“किसी के कंधे से बंदूक चलाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kisi Ke Kandhe Se Bandook Chalana Meaning In Hindi

  Kisi Ke Kandhe Se Bandook Chalana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / किसी के कंधे से बंदूक चलाना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? मुहावरा- “किसी के कंधे से बंदूक चलाना”। (Muhavara- Kisi Ke Kandhe Se Bandook Chalana) अर्थ- किसी दूसरे पर निर्भर होकर कार्य करना । (Arth/Meaning In Hindi- Kisi Dusare Par Nirbhar Hokar Karya Karna) “किसी के कंधे से बन्दूक चलाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है- अर्थ: “किसी के कंधे से बंदूक चलाना” का अर्थ है अपने स्वार्थ या उद्देश्य को पूरा करने के लिए किसी और व्यक्ति का उपयोग करना। इस मुहावरे में व्यक्ति स्वयं सीधे कार्य नहीं करता, बल्कि किसी अन्य व्यक्ति को आगे कर अपने कार्य को पूरा करता है ताकि उसे स्वयं पर दोष न आए और उसका काम भी निकल जाए। मुहावरे की उत्पत्ति: यह मुहावरा सेना और शिकार की भाषा से लिया गया है। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चलाता है, तो गोली उसके कंधे से चलती है, लेकिन निशाना और उद्देश्य पहले व्यक्ति का होता है। इसका अर्थ यही होता है कि कार्य कोई और करता है, लेकिन लाभ या उद्देश्य किसी और का पूरा होता है। विस्तृत व...

“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Jaan Hatheli Par Rakhna Meaning In Hindi


Jaan Hatheli Par Rakhna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / “जान हथेली पर रखना” मुहावरे का अर्थ क्या होता है? 

 

“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Jaan Hatheli Par Rakhna Meaning In Hindi
Jaan Hatheli Par Rakhna



मुहावरा- “जान हथेली पर रखना” ।


( Muhavara- Jaan Hatheli Par Rakhna )



अर्थ- ज़िंदगी की परवाह किए बगैर खतरनाक कार्य करना / जान जोखिम में डालकर काम को अंजाम देना ।


( Arth/Meaning in Hindi- Zindagi Ki Parwah Kiye Bagair Khatarnak Karya Karna / Jaan Jokhim Me Dalkar Kam Ko Anzam Dena )




“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार से है-


“जान हथेली पर रखना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी खतरे या जोखिम से भरे काम को बिना किसी डर या झिझक के पूरा करना। इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने प्राणों की परवाह किए बिना साहसिक और जोखिम भरे कार्यों को अंजाम देता है। यह मुहावरा न केवल बहादुरी और साहस को दर्शाता है, बल्कि आत्म-त्याग, निस्वार्थता और किसी उद्देश्य के प्रति समर्पण की भावना को भी उजागर करता है।


मुहावरा “जान हथेली पर रखना” का शाब्दिक अर्थ यह है कि व्यक्ति अपनी जान को हथेली पर रखकर किसी काम को करने के लिए तैयार है। हथेली पर जान रखने का आशय यह है कि जान की सुरक्षा या भय का कोई विचार नहीं है, बल्कि उस काम को हर हाल में पूरा करना ही उद्देश्य है। इसका भावार्थ यह है कि व्यक्ति ने हर प्रकार के भय, हानि और जोखिम को दरकिनार कर दिया है और वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।



“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Jaan Hatheli Par Rakhna Muhavare Ka Vakya Prayog. 


1. सैनिक हर पल अपनी जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करते हैं।


2. भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


3. तूफान के दौरान नाविकों ने अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों को बचाया।


4. पुलिसकर्मी ने आतंकियों से लड़ाई करते हुए अपनी जान हथेली पर रख दी।


5. रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर अंग्रेजों से युद्ध किया।


6. डॉक्टर महामारी के समय अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों का इलाज कर रहे थे।


7. पर्वतारोही ने एवरेस्ट पर चढ़ाई करते समय अपनी जान हथेली पर रख दी।


8. पत्रकार ने युद्ध क्षेत्र से खबर लाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


