“उसने कहा था” चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ द्वारा लिखित कहानी / Hindi Story Usane Kaha Tha

Muh Fulana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / मुंह फुलाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Muh Fulana |
मुहावरा- “मुँह फुलाना” ।
( Muhavara- Munh Phulana )
अर्थ- असन्तुष्ट होना / रूठ जाना या रूठ कर बैठ जाना / अप्रसन्नता होना / नाराज़ हो जाना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Asantusht Hona / Ruth Jana Ya Ruth Kar Baith Jana / Aprasannata Hona / Naraz Ho Jana )
“मुँह फुलाना” मुहावरे का अर्थ/ब्याख्या इस प्रकार है-
“मुँह फुलाना”, यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक महत्वपूर्ण व प्रचलित मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति का असन्तुष्ट होना, रूठ जाना अथवा व्यक्ति के अंदर अप्रसन्नता का होना होता है ।
“मुँह फुलाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है अपने चेहरे को इस प्रकार से करना जैसे कि गुस्सा, नाराज़गी या असंतोष प्रकट हो रहा हो । यह मुहावरा आमतौर पर उस वक्त प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात से नाराज़ या असंतुष्ट हो जाता हो और वह अपनी नाराज़गी को बिना कुछ बोले अपने चेहरे के हाव भाव से दिखाता है ।
इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न सन्दर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि किसी के लिए नाराज़गी व्यक्त करने के लिए, किसी बात का विरोध करने के लिए या फिर किसी असहमति को दर्शाने के लिए ।
मुहावरा “मुँह फुलाना” यह दिखाता है कि व्यक्ति अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहा है, लेकिन मौखिक रूप से ।
जैसे-
1. माँ ने जैसे ही बहन को डांटा वह मुंह फुला कर बैठ गई ।
2. पति के हार खरीदने से मना करने पर पत्नी नाराज़ हो गई और वह मुंह फुला कर बैठ गई ।
3. रक्षा बंधन पर भाई ने अपनी बहन को अच्छा उपहार नही दिया तो बहन ने मुंह फुला लिया ।
4. राजू को जब उसका मनपसंद खाना नही मिला तो वो मुँह फुला कर बैठ गया ।
5. स्कूल की छुट्टियों में घूमने जाने से मना करने पर रानी और उसका भाई दोनो ने मुंह फुला लिया ।
6. राजेश ने अपनी पत्नी से बोला कि तुम तो हर एक छोटी सी बात पर असंतुष्ट हो जाती हो । इस प्रकार से हर बात पर मुंह फुलाना अच्छी बात नही होती ।
7. शादी की ज़िम्मेदारी फूफा जी की जगह जीजा जी को देने पर फुफा जी ने तो मुंह फुला लिया और शादी में सामिल न होने की बात कहने लगे ।
8. तिलक में मोटरसाइकिल न मिलने पर दूल्हे ने मुंह फुला लिया ।
“मुँह फुलाना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Muh Phulana Muhavare Ka Vakya Prayog.
“मुँह फुलाना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
राज और नेहा दोनो खाना खाने बैठे । दोनो की थाली में एक समान भोजन परोसा गया । फिर उन दोनो को भोजन के साथ अंडे भी दिए गए खाने के लिए । पर ये क्या अंडा पाते ही नेहा ने तो अपना मुंह फुला लिया । नेहा से देखा कि राज की थाली में दो अंडे दिए गए और उसे एक । इसी बात पर नेहा असंतुष्ट हो गई । नेहा ने अपनी माँ से पूछा कि माँ राज को दो अंडे दी हो और मुझे एक ऐसा क्यूं? मुझे भी दो अंडे चाहिए । तब माँ ने जवाब दिया कि नेहा, राज लड़का है इसलिए उसे दो अंडे दिए और तुम्हे एक । इतना सुनते ही नेहा नाराज हो गई और कही कि तो ठीक है मेरे हिस्से का भी अंडा उसे ही देदो । इतना कह कर नेहा बीना खाना खाए ही उठ कर चली गई और अपने कमरे में जाकर मुँह फुला कर बैठ गई ।
वाक्य प्रयोग- 2.
मीरा ने अपने पती से कहा था कि आज मेरे लिए एक साड़ी लेते आइयेगा । पती ने जवाब दिया की ठीक है लेते आऊंगा । शाम को मीरा ने अपने पती को कॉल कर के पूछा कि मेरी साड़ी खरीदे हैं ना तो उसके पती मे जवाब दिया कि नही आज किसी काम में बिजी हो गया इसलिए नही ले पाया कल लेते आऊंगा । इतना सुनते ही मीरा ने कॉल कट कर दिया । मीरा के पती को पता चल गया कि मीरा ने नाराज़ हो कर कॉल कट की है । मीरा के पती जैसे ही घर पहुचें उन्होंने देखा कि मीरा कमरे में मुंह फुला कर बैठी है । उन्होंने जैसे ही मीरा से बात करना चाहा मीरा तुरंत वहां से उठ कर दूसरी तरफ चली गई । वो समझ गए की अभी बात करना सही नही है इसलिए वो भी चुपचाप वहां से चले गए । साड़ी न खरीदे जाने पर मीरा का रूठ कर बैठ जाना ही मुंह फुलाना कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 3.
श्याम को मेला करने के लिए प्रयाप्त पैसे न मिलने पर वह मुँह फुला कर बैठ गया ।
दशहरे का मेला लगा हुआ था । सब लोग मेला करने जा रहे थे तो श्याम भी मेला जाने के लिए ज़िद्द करने लगा । श्याम के पिता जी ने मेला करने के लिए उसे कुछ पैसे दिए । श्याम ने उन पैसों को देखा तो वो असंतुष्ट हो गया क्योंकि वो पैसे उसके लिए मेला करने के लिए पर्याप्त नही थे । उसने अपने पिता जी से और पैसे मांगे पर उसके पिता जी ने और पैसे देने से मना कर दिया । श्याम के पिता जी और पैसे देने से जैसे ही मना किए श्याम ने मिले हुए पैसों को भी देकर अपने कमरे में चला गया । फिर श्याम के पिता उसे समझाने के लिए कमरे में गए और कहा कि बेटा इतने पैसे कम नही होते हैं । हमारे जमाने में तो एक रुपया मिल जाए वही बहोत होता था । तुम्हे तो इतना सारा पैसा दे रहा हूं फिर भी तुम्हे कम लग रहा है । अगर ऐसे ही मुंह फुला कर बैठे रहोगे तो मेला भी समाप्त हो जायेगा । इतना समझाने के बाद भी श्याम नही मना और अपने कमरे में असंतुष्ट होकर यानी कि मुंह फुला कर बैठा रहा ।
वाक्य प्रयोग- 4.
काजल हर छोटी से छोटी बात पर मुँह फुला लेती है । इसी को देख कर उसकी माँ कहती है कि काजल तुमसे कुछ करने के लिए कह दिया जाता है तो करती नही हो और ऊपर से बिना किए तुम्हे कुछ दिया जाता है तो असंतुष्ट हो जाती हो । अगर ऐसे ही हर एक बात पर मुंह फुलाओगी तो ससुराल में तुम्हारा गुज़ारा कैसे होगा?
दोस्तों, हम उम्मीद करते है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो !
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