“कांटे बोना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kante Bona Meaning In Hindi
Kante Bona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कांटे बोना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- “कांटे बोना”।
(Muhavara- Kante Bona)
अर्थ- किसी के जीवन में अनिष्ट करना / बुराई करना / ऐसे काम करना जिनसे भविष्य में स्वयं को या दूसरों को कष्ट हो।
(Arth/Meaning in Hindi- Kisi Ke Jivan Me Anisht Karna / Burai Karna / Aise Kam Karna Jinse Bhavishya Me Swyam Ko Ya Dusro Ko Kasht Ho)
“कांटे बोना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
परिचय:
हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष महत्व है। ये न केवल भाषा को प्रभावशाली और सुंदर बनाते हैं, बल्कि विचारों को संक्षिप्त और तीव्र रूप में व्यक्त करने में भी सहायक होते हैं। मुहावरों का प्रयोग साहित्य, संवाद और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से होता है। ऐसा ही एक लोकप्रिय मुहावरा है — “कांटे बोना”।
शाब्दिक अर्थ:
“कांटे बोना” का शाब्दिक अर्थ है कांटों के बीज बोना। यदि कोई व्यक्ति धरती में कांटों के बीज बोता है, तो स्पष्ट है कि वहाँ फूल या फल नहीं, बल्कि कांटे ही उगेंगे। यह क्रिया उस कार्य की ओर इशारा करती है जिसमें व्यक्ति दूसरों के लिए जान-बूझकर दुःख, पीड़ा या समस्याएँ उत्पन्न करता है।
प्रयुक्त अर्थ (प्रयोजन में अर्थ):
मुहावरे के रूप में “कांटे बोना” का अर्थ होता है —
“बुराई करना”, “दूसरों के लिए मुश्किलें पैदा करना”, “दुष्कर्म करना” या “ऐसे काम करना जिनसे भविष्य में स्वयं को या दूसरों को कष्ट हो।”
इसका भाव यह है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए बुरा करता है या गलत काम करता है, वह अपने ही भविष्य के लिए संकट के बीज बोता है। यह मुहावरा चेतावनी देता है कि अगर हम कांटे बोएंगे, तो हमें भी वही काटना पड़ेगा — यानी हमें अपने बुरे कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा।
मुहावरे का भावार्थ:
"कांटे बोना" जीवन में नकारात्मक सोच और दुर्भावनापूर्ण कर्मों का प्रतीक है। जब कोई व्यक्ति दूसरों को हानि पहुँचाने के इरादे से कार्य करता है — जैसे झूठ बोलना, धोखा देना, षड्यंत्र करना, अपशब्द कहना या द्वेष फैलाना — तो वह वास्तव में “कांटे बो रहा होता है”।
इसका परिणाम यह होता है कि धीरे-धीरे वही बुराई उसके जीवन में लौट आती है। जैसे यदि कोई व्यक्ति अपने सहकर्मी को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो हो सकता है आगे चलकर वही व्यक्ति स्वयं आलोचना और अपमान का शिकार बन जाए।
प्रसंगानुसार व्याख्या:
यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हम अपने कर्मों के माध्यम से ही अपने भविष्य का निर्माण करते हैं। यदि हम प्रेम, सहयोग, सत्य और परोपकार के बीज बोते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और संतोष प्राप्त होता है। लेकिन यदि हम ईर्ष्या, द्वेष, छल और हिंसा के कांटे बोते हैं, तो जीवन में दुख, पछतावा और अकेलापन ही मिलता है।
उदाहरणों द्वारा स्पष्टता:
1. राजनीति में प्रयोग:
