“कान में तेल डालना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kan Me Tel Dalna Meaning In Hindi
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Kan Me Tel Dalna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कान में तेल डालना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- "कान में तेल डालना"।
(Muhavara- Kan Me Tel Dalna)
अर्थ- कुछ भी न सुनना / चुप्पी साध कर बैठे रहना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Kuchh Bhi Na Sunana / Chuppi Sadh Kar Baithe Rahna)
“कान में तेल डालना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अर्थ:
"कान में तेल डालना" एक हिंदी मुहावरा है जिसका शाब्दिक अर्थ है — जैसे किसी ने अपने कानों में तेल डाल लिया हो, जिससे उसे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा। यह मुहावरा उस व्यक्ति के व्यवहार को दर्शाता है जो जानबूझकर किसी बात की अनदेखी कर रहा हो, या किसी ज़रूरी बात को सुनने और समझने से इनकार कर रहा हो। इसका भावार्थ है — "बिलकुल लापरवाह हो जाना", "जानबूझकर अनसुना करना" या "किसी बात पर ध्यान न देना।"
प्रयोग और उपयोग:
इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति बार-बार चेतावनी या सलाह देने के बावजूद भी उस पर ध्यान नहीं देता। मानो उसने अपने कानों में तेल डाल लिया हो और अब वह कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है।
उदाहरण के लिए:
*“मैंने उसे कई बार समझाया कि समय पर पढ़ाई शुरू कर दे, लेकिन वह तो जैसे कान में तेल डालकर बैठा है।”
*“सरकार बार-बार कह रही है कि प्रदूषण कम करो, लेकिन लोग हैं कि कान में तेल डालकर बैठे हैं।”
व्याख्या:
मानव व्यवहार में लापरवाही, उदासीनता और अकर्मण्यता कई बार सामने आती है। जब कोई व्यक्ति समाज, परिवार या संस्था द्वारा दी गई चेतावनियों, सलाहों या दिशानिर्देशों की अनदेखी करता है, तो समाज उस पर कटाक्ष करते हुए कहता है कि वह "कान में तेल डालकर बैठा है।"
यह मुहावरा समाज की उस मानसिकता को भी उजागर करता है जहाँ बार-बार दोहराने के बाद भी कोई व्यक्ति नहीं सुनता। इसका संबंध केवल शारीरिक श्रवण से नहीं, बल्कि मानसिक सजगता से भी है। यानी कि व्यक्ति जानता है कि उससे क्या अपेक्षा की जा रही है, फिर भी वह यह दिखाने की कोशिश करता है कि उसे कुछ पता ही नहीं।
इस मुहावरे में ‘तेल डालना’ प्रतीकात्मक है, जिसका आशय है — ऐसा व्यवहार करना कि जैसे कोई बात सुनी ही न हो। यह व्यवहार किसी की ज़िम्मेदारी से बचने, टालने या विरोध करने के इरादे से किया जाता है।
सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से:
"कान में तेल डालना" केवल एक व्यंग्यात्मक मुहावरा नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक चेतावनी भी है। जब व्यक्ति समाज की ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ता है, तो समाज उसे इस मुहावरे के ज़रिए कटघरे में खड़ा करता है। यह कहने का तरीका होता है कि "अब और लापरवाही मत करो। जागो। सुनो। समझो।" विशेष रूप से सार्वजनिक जीवन, राजनीति, शिक्षा, या प्रशासनिक व्यवस्था में जब ज़िम्मेदार व्यक्ति चुप्पी साध लेते हैं, तब यह मुहावरा उनकी निष्क्रियता को उजागर करता है।
बच्चों और शिक्षा में उपयोग:
यह मुहावरा माता-पिता और शिक्षकों द्वारा अक्सर तब बोला जाता है जब बच्चा कई बार कहने के बाद भी एक ही गलती दोहराता है। उदाहरण के लिए:
"तुम्हें कितनी बार कहा है कि समय पर होमवर्क कर लिया करो। क्या तुमने कान में तेल डाल रखा है?"
यह कहना न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह दिखाता है कि अब स्थिति गंभीर हो रही है और सुनने का समय आ गया है।
"कान में तेल डालना" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kan Me Tel Dalna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. शिक्षक बार-बार समझा रहे हैं, लेकिन छात्र तो जैसे कान में तेल डालकर बैठे हैं।
2. मैंने तुम्हें कितनी बार कहा है कि समय पर उठो, लेकिन तुमने तो कान में तेल डाल लिया है।
3. सरकार ने चेतावनी दी थी, फिर भी लोग कान में तेल डालकर सड़कों पर घूमते रहे।
4. वह अपनी ज़िम्मेदारियों से ऐसे भाग रहा है जैसे उसने कान में तेल डाल रखा हो।
5. माँ चिल्ला-चिल्लाकर कह रही थी, लेकिन बेटा कान में तेल डालकर मोबाइल चला रहा था।
6. जब से परीक्षा का टाइम टेबल आया है, वह तो जैसे कान में तेल डालकर सो रहा है।
7. अफसर ने कई बार कहा कि रिपोर्ट तैयार करो, पर कर्मचारी कान में तेल डालकर बैठे हैं।
8. गाँव में पानी की समस्या है, लेकिन अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हुए हैं।
9. इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई, फिर भी मंत्री कान में तेल डालकर चुप बैठे हैं।
10. वह बच्चा इतना जिद्दी है कि कोई कुछ भी कहे, वह जैसे कान में तेल डाल लेता है।
11. नेताओं से उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने तो जैसे कान में तेल डाल लिया है।
12. तुम अपनी सेहत को लेकर इतनी लापरवाह क्यों हो, क्या कान में तेल डाल लिया है?
13. बार-बार सूचना देने पर भी अगर कोई नहीं सुनता, तो लगता है उसने कान में तेल डाल लिया है।
14. जब से उसे नौकरी मिली है, वह घर की बातों पर ध्यान ही नहीं देता, जैसे कान में तेल डाल लिया हो।
15. उसने सभी नियमों की अनदेखी की, लगता है उसने कान में तेल डालकर नियमों को नकार दिया है।
निष्कर्ष:
"कान में तेल डालना" एक प्रचलित, सारगर्भित और व्यंग्यात्मक हिंदी मुहावरा है जो किसी की लापरवाही, अनदेखी और उदासीनता को चित्रित करता है। यह मुहावरा हमें बताता है कि समाज में सजग रहना, सुनना और समझना कितना आवश्यक है। जब हम दूसरों की बातों की अनसुनी करते हैं, तो इसका असर केवल हमारे ऊपर नहीं, पूरे समाज पर पड़ता है। अतः हमें अपने "कानों से तेल निकालकर" जागरूक होना चाहिए और समय की आवाज़ को सुनना चाहिए।
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