चांदी काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Chandi Katna Meaning In Hindi
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Chandi Katna Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / चांदी काटना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Chandi Katna |
मुहावरा- “चांदी काटना” ।
( Muhavara- Chandi Katna )
अर्थ- अत्यधिक कमाई करना / ज्यादा धन अर्जित करना / मौज मस्ती करना / बहुत लाभ प्राप्त होना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Atyadhik Kamai Karna / Jyada Dhan Arjit Karna / Mauj Masti Karna / Bahut Labh Prapt Hona )
“चांदी काटना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“चांदी काटना”, यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक लोकप्रिय मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ अत्यधिक कमाई करना, ज्यादा धन अर्जित करना या बहुत लाभ प्राप्त करना अथवा मौज मस्ती करना होता है ।
इस मुहावरे को उस परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी विशेष अवसर या योजना का लाभ उठा कर खूब सारा धन जुटा लेता है और उस धन का उपयोग करके खूब सारा मौज मस्ती करता है या यूँ कहें कि अपनी ज़िंदगी ऐसों आराम से जीता है । तब हम कह सकते हैं कि वह व्यक्ति खूब चांदी काट रहा है या वह संस्था अत्यधिक चांदी काट रही है ।
इस मुहावरे को व्यापार, खेती बारी और बाजार में होने वाले लाभों के संदर्भों में किया जाता है । जब व्यक्ति किसी व्यापार या किसी भी प्रकार से इतनी अधिक कमाई कर लेता है कि उसकी ज़िंदगी अन्य लोगो की तुलना में बहुत अच्छी हो जाती है तो कहा जा सकता है कि उसकी ज़िंदगी में तो चांदी कट रही है ।
जैसे-
1. दिवाली, दशहरा के त्योहारों में हलवाई भाई लोग तो खूब चांदी काटते हैं ।
2. जरूरत की मात्रा में बारिश होने से किसानों का फ़सल इस बार बहोत अच्छा हुआ है । लगता है कि किसानों का भी चांदी काटने का दिन आ गया है ।
3. रमेश पहले बहोत गरीब था । वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था । पर जब से वह विदेश कमाने लगा है उसके परिवार वालों की तो खूब चांदी कट रही है ।
4. रानी का अमीर घर में सादी क्या हो गयी उसके तो तेवर ही बदल गए हैं । आजकल तो रानी खूब मौज मस्ती कर रही है अर्थात वो खुब चांदी काट रही है ।
5. कुछ लोग ऐसे होते है कि अपने व्यापार से एक ही सीजन में खूब सारा धन अर्जित कर लेते हैं और पूरे साल बैठ कर खूब चांदी काटते हैं ।
“चांदी काटना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Chandi Katna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“चांदी काटना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
वाक्य प्रयोग- 1.
त्योहारों के समय में दुकानदार खूब चांदी काटते हैं । त्योहारों के समय में जब लोग दुकानों से अधिक खरीददारी करते हैं तो दुकानदारों की विक्री अत्यधिक बढ़ जाती है । विक्री बढ़ने से दुकानदारों बहुत ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं और अत्यधिक धन भी अर्जित कर लेते हैं । अर्थात कि दुकानदार त्योहारों के समय चांदी काटते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 2.
रमेश ने शेयर बाजार में निवेश किया था पर उसका पैसा डूब गया । पर रमेश ने हिम्मत नही हारी और एक बार फिर शेयर बाजार में निवेश किया । जिस कम्पनी में रमेश ने निवेश किए थे उस कम्पनी में कुछ ही दिनों में काफी ज्यादा उछाल देखने को मिला । जिसका नतीजा ये हुआ की रमेश के शेयर बाजार में लगाए हुए पैसे डबल हो गए । रमेश को इस कम्पनी से बहुत लाभ प्राप्त हुआ और लाभ प्राप्त होने के कारण ही रमेश आज चांदी काट रहा है ।
वाक्य प्रयोग- 3.
सीमा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है और साथ में सरकारी नौकरी की तैयारी भी करती है । सीमा को स्कूल से इतना तनख्वाह नही मिलता है कि वो मौज मस्ती भी कर सके । एक दिन सीमा की कड़ी मेहनत रंग लायी और उसकी बैंक में सरकारी नौकरी लग गयी । सरकारी नौकरी लगने से सीमा को अच्छा तनख्वाह भी मिलने लगा । कुछ ही महीनों में सीमा ने अच्छा खासा पैसा अर्जित कर लिया । कुछ सालों के बाद सीमा ज्यादा कमाई करने लगी । ज्यादा कमाई करने से सीमा अब मौज मस्ती भी करती है । लोग जब सीमा को देखते हैं तो कहते हैं कि देखो इसकी पहले की ज़िंदगी कैसी थी और अब कैसे चांदी काट रही है ।
वाक्य प्रयोग- 4
रोहित ने अपने दोस्तों से कहा कि आजकल मोनिका खूब चांदी काट रही है ।
मोनिका मेडिकल की पढ़ाई करती है । कॉलेज टॉप करने कि वजह से मोनिका का एक अच्छी सी कम्पनी में प्लेसमेंट हो गया । मतलब कि मोनिका का एक अच्छी सी पैकेज पर मेडिकल ऑफिसर के पद पर सिलेक्शन हो गया । अच्छी पैकेज मिलने से मोनिका ने कुछ ही महीनों में बहोत सारा धन जमा कर लिया । बहोत सारा धन जमा करने और अच्छी पैकेज मिलने की वजह से ही रोहित ने कहा कि आजकल मोनिका खुब चांदी काट रही है ।
वाक्य प्रयोग- 5
कोरोना काल के समय में मास्क बेचने वालों ने भी खूब चांदी काटी । किसी ने सोचा नही था कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि मास्क बेचने वालों का भी दिन आएगा । और ऐसा दिन आएगा की उनकी ज़िंदगी बदल देगा । जब कोरोना महामारी आई तो सरकार ने ये निर्देश दे दिया कि घर हो या पब्लिक प्लेस हर जगह लोगों को मास्क लगाना जरूरी है । इसी वजह से देश मे मास्क की मांग बढती चली गयी और देखते ही देखते एक छोटा सा मास्क करोड़ो का बिजनेस कर लिया । कहने का मतलब ये है की कोरोना में मास्क बेचकर भी लोग बहोत कमाई कर लिए और अत्यधिक धन भी इकट्ठा कर लिए । इसी कारण हम कहते हैं कि कोरोना काल में मास्क बेचने वालों ने भी खूब चांदी काटी ।
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