"बद अच्छा, बदनाम बुरा” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Bad Achha Badnaam Bura Meaning In Hindi
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Bad Achha Badnam Bura Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / "बद अच्छा, बदनाम बुरा" मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
Bad Achha Badnam Bura |
मुहावरा: "बद अच्छा, बदनाम बुरा" ।
(Muhavara- Bad Achha Badnam Bura)
अर्थ- चाहे एक बार की बुराई ही हो पर बदनाम होना ठीक नही / बीना कोई गलती किए बदनाम होना या कलंकित होना अच्छी बात नही ।
(Arth/Meaning in Hindi- Chahe Ek Bar Ki Burai Hi Ho Par Badnam Hona Thik Nhi / Bina Koi Galti Kiye Badnam Hona Ya Kalankit Hona Achhi Bat Nhi )
"बद अच्छा, बदनाम बुरा" मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
"बद अच्छा, बदनाम बुरा" इस मुहावरे का मतलब है कि किसी व्यक्ति की बदनामी या खराब छवि, उसके बुरे कार्यों से भी ज्यादा खतरनाक होती है। समाज में बदनामी का प्रभाव इतना गहरा होता है कि कभी-कभी यह किसी के अच्छे कार्यों को भी दबा देता है।
इस मुहावरे में यह बताया गया है कि किसी के खराब कार्य या बुरे चरित्र से ज्यादा उसकी बदनामी बुरी होती है। क्योंकि जब कोई व्यक्ति बदनाम हो जाता है, तो लोग उसकी हर बात पर संदेह करते हैं, भले ही वह अच्छा काम क्यों न करे। बदनामी का प्रभाव व्यक्ति की सामाजिक छवि को नष्ट कर देता है, और लोग उससे दूरी बनाने लगते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि व्यक्ति अपने कार्यों और छवि का ध्यान रखे।
"बद अच्छा, बदनाम बुरा" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Bad Achha Badnam Bura Muhavare Ka Vakya Prayog.
"बद अच्छा, बदनाम बुरा" इस मुहावरे का अर्थ निचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से है-
1. राम का स्वभाव थोड़ा कठोर था, लेकिन लोगों ने उसे झूठा और धोखेबाज कहकर बदनाम कर दिया; सच में बद अच्छा, बदनाम बुरा।
2. किसी ने जानबूझकर राधा के खिलाफ अफवाह फैलाई, जिससे उसकी प्रतिष्ठा खराब हो गई, जबकि उसने कोई गलती नहीं की। बद अच्छा, बदनाम बुरा।
3. गाँव के मुखिया को रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगाकर बदनाम किया गया, और उनका अच्छा काम भी लोगों को नजर नहीं आया।
4. रजनी के काम में छोटी-सी गलती हुई, लेकिन लोग उसे बदनाम करने में लग गए, जो उसकी पूरी मेहनत पर भारी पड़ गई।
5. चोरी करने वाले व्यक्ति को सजा मिलती है, लेकिन बदनाम व्यक्ति को समाज से बहिष्कृत होना पड़ता है।
6. रमेश ने एक बार गुस्से में गलत बात कह दी, और उसके बाद से लोग उसे हमेशा शक की नजर से देखते हैं।
7. सीमा का चरित्र साफ था, लेकिन उसकी बदनामी ने उसे शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
8. बद अच्छा, बदनाम बुरा यह बात सही साबित हुई, जब नरेश को एक छोटी सी बात पर दोषी ठहरा दिया गया।
9. पुलिस की जांच में साबित हुआ कि मोहन निर्दोष है, लेकिन समाज में उसकी बदनामी ने उसे टूटने पर मजबूर कर दिया।
10. अमन ने एक गलती की, और लोग उसकी बदनामी करते रहे, जबकि उसने उसे सुधारने की पूरी कोशिश की।
सारांश:
