“कन्नी काटना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kanni Katna Meaning In Hindi
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Kanni Katna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कन्नी काटना मुहावरे का क्या मतलब होता है?
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Kanni Katna |
मुहावरा- “कन्नी काटना”।
(Muhavara- Kanni Katna)
अर्थ- सामने आने से बचना / कतरा कर निकल जाना / आँख बचाकर भाग जाना।
(Arth/Meaning In Hindi- Samne Aane Se Bachna / Aankh Bachakar Bhag Jana)
“कन्नी काटना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
कन्नी काटना का अर्थ-
सामने आने से बचना, किसी कठिन स्थिति में चुपके से बच निकलना, किसी समस्या या उत्तरदायित्व से दूर भागना।
जब कोई व्यक्ति किसी कार्य, समस्या या जिम्मेदारी का सामना करने से बचने के लिए किनारे होकर निकल जाता है, तो उसे “कन्नी काटना” कहा जाता है।
व्याख्या:
हिंदी भाषा में कई मुहावरे ऐसे हैं, जो जीवन की व्यवहारिक परिस्थितियों को छोटे और रोचक वाक्यों में व्यक्त करते हैं। “कन्नी काटना” भी ऐसा ही एक मुहावरा है। “कन्नी” का अर्थ होता है किनारा या कोना। “काटना” का अर्थ है वहां से निकल जाना। जब कोई व्यक्ति सामने से न जाकर किनारे होकर निकल जाए, तो इसे कन्नी काटना कहा जाता है।
कई बार जब कोई व्यक्ति किसी कठिन कार्य में शामिल नहीं होना चाहता, या किसी विवाद में पड़ने से बचना चाहता है, या किसी उत्तरदायित्व को निभाने से डरता है, तब वह उस स्थिति से चुपचाप किनारा कर लेता है। इसे ही कन्नी काटना कहते हैं। यह मुहावरा उन लोगों पर उपयुक्त बैठता है, जो कठिनाई और जिम्मेदारी के समय सामने आने की बजाय दूर हो जाते हैं।
उदाहरण के रूप में, मान लीजिए कक्षा में शिक्षक ने किसी कठिन प्रश्न का उत्तर देने के लिए सभी विद्यार्थियों से कहा, परंतु कुछ छात्र उत्तर देने में असमर्थ होने के कारण धीरे-धीरे पीछे हटकर वहां से निकल जाते हैं या नजरें चुराने लगते हैं। तब उनके लिए कहा जाएगा कि “उन्होंने कन्नी काट ली।”
आज के युग में भी बहुत से लोग अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से बचने के लिए कन्नी काटते रहते हैं।
जैसे—
* कार्यालय में कोई कठिन कार्य आने पर कर्मचारी बहाने बनाकर किनारे हो जाते हैं।
* घर में कोई बड़ा खर्च या जिम्मेदारी आने पर कुछ सदस्य उससे बचने का प्रयास करते हैं।
* समाज में जब किसी समस्या का सामना करना होता है, तब कई लोग सक्रिय भूमिका निभाने के बजाय चुपचाप पीछे हट जाते हैं।
इस मुहावरे से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बजाय उनसे भाग जाना सही नहीं होता। जीवन में हर व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्व को निभाना चाहिए और किसी भी समस्या से भागने के बजाय उसका समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए। कन्नी काटना कभी-कभी परिस्थितियों में तत्काल राहत तो दे सकता है, लेकिन लंबे समय में यह व्यक्ति की छवि को कमजोर कर देता है।
हमारे महापुरुषों ने भी कहा है कि समस्याओं से भागने के बजाय उनका डटकर सामना करना चाहिए। कन्नी काटना कायरता की निशानी है। जो व्यक्ति जीवन में संघर्षों का सामना करता है, वही सफलता प्राप्त करता है। कन्नी काटने से न तो समस्या हल होती है और न ही आत्मविश्वास बढ़ता है।
उदाहरण
1. परीक्षा में फेल होने के डर से राम ने परीक्षा के दिन कन्नी काट ली।
2. जब काम करने का समय आया, तो सभी दोस्तों ने कन्नी काट ली।
3. समस्या का हल निकालने के बजाय कन्नी काटना सही नहीं है।
4. नेता जी ने जनता की मांग सुनते ही कन्नी काट ली।
इस प्रकार, “कन्नी काटना” मुहावरा जीवन के उन क्षणों का चित्रण करता है, जब व्यक्ति अपने दायित्व और जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है। यह मुहावरा हमें यह भी बताता है कि कठिनाइयों से भागने के बजाय हमें उनका सामना करना चाहिए, तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं। मुहावरे भाषा को सजीव और प्रभावी बनाते हैं, और “कन्नी काटना” हमें यह भी सिखाता है कि जिम्मेदारी से बचना अच्छी बात नहीं होती।
“कन्नी काटना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kanni Katna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. परीक्षा का समय आते ही उसने कन्नी काट ली।
2. टीचर ने सवाल पूछा तो कई बच्चों ने कन्नी काट ली।
3. घर का काम करने को कहने पर वह कन्नी काट गया।
4. मुसीबत में दोस्त ने साथ देने की बजाय कन्नी काट ली।
5. जब झगड़ा हुआ, उसने बीच-बचाव करने की बजाय कन्नी काट ली।
6. सभा में सवाल सुनते ही नेता ने कन्नी काट ली।
7. जिम्मेदारी निभाने का समय आया तो सबने कन्नी काट ली।
8. काम मुश्किल होते ही उसने कन्नी काट ली।
9. माता-पिता की सेवा की बात सुनकर कुछ लोग कन्नी काट लेते हैं।
10. परीक्षा की तैयारी न होने पर वह कन्नी काटकर घर पर ही बैठ गया।
11. ऑफिस में फाइल देखकर उसने कन्नी काटने की कोशिश की।
12. सच बोलने का समय आया तो उसने कन्नी काट ली।
13. समाज सेवा की बात पर लोग अक्सर कन्नी काट जाते हैं।
14. घर में मेहमान आने पर काम से बचने के लिए वह कन्नी काट गया।
15. अपनी गलती का सामना करने की बजाय उसने कन्नी काट ली।
निष्कर्ष
“कन्नी काटना” केवल भाषा का मुहावरा नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक व्यवहारिक पहलू है, जो हमें बताता है कि जिम्मेदारी से भागना हमारे विकास में बाधा बन सकता है। हमें अपने जीवन में ऐसे कार्यों से बचने की बजाय उनका समाधान ढूंढने का साहस दिखाना चाहिए।
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