“उसने कहा था” चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ द्वारा लिखित कहानी / Hindi Story Usane Kaha Tha


Usane Kaha Tha Hindi Kahani / चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी “उसने कहा था”।

 

“उसने कहा था” चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ द्वारा लिखित कहानी / Hindi Story Usane Kaha Tha
कहानी- उसने कहा था


"उसने कहा था" — यह हिंदी साहित्य की एक प्रसिद्ध और मार्मिक कहानी है, जिसे चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ ने लिखा है। यह कहानी प्रेम, बलिदान और कर्तव्यभाव का एक सुंदर उदाहरण है। 

पूरा कहानी-पाठ थोड़ी लंबी है, इसलिए इसे भागों में बाँटा गया है, जो कि इस प्रकार से है-


भाग 1. बचपन की मुलाक़ात

अमृतसर के भीड़-भरे बाजार में, लोगों की चहल-पहल के बीच एक बारह-तेरह वर्ष का लड़का दुकान-दुकान की ओर देखता फिर रहा था। एक दुकान के सामने एक लड़की अपने माता-पिता के साथ खड़ी थी, और कुछ सामान खरीद रही थी। अचानक वह लड़की दुकान के किनारे खड़े उस लड़के की ओर देखकर मुस्कुराई। लड़के ने भी मुस्कुराकर उत्तर दिया।

लड़की ने पूछा: “तुम्हारी माँ मर गई?”

लड़का चौंक गया, लेकिन बोला, “हाँ, बहुत पहले।”

“तुम्हारा नाम क्या है?”

“लहना सिंह।”

“मैं स्कूल जाती हूँ,” लड़की ने कहा।

लहना सिंह को यह बात बहुत भली लगी। वह लड़की की बातें ध्यान से सुनता रहा। उस लड़की की मासूमियत, सादगी और सरलता ने बालक लहना के मन में कोई गहरा असर डाला। पहली बार किसी ने उसकी ओर स्नेह से देखा था। पहली बार किसी ने उसके दुख के बारे में पूछा था।

जब वह लड़की अपने माता-पिता के साथ वहाँ से चली गई, तो जाते-जाते एक बात कह गई—

“तुम मुझे भूलना मत… उसने कहा था।”


भाग 2. वक़्त का पहिया और पहली याद

समय बीतता गया।

लहना सिंह अब किशोरावस्था की सीमा लांघ चुका था। वह मजबूत शरीर, साहसी और कर्मठ युवक बन चुका था। उसके जीवन में कोई नहीं था—ना माँ, ना पिता—सिर्फ एक बात थी जो बार-बार याद आती थी— "उसने कहा था।"

उस एक मुलाकात ने उसके मन में एक कोमल स्मृति छोड़ दी थी। वह लड़की, उसका मुस्कराना, उसका स्कूल जाना और जाते-जाते कहा गया वाक्य — यही सब लहना की स्मृति में बसा हुआ था।

कुछ वर्षों बाद एक बार वह एक विवाह-समारोह में गया। दूल्हे के साथ बारात में था। तभी उसने किसी को देखा—एक चेहरा जो उसे बहुत जाना-पहचाना लगा।

वह वही लड़की थी।

अब वह विवाह-बंधन में बंधने जा रही थी।

लहना सिंह चुपचाप देखता रहा। न कुछ कहा, न कोई भाव प्रकट किया।

पर उस लड़की की आँखें एक क्षण के लिए उसके चेहरे पर ठिठकीं, और शायद उसने भी पहचाना… वह लड़का… लहना।

पर वह कुछ नहीं बोली। अब वह किसी और की पत्नी बनने जा रही थी।

इस भाग का भाव:

पहला प्यार — जिसमें न कोई अधिकार होता है, न कोई शिकायत।

लहना ने उस लड़की से कुछ माँगा नहीं, बस उसकी कही एक बात को जीवनभर की सौगंध बना लिया —

"उसने कहा था…"


भाग 3. कर्तव्य और युद्धभूमि

कुछ वर्षों बाद लहना सिंह फौज में भर्ती हो गया। वह एक बहादुर, ईमानदार और कर्मठ सिपाही बन चुका था। उसकी वीरता और फुर्ती के चर्चे पूरे पलटन में थे। अंग्रेजों की सेना में पंजाब रेजीमेंट का यह जवान अब यूरोप की युद्धभूमि में लड़ रहा था — यह प्रथम विश्व युद्ध का दौर था।

एक दिन उसकी पलटन को फ्रांस की मोर्चाबंदी में भेजा गया। ठंड, कीचड़, बर्फ और गोलियों की बौछार में सिपाही दिन-रात जान जोखिम में डालकर लड़ रहे थे। लहना सिंह वहाँ भी हिम्मत और होशियारी से डटा रहा।

उसी पलटन में एक अफसर था — सुबेदार बहादुर सिंह। एक दिन जब बहादुर सिंह की पत्नी की चिट्ठी आई, तो लहना सिंह ने देखा — वही अक्षर, वही नाम — यह वही लड़की थी, जिसने एक दिन कहा था — "तुम मुझे भूलना मत..."

