“कमान से तीर निकलना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kaman Se Teer Nikalna Meaning In Hindi
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Kaman Se Tir Niklna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कमान से तीर निकलना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
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Kaman Se Tir Nikalna |
“कमान तीर से निकलना” मुहावरे का अर्थ व्याख्या इस प्रकार है-
मुहावरा: “कमान से तीर निकलना”।
अर्थ:
कोई कार्य बहुत तेजी और तीव्रता से शुरू हो जाना या कोई बात एक बार हो जाने के बाद वापस न होना या फिर मुँह से बात निकलना ।
व्याख्या:
हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष स्थान है। ये न केवल भाषा को प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि विचारों को संक्षिप्त, सटीक और प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने का कार्य भी करते हैं। “कमान से तीर निकलना” एक ऐसा ही लोकप्रिय मुहावरा है, जिसका प्रयोग आम जीवन की विभिन्न स्थितियों में किया जाता है।
इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – जैसे कोई तीर एक बार कमान से निकल जाए, तो वह वापस नहीं आ सकता और अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ जाता है। उसी तरह जब कोई कार्य, निर्णय या बात एक बार हो जाती है, तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता और उसका प्रभाव तुरंत और निश्चित रूप से दिखाई देने लगता है।
यह मुहावरा मुख्यतः दो प्रकार की स्थितियों में प्रयोग होता है –
1. जब कोई कार्य बहुत तीव्र गति से शुरू हो जाता है और उसे रोक पाना असंभव हो जाता है।
2. जब कोई निर्णय, वचन या कर्म ऐसा होता है जो एक बार हो जाने के बाद पलटा नहीं जा सकता।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि:
इस मुहावरे की उत्पत्ति भारतीय युद्धकला से जुड़ी मानी जाती है, जहाँ तीर और कमान का विशेष महत्त्व था। जब योद्धा तीर को कमान पर चढ़ाता है, तब तक उसे छोड़ा नहीं गया माना जाता, परंतु जैसे ही तीर कमान से निकल जाता है, वह न तो रोका जा सकता है और न ही लौटाया जा सकता है। यही विचार इस मुहावरे में समाहित है।
रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में भी तीर-कमान का प्रतीकात्मक प्रयोग कई बार हुआ है। जब रामचंद्र जी ने रावण पर बाण चलाया या अर्जुन ने युद्धभूमि में तीर छोड़ा, तब वह निर्णय अंतिम और अपरिवर्तनीय था। इसी भावना को इस मुहावरे में दर्शाया गया है।
वर्तमान संदर्भ में प्रयोग:
आज के जीवन में “कमान से तीर निकलना” का प्रयोग उन परिस्थितियों के लिए किया जाता है जहाँ व्यक्ति कोई निर्णय ले लेता है, कोई बात कह देता है या कोई कार्य शुरू कर देता है और फिर उस पर नियंत्रण संभव नहीं होता।
उदाहरण के लिए:
एक नेता ने जनसभा में आवेश में आकर कोई विवादित बात कह दी, और उसके बाद मीडिया व विरोधियों की प्रतिक्रिया शुरू हो गई – इसे कहा जा सकता है कि "अब तो कमान से तीर निकल चुका है।"
किसी कंपनी ने एक बार किसी नई योजना की घोषणा कर दी – फिर उसे वापस लेना कठिन हो गया, चाहे परिस्थितियाँ बदल गई हों।
मानव व्यवहार और मनोविज्ञान में भूमिका:
यह मुहावरा मनोवैज्ञानिक रूप से भी बहुत गहराई रखता है। मनुष्य का व्यवहार कई बार आवेश, उत्तेजना या जल्दबाज़ी में ऐसा हो जाता है कि वह कोई बात या कार्य कर बैठता है, जिसे फिर बदलना या सुधारना कठिन हो जाता है। ऐसे में यह मुहावरा एक चेतावनी के रूप में भी प्रयुक्त होता है कि सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए, क्योंकि एक बार "तीर कमान से निकल जाए" तो उसका रास्ता नहीं बदला जा सकता।
शिक्षाप्रद पहलू:
इस मुहावरे में एक गहरी सीख छिपी है – सोच-समझकर बोलना, निर्णय लेना और कार्य करना चाहिए। बिना सोचे-समझे उठाया गया कोई कदम न केवल स्वयं के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी संकट का कारण बन सकता है। इसलिए, इस मुहावरे के माध्यम से यह संदेश भी दिया जाता है कि एक बार बोले गए शब्द या किए गए कार्य को लौटाया नहीं जा सकता, ठीक वैसे ही जैसे कमान से निकला तीर अपने लक्ष्य की ओर ही जाता है।
“कमान से तीर निकलना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kaman Se Teer Nikalna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. उसने गुस्से में ऐसी बात कह दी जो कमान से तीर निकलने जैसी थी।
2. अब जब इस्तीफा दे ही दिया है, तो समझो कमान से तीर निकल चुका है।
3. परीक्षा की तारीख़ घोषित होते ही पढ़ाई कमान से तीर की तरह शुरू हो गई।
4. एक बार शादी का प्रस्ताव भेज दिया, अब तो कमान से तीर निकल चुका है।
5. जैसे ही सैनिकों को आदेश मिला, वे कमान से निकले तीर की तरह युद्ध में कूद पड़े।
6. उसके आरोप लगाते ही माहौल गरमा गया, जैसे कमान से तीर निकल गया हो।
7. नेता ने विवादित बयान दे दिया, अब यह कमान से निकले तीर की तरह देशभर में फैल गया।
8. जब मैंने सच बोल दिया, तो फिर पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं थी – तीर कमान से निकल चुका था।
9. एक बार गलती हो गई, अब वह कमान से तीर निकलने जैसा हो गया है।
10. जैसे ही फिल्म रिलीज़ हुई, वह कमान से निकले तीर की तरह हिट हो गई।
11. उसने नौकरी छोड़ दी, अब वापसी संभव नहीं – कमान से तीर निकल चुका है।
12. उन्होंने झूठ बोल दिया, और वह बात पूरे परिवार में कमान से तीर की तरह फैल गई।
13. एक बार योजना की घोषणा कर दी, अब उसे बदलना मुश्किल है – कमान से तीर निकल गया है।
14. प्रतियोगी ने उत्तर दे दिया, लेकिन बाद में पछताया – कमान से तीर निकल चुका था।
15. वह एक बार विदेश चला गया, अब तो मानो कमान से तीर निकल गया हो – लौटना कठिन है।
निष्कर्ष:
“कमान से तीर निकलना” एक अत्यंत प्रभावशाली और व्यावहारिक मुहावरा है, जो न केवल भाषा को सजीव बनाता है, बल्कि जीवन के गूढ़ सत्य को भी प्रकट करता है। यह मुहावरा हमें सतर्कता, विवेक और उत्तरदायित्व की सीख देता है। इसका प्रयोग न केवल साहित्यिक रचनाओं में होता है, बल्कि दैनिक जीवन की परिस्थितियों में भी बड़े सटीक ढंग से किया जा सकता है। अतः यह मुहावरा हमारी भाषा और जीवन दोनों को समृद्ध बनाता है।
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