“कब्र में पाँव लटकाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kabra Me Paon Latkana Meaning In Hindi

Kabra Me Panv Latkana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कब्र में पाँव लटकाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है? मुहावरा- “कब्र में पाँव लटकाना”। ( Muhavara- Kabra Me Panv Latkana ) अर्थ- अत्यधिक उम्र का होना / मृत्यु के निकट होना । ( Arth/Meaning in Hindi- Atyadhik Umra Ka H ona / Mrityu Ke Nikat Hona ) “कब्र में पाँव लटकाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है- परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष महत्व है। ये न केवल भाषा को रोचक और प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि भावों की गहराई को भी संक्षेप में प्रकट करते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध मुहावरा है — "कब्र में पाँव लटकाना"। यह मुहावरा आमतौर पर बुज़ुर्ग या बहुत वृद्ध लोगों के संदर्भ में प्रयोग होता है, जिनका जीवन अंत के समीप प्रतीत होता है। अर्थ: "कब्र में पाँव लटकाना" का अर्थ होता है बहुत अधिक वृद्ध होना या इतना बूढ़ा हो जाना कि मृत्यु निकट हो। यह मुहावरा उस अवस्था को दर्शाता है जब व्यक्ति शारीरिक रूप से बेहद दुर्बल हो जाता है और उसका जीवन धीरे-धीरे मृत्यु की ओर बढ़ने लगता है। इसका सीधा संबंध उम्र के अंतिम पड़ाव से है। यह म...

"अच्छी चीज खुद बोलती है” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Achhi Chij Khud Bolati Hai Meaning In Hindi


Achhi Cheez Khud Bolati Hai Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / "अच्छी चीज खुद बोलती है" मुहावरे का क्या अर्थ होता है?

 

"अच्छी चीज खुद बोलती है” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Achhi Chij Khud Bolati Hai Meaning In Hindi
Achhi Cheez Khud Bolati Hai


मुहावरा- "अच्छी चीज खुद बोलती है"।

( Muhavara- Achhi Chij Khud Bolati Hai )


अर्थ- अच्छे वस्तुओं या मनुष्यों की गुणवत्ता और प्रभाव अपने आप ही लोगों को आकर्षित करती है ।

(Arth/Meaning in Hindi- Achhe Vastuon Ya Manushyon Ki Gunvatta Aur Prabhav Apne Aap Hi Logo Ko Aakarshit Karti Hai )




"अच्छी चीज खुद बोलती है" मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


"अच्छी चीज खुद बोलती है" यह हिंदी का एक प्रसिद्ध मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि जो चीज वास्तव में अच्छी और मूल्यवान होती है, उसकी प्रशंसा के लिए अतिरिक्त प्रचार-प्रसार या दिखावे की जरूरत नहीं होती। उसकी गुणवत्ता और प्रभाव अपने आप लोगों को आकर्षित कर लेते हैं।


अर्थ:

इस मुहावरे का सीधा अर्थ यह है कि किसी वस्तु, व्यक्ति, या कार्य की सच्ची श्रेष्ठता अपने आप सामने आ जाती है। उसे खुद को साबित करने के लिए बाहरी चमक-दमक या आडंबर की आवश्यकता नहीं होती। उदाहरण के लिए, एक अच्छा कलाकार अपनी कला से ही पहचाना जाता है, न कि अपने प्रचार से। इसी तरह, एक अच्छा उत्पाद अपनी गुणवत्ता के कारण खुद ही लोगों का विश्वास जीत लेता है।


व्याख्या:

इस दुनिया में कई बार हम देखते हैं कि लोग अपनी उपलब्धियों या चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की कोशिश करते हैं। वे दिखावे और प्रचार के सहारे नाम कमाना चाहते हैं। लेकिन असली मूल्यवान चीजें या सच्चे गुण वाले लोग बिना शोर-शराबे के भी अपनी पहचान बना लेते हैं।


यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि गुणवत्ता और श्रेष्ठता का वास्तविक मूल्य प्रचार से नहीं, बल्कि उसकी वास्तविकता से जाना जाता है। उदाहरण के लिए:


*अच्छी किताबें — वे बिना किसी खास प्रचार के भी लोगों के दिलों में जगह बना लेती हैं, क्योंकि उनकी सामग्री दमदार होती है।


*ईमानदार व्यक्ति — वह अपने व्यवहार और कर्मों से ही सम्मान प्राप्त करता है, न कि झूठी प्रशंसा से।


*अच्छे उत्पाद — भले ही उनका विज्ञापन कम हो, लेकिन उनकी गुणवत्ता के कारण लोग खुद-ब-खुद उन्हें पसंद करने लगते हैं।


उदाहरण:

1. वह खिलाड़ी अपनी मेहनत और प्रदर्शन से ही टीम में जगह बना पाया, क्योंकि अच्छी चीज खुद बोलती है।

2. पुराने जमाने की फिल्में आज भी लोगों को पसंद आती हैं, क्योंकि अच्छी चीज खुद बोलती है।

3. गांव के उस छोटे से ढाबे का खाना इतना स्वादिष्ट है कि बिना किसी प्रचार के ही लोग वहां खिंचे चले आते हैं — सच ही कहते हैं, अच्छी चीज खुद बोलती है।


"अच्छी चीज खुद बोलती है" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Achhi Chij Khud Bolati Hai Muhavare Ka Vakya Prayog. 