अब वह लड़की, बहादुर सिंह की पत्नी थी।

उसने उस पत्र में अपने पति से एक भावुक निवेदन किया था:

"अगर कभी लहना सिंह से भेंट हो, तो उससे कहना — मैंने तुम्हें नहीं भूला। और अगर कभी मेरी या मेरे बेटे की जरूरत पड़े तो वह मदद करेगा... क्योंकि उसने कहा था..."

लहना सिंह की आँखें भर आईं। उसकी मुट्ठियाँ भींच गईं।

वह अब सिर्फ सिपाही नहीं था — अब वह एक वचन निभाने वाला प्रेमी भी था।


भाग 4. युद्ध, वचन और बलिदान

फ्रांस की बर्फीली ज़मीन पर गोलियों की बारिश हो रही थी। दुश्मन की सेनाएँ तेज़ हमले कर रही थीं। लहना सिंह की टुकड़ी एक खतरनाक मोर्चे पर थी।

तभी सूचना आई —

"सुबेदार बहादुर सिंह ज़ख्मी हो गए हैं!"

गोलियों की परवाह किए बिना लहना सिंह उनके पास दौड़ा। उसने बहादुर सिंह को पीठ पर उठाया और शत्रु के क्षेत्र से खींचता हुआ अपने शिविर की ओर ले चला।

चारों ओर से गोलियाँ चल रही थीं। दुश्मन की बमबारी ज़ोरों पर थी। रास्ता दलदली, कीचड़ भरा और फिसलन भरा था।

लेकिन लहना सिंह के मन में सिर्फ एक ही बात थी —

"उसने कहा था…"

वह बार-बार कहता जाता था —

"मैं तुझे कुछ नहीं होने दूँगा सुबेदार… तुझे कुछ नहीं होने दूँगा।"

उसका शरीर लहूलुहान हो चुका था, लेकिन वह रुका नहीं।

आख़िरकार वह बहादुर सिंह को सुरक्षित स्थान तक पहुँचा देता है।

लेकिन —

लहना सिंह खुद गोलियों से घायल होकर गिर पड़ता है।

मरते हुए लहना की अंतिम पंक्तियाँ:

अपने अंतिम क्षणों में वह एक साथी से कहता है —

"अगर सुबेदार बहादुर सिंह बच जाए… तो उसे कहना…

उसकी घरवाली ने कहा था… और मैंने निभा दिया।

बस… इतना ही कहना… उसने कहा था…"

और लहना सिंह हमेशा के लिए सो जाता है —

प्रेम, वचन और बलिदान की अमर गाथा बनकर।



"उसने कहा था" कहानी के भावार्थ (संदेश) को समझते हैं:


"उसने कहा था" सिर्फ एक प्रेम-कहानी नहीं है, यह प्रेम, वचन और बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। इसमें कई गहरे जीवन-संदेश छिपे हैं:


1. वचन की महत्ता:

लहना सिंह ने बचपन में एक साधारण सी बात को दिल पर ले लिया — "उसने कहा था।"

उस वचन को उसने आजीवन निभाया, बिना किसी उम्मीद के। यह दिखाता है कि सच्चा प्रेम कभी भी स्वार्थी नहीं होता, और एक दिया गया वादा जीवनभर निभाया जा सकता है।


2. प्रेम और कर्तव्य का संतुलन:

लहना का प्रेम निस्वार्थ था, लेकिन जब वह उस स्त्री को किसी और की पत्नी के रूप में देखता है, तो वह केवल प्रेमी नहीं रहता, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ सैनिक बनकर उसकी रक्षा करता है — पति के जीवन को बचा कर।


3. वीरता और बलिदान:

कहानी के अंत में लहना सिंह जिस तरह से अपने प्राण देकर भी सुबेदार को बचाता है, वह बलिदान की पराकाष्ठा है।

यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम और सच्चा देशभक्त अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करता।


4. स्मृति की शक्ति:

कई वर्षों बाद भी एक मुलाकात, एक मुस्कान, एक वाक्य — "उसने कहा था" — कैसे किसी के जीवन की दिशा तय कर सकते हैं, यह कहानी इसका सबसे सुंदर उदाहरण है।


निष्कर्ष:

"उसने कहा था" एक अमर प्रेम-कथा है, जो बताती है कि

सच्चा प्रेम न कभी भूलता है, न कभी मिटता है — वह मरकर भी अमर हो जाता है।



Comments

Popular posts from this blog

प्रिंटर क्या होता है? परिभाषा, प्रकार और इतिहास / What Is Printer In Hindi

आस्तीन का सांप मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aasteen Ka Saanp Meaning In Hindi

कम्प्यूटर किसे कहते हैं? / What is computer in hindi?

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna Meaning In Hindi

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kala Akshar Bhains Barabar Meaning In Hindi

एक पन्थ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Ek Panth Do Kaaj Meaning In Hindi

अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Andho Mein Kana Raja Meaning In Hindi

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kolhu Ka Bail Meaning In Hindi