इस मुहावरे का महत्व यह है कि समाज में किसी की प्रतिष्ठा उसकी सबसे बड़ी पूंजी होती है। अगर वह बदनाम हो जाए, तो उसके अच्छे कार्यों का महत्व भी कम हो जाता है। बदनामी का प्रभाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति और जीवन पर गहरा असर डालता है। यह जरूरी है कि हम अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी व्यक्ति के बारे में निर्णय लेने से पहले सच्चाई को समझें।
"बद अच्छा, बदनाम बुरा"
इस मुहावरे का मतलब है कि किसी के बुरे कर्मों से अधिक खतरनाक उसकी बदनामी होती है। जब कोई व्यक्ति बदनाम हो जाता है, तो उसकी अच्छी बातें और गुण भी लोगों की नजरों में महत्वहीन हो जाते हैं। समाज में बदनामी किसी व्यक्ति की छवि को पूरी तरह नष्ट कर सकती है, चाहे उसके बुरे काम उतने बड़े न हों।
विस्तारपूर्वक व्याख्या:
यह मुहावरा जीवन के एक गहरे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सत्य को उजागर करता है। इसमें "बद" का मतलब है बुरा या खराब, जबकि "बदनाम" का मतलब है बुरी छवि या कुप्रसिद्धि।
1. बुरे कर्म का प्रभाव:
जब कोई व्यक्ति बुरा काम करता है, तो उसका असर सीमित हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति चोरी करता है या झूठ बोलता है, तो यह उसका व्यक्तिगत कार्य है, और इससे प्रभावित लोग गिने-चुने हो सकते हैं।
2. बदनामी का प्रभाव:
बदनामी का प्रभाव व्यक्ति की छवि और प्रतिष्ठा पर होता है। यह पूरे समाज में फैल जाती है और लोगों के मन में उस व्यक्ति के प्रति नकारात्मक धारणाएं बना देती है। बदनामी की वजह से लोग व्यक्ति को शक की नजर से देखने लगते हैं, चाहे उसने वास्तव में कुछ गलत किया हो या नहीं।
3. सामाजिक महत्व:
हमारे समाज में छवि और प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है। यदि किसी की छवि खराब हो जाए, तो लोग उससे दूर होने लगते हैं। बदनामी का कलंक व्यक्ति के जीवन को लंबे समय तक प्रभावित करता है।
4. आत्मविश्वास और मनोबल पर असर:
बदनामी से व्यक्ति का आत्मविश्वास टूट जाता है। वह मानसिक रूप से कमजोर महसूस करता है और सामाजिक जीवन में खुलकर भाग नहीं ले पाता।
5. दृष्टांत:
यदि किसी व्यक्ति को झूठा आरोप लगाकर बदनाम कर दिया जाए, तो लोग उसे दोषी मानने लगते हैं, भले ही वह निर्दोष हो। इस तरह, बदनामी व्यक्ति के अच्छे कार्यों को भी दबा देती है।
उदाहरण:
एक व्यक्ति ने व्यापार में गलती की, लेकिन उसके प्रतिद्वंद्वियों ने अफवाह फैलाकर उसे धोखेबाज घोषित कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि उसकी ईमानदारी पर सवाल उठने लगे, और उसका व्यापार बंद हो गया।
समाज में अक्सर देखा जाता है कि एक छोटी-सी गलती को बड़ा बनाकर किसी को बदनाम कर दिया जाता है, और वह व्यक्ति फिर अपनी सच्चाई साबित करने में लगा रहता है।
शिक्षा:
यह मुहावरा हमें सिखाता है कि हमें किसी के बारे में निर्णय लेने से पहले पूरी सच्चाई जाननी चाहिए। दूसरों को बदनाम करना न केवल गलत है, बल्कि यह उनकी जिंदगी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष:
"बद अच्छा, बदनाम बुरा" यह मुहावरा समाज के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। बुरा व्यक्ति खुद को सुधार सकता है, लेकिन बदनाम व्यक्ति को अपनी छवि सुधारने में बहुत समय और मेहनत लगती है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम किसी के बारे में गलत धारणा न बनाएं और सच्चाई को समझें।
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