9. दमकलकर्मी ने आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


10. किसान हर मौसम में अपनी जान हथेली पर रखकर खेतों में मेहनत करता है।


11. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजादी की लड़ाई में अपनी जान हथेली पर रख दी।


12. मां अपने बच्चों की रक्षा के लिए अपनी जान हथेली पर रख देती है।


13. गुफा में फंसे पर्यटकों को बचाने के लिए बचाव दल ने अपनी जान हथेली पर रख दी।


14. शिवाजी महाराज ने मुगलों से लड़ाई करते हुए अपनी जान हथेली पर रख दी।


15. वैज्ञानिकों ने खतरनाक प्रयोग करते समय अपनी जान हथेली पर रखी।


16. सैनिक ने सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


17. पर्वतारोहियों ने बर्फीले तूफान में फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


18. स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों से लड़ाई में अपनी जान हथेली पर रख दी।


19. सुरक्षाकर्मी ने बम को निष्क्रिय करने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


20. बचपन में सुनी वीरों की कहानियां हमें सिखाती हैं कि कैसे उन्होंने अपनी जान हथेली पर रखी।


21. नदी में डूबते बच्चे को बचाने के लिए युवक ने अपनी जान हथेली पर रख दी।


22. साइबर अपराध रोकने वाले अधिकारियों ने खतरनाक अपराधियों से निपटने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी।


23. यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए पायलट ने अपनी जान हथेली पर रख दी।


24. स्वतंत्रता दिवस पर वीर शहीदों को याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी जान हथेली पर रखी।


25. भूकंप में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत दल ने अपनी जान हथेली पर रख दी।





“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि


इस मुहावरे का संबंध इतिहास और युद्धों से जोड़ा जा सकता है, जब योद्धा अपने प्राणों की चिंता किए बिना देश, धर्म या समाज की रक्षा के लिए युद्ध के मैदान में उतरते थे। वीरता के ऐसे उदाहरण हमें भारतीय इतिहास के कई प्रसंगों में मिलते हैं। जैसे महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई और भगत सिंह जैसे वीरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर स्वतंत्रता और स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी।


“जान हथेली पर रखना” मुहावरे का दैनिक जीवन में उपयोग


यह मुहावरा केवल युद्ध और वीरता तक सीमित नहीं है। यह सामान्य जीवन में भी साहसिक और जोखिमपूर्ण कार्यों के संदर्भ में प्रयोग होता है। उदाहरण के लिए:


1. जब कोई व्यक्ति अपने परिवार के भविष्य के लिए कठिन परिस्थितियों में जोखिम उठाता है, तो कहा जा सकता है कि उसने अपनी जान हथेली पर रख दी।


2. सामाजिक कार्यकर्ता जो समाज सुधार के लिए खतरनाक परिस्थितियों का सामना करते हैं, उनके कार्यों को भी इस मुहावरे से परिभाषित किया जा सकता है।


उदाहरण


1. देशभक्ति: सीमा पर तैनात सैनिक अपनी जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करते हैं। उनके साहस और बलिदान को इस मुहावरे से व्यक्त किया जा सकता है।


2. आपदा में सहायता: बाढ़, आग या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के समय राहतकर्मी अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों को बचाते हैं।


3. व्यक्तिगत बलिदान: एक डॉक्टर जो महामारी के दौरान मरीजों का इलाज करता है, वह भी अपनी जान हथेली पर रखकर सेवा करता है।


नैतिक शिक्षा और प्रेरणा


यह मुहावरा हमें साहस, निस्वार्थता और कर्तव्यपरायणता की प्रेरणा देता है। यह बताता है कि किसी बड़े उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की चिंता छोड़कर काम करने की आवश्यकता होती है।


निष्कर्ष


“जान हथेली पर रखना” केवल एक मुहावरा नहीं है, बल्कि यह उन लोगों की भावना और साहस का प्रतीक है, जिन्होंने अपने कर्तव्य और आदर्शों के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। यह मुहावरा हमें प्रेरित करता है कि जीवन में साहस, दृढ़ता और आत्म-त्याग के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।




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