्ति को विश्वास नहीं होता कि कोई घटना सचमुच घट गई है, तो वह सहज ही कह उठता है- “अरे, ये तो गजब ढा दिया रे!”

यह मुहावरा हास्य, व्यंग्य, क्रोध, या विस्मय- किसी भी भाव के साथ जुड़ सकता है। ग्रामीण भाषा में इसे बोलते समय स्वर और भाव दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। कभी यह हँसी-मजाक में कहा जाता है, तो कभी किसी की गलती पर ताना देने के लिए।


लोकजीवन में उपयोगिता :

“गजब ढाना” मुहावरा केवल भाषा का अलंकरण नहीं है, बल्कि यह भारतीय जनजीवन की सहज अभिव्यक्ति है। हमारे समाज में लोग घटनाओं को बड़ी भावनात्मक गहराई से अनुभव करते हैं। इसलिए कोई अप्रत्याशित बात घटने पर “गजब ढाना” जैसा मुहावरा उन्हें अपने भाव प्रकट करने का सरल और प्रभावशाली माध्यम देता है।

उदाहरण के तौर पर- अगर गाँव में कोई साधारण व्यक्ति बहुत बड़ा काम कर देता है, तो लोग कहते हैं- “देखो भाई, इसने तो गजब ढा दिया।”

वहीं अगर कोई अराजक या मूर्खतापूर्ण काम करता है, तो व्यंग्य में कहा जाता है- “इसने तो गजब ही ढा दिया!”

इससे स्पष्ट है कि यह मुहावरा बहुआयामी है और इसका अर्थ परिस्थिति के अनुसार बदलता रहता है।


साहित्यिक दृष्टि से व्याख्या :

भारतीय लोकभाषा में “गजब” शब्द का प्रयोग भावप्रधानता के साथ होता है। प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु और हरिशंकर परसाई जैसे लेखकों की रचनाओं में भी ऐसे मुहावरे भाषा को जीवंत बनाते हैं।

“गजब ढाना” जैसे मुहावरे लेखक को अवसर देते हैं कि वे पात्रों के आश्चर्य, व्यंग्य या हर्ष को सहज रूप में प्रकट कर सकें।

उदाहरण के तौर पर किसी कहानी में लिखा जा सकता है-

“रघु ने जब बिना पढ़े परीक्षा में पहला स्थान पाया, तो मास्टर जी बोले- रघु, तूने तो गजब ढा दिया!”


“गजब ढाना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Gajab Dhana Muhavare Ka Vakya Prayog. 


1. रमेश ने बिना किसी की मदद के पूरी दीवार पेंट कर दी, गजब ढा दिया उसने!

2. तूने तो एक ही दिन में सारा काम खत्म कर डाला, गजब ढाना भाई!

3. सीता ने परीक्षा में पूरे सौ में सौ अंक ले आए, गजब ढा दिया लड़की ने।

4. इतने ठंड में भी वह नदी में नहा आया, गजब ढाना उस आदमी ने।

5. बच्चे ने पाँच साल की उम्र में कंप्यूटर चला लिया, गजब ढा दिया न!

6. तूने तो सबके सामने ऐसा मज़ाक किया कि सब हँस पड़े, गजब ढा दिया तूने।

7. बिना बताए छुट्टी पर चला गया, गजब ढाना इसने भी!

8. पड़ोसी ने अपनी छत पर बगीचा बना लिया, गजब ढा दिया उसने।

9. उसने अकेले ही टूटी सड़क ठीक कर दी, गजब ढा दिया यार!

10. तेरे नाचने के तो क्या कहने, गजब ढा दिया मंच पर।

11. तूने इतनी महँगी घड़ी खरीद ली? गजब ढाना भाई, खूब पैसे हैं!

12. बिना पढ़े ही परीक्षा पास कर ली, गजब ढा दिया तूने।

13. उसने तो झगड़े को हँसी में बदल दिया, गजब ढा दिया बंदे ने।

14. इतनी बड़ी गलती कर दी, गजब ढाना तूने भी।

15. एक ही रात में किताब खत्म कर ली? गजब ढा दिया तूने!

16. दादी ने 80 साल की उम्र में मोबाइल सीख लिया, गजब ढा दिया उन्होंने।

17. उसने बारिश में बिना छतरी नाचना शुरू कर दिया, गजब ढा दिया उस पगले ने।

18. तूने तो झूठ बोलकर सबको मूर्ख बना दिया, गजब ढाना तूने भी!

19. उसने तो दूसरों की मदद के लिए अपनी छुट्टी त्याग दी, गजब ढा दिया इंसान है।

20. सबने कहा नामुमकिन है, मगर उसने कर दिखाया, गजब ढा दिया उसने।

21. एक छोटे गाँव का लड़का शहर में बड़ा अफ़सर बन गया, गजब ढा दिया उस बालक ने।

22. तूने तो सबके सामने अपनी ही गलती स्वीकार कर ली, गजब ढा दिया तूने।

23. इतना स्वादिष्ट खाना बनाया कि सब उँगलियाँ चाटते रह गए, गजब ढा दिया रसोइए ने।

24. उसने तो रिकॉर्ड तोड़ बिक्री कर दिखाई, गजब ढा दिया कंपनी ने।

25. तूने तो पुराने कपड़ों से नई ड्रेस बना डाली, गजब ढा दिया तेरी क्रिएटिविटी ने।

26. इतने सारे लोगों में उसने एक ही झटके में मंच संभाल लिया, गजब ढा दिया वक्ता ने।

27. गलती से दूध में नमक डाल दिया, गजब ढा दिया तूने भी!

28. उसने अपने पिता का सपना पूरा कर दिखाया, गजब ढा दिया बेटे ने।

29. तूने तो इतनी मेहनत से घर सजाया कि सब दंग रह गए, गजब ढा दिया तूने।

30. बिना पैसे के उसने जरूरतमंद की मदद कर दी, गजब ढा दिया इस नेकदिल ने।


इन वाक्यों में “गजब ढाना” का प्रयोग कभी आश्चर्य, कभी प्रशंसा, तो कभी व्यंग्य के भाव में किया गया है- यही इस मुहावरे की बहुआयामी विशेषता है।


निष्कर्ष :

“गजब ढाना” मुहावरा हिंदी भाषा की जीवंतता और भावात्मकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका प्रयोग किसी आश्चर्यजनक, अविश्वसनीय, या उल्लेखनीय कार्य को व्यक्त करने के लिए किया जाता है- चाहे वह अच्छा हो या बुरा। यह मुहावरा हमारे लोकजीवन की बोली में गहराई से रचा-बसा है और इसे सुनते ही व्यक्ति की भावनाएँ झलक उठती हैं।

संक्षेप में कहा जाए तो-

“जब कोई व्यक्ति या परिस्थिति सामान्य से हटकर, असाधारण या अचंभित करने वाली हो, तब कहा जाता है, ‘गजब ढाना!"



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