“अक्ल बड़ी या भैंस” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Akl Badi Ya Bhains Meaning In Hindi
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Akl Badi Ya Bhais Muhavare Ka Arth Air Vakya Prayog / अक्ल बड़ी या भैंस मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Akl Badi Ya Bhains |
मुहावरा- “अक्ल बड़ी या भैंस”।
( Muhavara- Akl Badi Ya Bhains )
अर्थ- शारीरिक बल से ज्यादा बुद्धि का प्रबल होना / बल और बुद्धि के बीच तुलना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Sharirik Bal Se Jyada Buddhi Ka Prabal Hona / Bal Aur Buddhi Ke Bich Tulna )
“अक्ल बड़ी या भैंस” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“अक्ल बड़ी या भैंस” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब यह सवाल उठता है कि बल, आकार, या बाहरी दिखावे की तुलना में विवेक, बुद्धिमानी और समझदारी अधिक महत्वपूर्ण है या नहीं। इस मुहावरे का अर्थ किसी स्थिति या समस्या के समाधान में बुद्धि और तर्क के महत्व को समझाने से है, भले ही सामने वाला बलशाली, शक्तिशाली, या प्रभावशाली क्यों न हो।
"अक्ल बड़ी या भैंस" में "अक्ल" का मतलब है व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, विवेक, और निर्णय लेने की क्षमता। दूसरी ओर, "भैंस" एक बड़े और बलशाली प्राणी का प्रतीक है। इस मुहावरे में एक प्रकार की तुलना होती है, जो यह बताती है कि केवल बाहरी ताकत या आकार से ही सबकुछ नहीं होता। इसके बजाय, सही समय पर विवेक और बुद्धिमानी का उपयोग अधिक प्रभावशाली साबित होता है।
मुहावरे का भावार्थ
बल और बुद्धि के बीच तुलना।
यह स्पष्ट करना कि जीवन में सिर्फ शारीरिक ताकत ही महत्वपूर्ण नहीं है।
बुद्धिमत्ता से बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझाया जा सकता है।
कभी-कभी यह मुहावरा व्यंग्यात्मक रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, जब कोई व्यक्ति तर्क-विहीन होकर केवल ताकत का प्रदर्शन करता है।
उदाहरण
यह मुहावरा ऐसे समय में इस्तेमाल किया जाता है जब कोई व्यक्ति ताकत और बाहरी दिखावे को प्राथमिकता देता है, लेकिन उसके कार्य के परिणामस्वरूप उसे अपनी भूल का एहसास होता है। उदाहरण के लिए:
1. यदि कोई व्यक्ति केवल बल के दम पर किसी समस्या को हल करने की कोशिश करता है, लेकिन अंततः असफल होता है और तब उसे बुद्धिमानी का महत्व समझ में आता है।
2. जब कोई व्यक्ति आकार और संख्या को ही सफलता का मापदंड मानता है, लेकिन विवेक और रणनीति उसे मात दे देती है।
इतिहास और सांस्कृतिक संदर्भ
यह मुहावरा भारतीय ग्रामीण संस्कृति से प्रेरित है, जहाँ भैंस को एक मजबूत और ताकतवर जानवर के रूप में देखा जाता है। भैंस का शरीर बड़ा और शक्तिशाली होता है, लेकिन इसे अक्लमंद या चालाक प्राणी नहीं माना जाता। दूसरी ओर, इंसान अपनी बुद्धिमत्ता के कारण बड़ी से बड़ी मुश्किलें हल कर सकता है। यह मुहावरा इस विरोधाभास को खूबसूरती से दर्शाता है।
प्रासंगिकता
इस मुहावरे का उपयोग आज भी विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे:
1. शिक्षा: छात्रों को सिखाया जाता है कि केवल शारीरिक ताकत के बजाय तर्क और बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करें।
2. कार्यस्थल: कर्मचारियों को समझाया जाता है कि बल के बजाय अपनी समझ और कौशल से काम करें।
3. राजनीति: किसी भी देश के नेतृत्व में केवल बल प्रयोग से अधिक विवेक और कूटनीति का महत्व होता है।
4. खेल: खेलों में रणनीति और योजना का महत्व बल से अधिक होता है।
“अक्ल बड़ी या भैंस” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Akal Badi Ya Bhains Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. जब पहलवान तर्क से हार गया, तो उसने माना कि अक्ल बड़ी या भैंस।
2. बिना योजना बनाए बल का उपयोग करने वाले को समझना चाहिए कि अक्ल बड़ी होती है।
3. समस्या को हल करने में बुद्धिमत्ता दिखाओ, तभी समझोगे कि अक्ल बड़ी या भैंस।
4. गांव के बुजुर्ग ने लड़ाई करने वालों से कहा, "भैंस के बल पर मत जाओ, अक्ल से काम लो।"
5. कूटनीति से जीती गई लड़ाई ने सिद्ध कर दिया कि अक्ल बड़ी होती है।
6. राजा ने अपनी सेना को समझाया कि युद्ध में केवल बल नहीं, बुद्धिमत्ता भी जरूरी है।
7. बड़े व्यापारिक सौदे में रणनीति के महत्व ने यह साबित किया कि अक्ल बड़ी है।
8. बच्चों को सिखाया गया कि केवल ताकत से नहीं, दिमाग से आगे बढ़ो।
9. गांव में जब बलशाली व्यक्ति हारा, तो सबने कहा, "अक्ल बड़ी या भैंस।"
10. परीक्षा में रट्टा मारने के बजाय समझदारी से पढ़ाई करना जरूरी है।
11. किसान ने अपनी फसल बचाने के लिए बल के बजाय तकनीकी उपाय अपनाए।
12. जंगल के जानवरों ने मिलकर भालू को हराया और कहा, "अक्ल बड़ी होती है।"
13. छोटे व्यापारी ने अपनी चतुराई से बड़े व्यवसायी को मात दी।
14. योजनाबद्ध तरीके से काम करने वाले व्यक्ति ने बलशाली व्यक्ति को परास्त कर दिया।
15. कक्षा के होशियार छात्र ने अपने प्रदर्शन से सबसे आगे निकलकर दिखा दिया।
16. क्रिकेट मैच में कप्तान ने रणनीति बदलकर हार को जीत में बदल दिया।
17. दिमाग का सही उपयोग ही इंसान को ताकतवर बनाता है।
18. बुद्धिमान व्यक्ति ने अपने विवेक से बड़ा संकट टाल दिया।
19. जब ताकतवर आदमी ने तर्क छोड़कर बल का सहारा लिया, तो वह असफल हुआ।
20. योजना और समझ से खेला गया खेल हमेशा जीत दिलाता है।
21. गांव के प्रधान ने अपनी समझ से मुश्किल समस्या हल की।
22. जंगल में लोमड़ी ने चतुराई से शेर को हरा दिया।
23. बिना सोचे-समझे काम करने वाले को हार का सामना करना पड़ता है।
24. बुद्धिमत्ता से लिया गया फैसला हमेशा कारगर होता है।
25. बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना केवल अक्ल से ही किया जा सकता है।
निष्कर्ष
"अक्ल बड़ी या भैंस" यह मुहावरा सिखाता है कि जीवन में केवल बल और बाहरी दिखावे पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। सही समय पर सही निर्णय लेना और अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करना अधिक महत्वपूर्ण है। यह मुहावरा हमें हर परिस्थिति में विवेकपूर्ण और समझदारी से काम लेने की प्रेरणा देता है।
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