“नेता जी ने अपने विरोधी को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाए, लेकिन बाद में उन्हीं पर भ्रष्टाचार के केस दर्ज हो गए। अब समझ आ गया कि उन्होंने जो कांटे बोए थे, वही काटने पड़ रहे हैं।”
2. व्यक्तिगत जीवन में:
“रवि ने अपने भाई के साथ विश्वासघात किया और संपत्ति हड़प ली, लेकिन अब उसका अपना बेटा उसे वृद्धाश्रम छोड़ गया। यह तो वही कांटे हैं जो उसने खुद बोए थे।”
3. कार्यक्षेत्र में:
“ऑफिस में श्याम हमेशा दूसरों की बुराई करता रहता था और लोगों को आपस में लड़ाता था। आज कोई भी उसके साथ काम करना नहीं चाहता। कांटे बोने वाले को फूल नहीं मिलते।”
नीतिपरक दृष्टिकोण:
हिंदू दर्शन और कर्म सिद्धांत में भी इस मुहावरे का सार निहित है — “जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे।” यह विचार गीता, उपनिषद, और कई नीति-शास्त्रों में भी पाया जाता है। बुरे कर्मों का परिणाम अंततः दुःखद ही होता है। इसलिए यह मुहावरा हमें आत्मचिंतन और नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
सकारात्मक दृष्टिकोण:
इस मुहावरे का प्रयोग नकारात्मक स्थिति को दर्शाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका उद्देश्य सकारात्मक है। यह चेतावनी देता है कि यदि हम अपने जीवन में सत्कर्म करेंगे, तो हम कांटे नहीं, बल्कि फूल बोएंगे। इसका तात्पर्य यह है कि बुराई से दूर रहकर सच्चाई, दया और प्रेम का मार्ग अपनाना चाहिए।
"कांटे बोना" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kante Bona Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. जो व्यक्ति हमेशा दूसरों के खिलाफ साजिश करता है, वह जीवन में कांटे बो रहा होता है।
2. तुम्हें समझना चाहिए कि झूठ और धोखे से तुम केवल कांटे बो रहे हो।
3. रामू ने अपने दोस्तों के साथ विश्वासघात किया, अब वह अपने बोए कांटे काट रहा है।
4. बच्चों को बुराई सिखाना मतलब उनके जीवन में कांटे बो देना है।
5. जो व्यक्ति नफरत फैलाता है, वह समाज में कांटे बोता है।
6. उसने अपने स्वार्थ के लिए परिवार तोड़ दिया — सचमुच कांटे बो दिए।
7. गलत संगति में पड़कर तुम अपने भविष्य में कांटे बो रहे हो।
8. दूसरों को तकलीफ देना कोई बहादुरी नहीं, यह तो कांटे बोना है।
9. वह हमेशा अपने सहकर्मियों की बुराई करता है, इसलिए अब कोई उस पर विश्वास नहीं करता — यही तो कांटे बोना है।
10. परीक्षा में नकल करके तुम अपने लिए कांटे बो रहे हो।
11. माता-पिता से बद्तमीजी करना मतलब खुद के लिए कांटे बोना है।
12. समाज में अशांति फैलाना कांटे बोने जैसा कार्य है।
13. यदि तुमने बचपन में अनुशासन नहीं सीखा, तो समझो तुमने कांटे बो दिए।
14. वह हर समय दूसरों की टांग खींचता है, जबकि समझ नहीं रहा कि वह कांटे बो रहा है।
15. दुष्ट प्रवृत्तियाँ अपनाने वाला मनुष्य अपने जीवन में कांटे ही बोता है और अंत में पछताता है।
निष्कर्ष:
“कांटे बोना” केवल एक मुहावरा नहीं, बल्कि जीवन का गहरा सत्य है। यह हमें हमारे कर्मों के प्रति जागरूक करता है और यह सिखाता है कि जीवन में बुरे इरादों और कुटिल योजनाओं का अंततः हमारे ही जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः हमें अपने विचारों, शब्दों और कर्मों को ऐसा बनाना चाहिए कि हम दूसरों के लिए कांटे नहीं, बल्कि फूल बोएँ — तभी समाज में शांति, सद्भाव और सुख की स्थापना संभव होगी।
Comments
Post a Comment