1. उसकी बनाई हुई पेंटिंग ने सबका दिल जीत लिया, सच ही है — अच्छी चीज खुद बोलती है।

2. वह नई दुकान बिना किसी विज्ञापन के ही मशहूर हो गई, क्योंकि अच्छी चीज खुद बोलती है।

3. पुराने जमाने की क्लासिक फिल्में आज भी देखी जाती हैं, अच्छी चीज खुद बोलती है।

4. बिना दिखावे के भी उसकी सादगी ने सबका मन मोह लिया, अच्छी चीज खुद बोलती है।

5. उस खिलाड़ी ने बिना शेखी बघारे अपनी मेहनत से टीम में जगह बना ली — अच्छी चीज खुद बोलती है।

6. वह किताब इतनी रोचक थी कि लोगों ने खुद ही उसकी तारीफ शुरू कर दी, अच्छी चीज खुद बोलती है।

7. छोटे से गांव का वह ढाबा शहर के बड़े-बड़े होटलों से ज्यादा मशहूर हो गया, क्योंकि अच्छी चीज खुद बोलती है।

8. उसकी बनाई मूर्तियों को देखते ही लोग खरीद लेते हैं, क्योंकि अच्छी चीज खुद बोलती है।

9. नया गायक बिना किसी प्रमोशन के ही फेमस हो गया, उसकी आवाज में जादू था — अच्छी चीज खुद बोलती है।

10. दादी के हाथ का खाना इतना स्वादिष्ट था कि जो एक बार खाता, बार-बार खाने आता — अच्छी चीज खुद बोलती है।

11. बिना किसी प्रचार के भी वह स्मार्टफोन बाजार में छा गया, सच ही है — अच्छी चीज खुद बोलती है।

12. उसके डिजाइन किए हुए कपड़े इतने खूबसूरत थे कि लोग खुद-ब-खुद उसकी दुकान पर आ गए, अच्छी चीज खुद बोलती है।

13. गांव का वो बूढ़ा हकीम बिना किसी बोर्ड के भी मशहूर था, क्योंकि उसकी दवा असरदार थी — अच्छी चीज खुद बोलती है।

14. नई वेब सीरीज ने बिना किसी बड़े स्टार के ही लोकप्रियता हासिल कर ली, अच्छी चीज खुद बोलती है।

15. उसके सरल और ईमानदार व्यवहार ने उसे सबका प्रिय बना दिया — अच्छी चीज खुद बोलती है।


सीख और प्रेरणा:

यह मुहावरा हमें सिखाता है कि हमें अपनी गुणवत्ता और सच्चाई पर विश्वास रखना चाहिए। अगर हमारा काम अच्छा है, तो उसकी तारीफ खुद-ब-खुद होगी। झूठे दिखावे और फालतू प्रचार से ज्यादा महत्वपूर्ण है अपनी काबिलियत पर मेहनत करना।



"अच्छी चीज खुद बोलती है" — इस मुहावरे से जुड़ी एक प्रेरक कहानी:


गांव में एक मशहूर कुम्हार रहता था, जिसका नाम था रामू। वह बड़े प्यार और मेहनत से मिट्टी के सुंदर बर्तन बनाता था। उसकी बनाई हुई मटकी, घड़े और दीये इतने सुंदर और मजबूत होते कि जो भी देखता, वो बिना सौदेबाजी के खरीद लेता। लेकिन रामू अपनी कला का ज्यादा प्रचार नहीं करता था। वह बस चुपचाप अपना काम करता और अपनी मिट्टी की खुशबू से गांव के लोगों का दिल जीत लेता।


उसी गांव में एक और कुम्हार था — शंभू। वह अपने बर्तनों पर रंग-बिरंगे चमकीले रंग चढ़ाता और हर हाट-बाजार में जोर-जोर से अपनी तारीफ करता। वह कहता, "मेरे बर्तन सबसे सुंदर हैं, सबसे सस्ते हैं, और सबसे ज्यादा टिकाऊ हैं। कोई मुझसे बेहतर नहीं!" उसके बर्तन देखने में सुंदर लगते, लेकिन कुछ ही दिनों में टूट जाते।


गांव के राजा ने एक दिन ऐलान किया कि जो कुम्हार सबसे अच्छा घड़ा बनाएगा, उसे पुरस्कार मिलेगा। शंभू ने अपने घड़े पर सोने की चमकती परत चढ़ाई और खूब शोर मचाया। लोग उसकी ओर आकर्षित हुए, लेकिन रामू चुपचाप अपने साधारण दिखने वाले, मजबूत और सुंदर घड़े के साथ खड़ा रहा।


राजा ने दोनों घड़ों को देखा। शंभू का घड़ा दिखने में चमकीला था, लेकिन जब राजा ने उसमें पानी डाला, तो वह कुछ ही पलों में चटक गया। फिर राजा ने रामू का घड़ा देखा — साधारण मगर मजबूत। पानी से भरने के बाद भी उसमें न कोई दरार आई, न कोई लीक। राजा ने मुस्कुराकर कहा, "अच्छी चीज खुद बोलती है। रामू का घड़ा सादगी में भी अपनी गुणवत्ता का प्रमाण दे रहा है। इसे प्रचार की जरूरत नहीं।"

रामू को पुरस्कार मिला और उसकी मेहनत की सच्ची कदर हुई।


सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि असली श्रेष्ठता को किसी बाहरी दिखावे की जरूरत नहीं होती। अगर काम अच्छा और सच्चे मन से किया गया है, तो वह अपनी पहचान खुद बना लेता है।



Comments

Popular posts from this blog

प्रिंटर क्या होता है? परिभाषा, प्रकार और इतिहास / What Is Printer In Hindi

आस्तीन का सांप मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aasteen Ka Saanp Meaning In Hindi

कम्प्यूटर किसे कहते हैं? / What is computer in hindi?

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna Meaning In Hindi

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kala Akshar Bhains Barabar Meaning In Hindi

एक पन्थ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Ek Panth Do Kaaj Meaning In Hindi

अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Andho Mein Kana Raja Meaning In Hindi

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kolhu Ka Bail Meaning In Hindi