“उसने कहा था” चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ द्वारा लिखित कहानी / Hindi Story Usane Kaha Tha

Akl Ke Piche Lathi Liye Firna Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना |
मुहावरा- “अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना”।
( Muhavara- Akl Ke Piche Lathi Liye Firna )
अर्थ- मूर्खता से काम करना / मूर्खतापूर्ण बातें करना / नासमझी की बातें करना / बुद्धि का शत्रु होना ।
( Arth/ Meaning in Hindi- Murkhta Se Kam Karna / Murkhatapurn Batein Karna / Nasamjhi Ki Bate Karna / Budhi Ka Shatru Hona )
“अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना”, यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक उपयोगी मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति द्वारा मूर्खता से काम करना अथवा मूर्खतापूर्ण या नासमझी भरी बातें करना होता है ।
इसे दूसरे शब्दों में समझे तो “अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना” एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी व्यक्ति या स्थिति को समझने के बाद भी उसके खिलाफ कार्यवाही करना । यह व्यक्ति की अक्ल के साथ-साथ उसके समझ का भी मज़ाक बनाना या उसे ठेस पहुंचाना दिखाता है ।
जैसे-
1. तुम्हें कितनी बार समझाया पर तुम तो अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते रहते हो । अब जो है सो भोगो ।
2. अध्यापक मोनू को समझाते रह गए कि तुम नासमझी भरी बातें मत किया करो, पर मोनू कहाँ मानने वाला था, वो तो अपने अक्ल के पीछे सदैव लाठी लिए फिरता है ।
3. कुछ लोग अपने अक्ल के पीछे हर वक़्त लाठी लिए फिरते हैं, तभी तो दूसरे लोग उनका इस्तेमाल करके अपना फायदा उठा लेते हैं ।
4. रमेश तो अपने बुद्धि का शत्रु है । वह खुद अपना काम बिगाड़ लेता है । इसीलिए तो सब लोग कहते हैं, कि रमेश अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरता है ।
5. हे भगवान ! जब भी मै इसकी सलाह लेती हूं तो ये मूर्खतापूर्ण बातें करने लगता है । इसकी नासमझी भरी बातें मेरे समझ से तो परे हैं । जब देखो तब ये अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरता है ।
“अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Akal Ke Piche Lathi Liye Firna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
एक लकड़हारा लकड़ी काटने हेतु जंगल में गया । उसने एक सूखे हुए पेड़ को देखा और निश्चय किया कि वह इसी पेड़ की डालियों को कटेगा । वह लकड़हारा एक डाली पर बैठ गया और उस डाली को काटने लगा । रास्ते से कुछ लोग जा रहे थे । उनकी नजर उस लकड़हारे पर पड़ी । उन्होंने देखा कि लकड़हारा जिस डाली पर बैठा है उसी डाली को काट रहा है । लोगों ने उसे समझाया कि भाई तुम जिस डाली पर बैठे हो उसी को काट रहे हो, तुम्हारे ऐसा करने से तुम डाली के साथ नीचे गिर जाओगे और तुम्हे गंभीर चोटे भी आ सकती है या फिर तुम्हारी मृत्यु भी हो सकती है । लकड़हारे ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और अपने काम में लग गया । लोगों ने सोचा कि ये मूर्खतापूर्ण काम कर रहा है । यह अपनी बुद्धि का शत्रु बन बैठा है । इसे समझाना अब बेफकूफ़ी होगी क्योंकि ये अक्ल के पीछे लाठी लिए फिर रहा है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
गांव के कुछ लोग रमेश से राय मांग रहे थे कि गाँव की उन्नति के लिए किस प्रकार का काम किया जाए । रमेश शहर से पढ़कर गाँव आया है इसलिए लोगो ने सोचा कि रमेश से कुछ राय ले ली जाए । रमेश ने जब गांव वालों को अपना राय देना शुरु किया तो लोग हैरान हो गये । लोगों ने देखा कि रमेश तो नासमझी भरी बातें कर रहा है । रमेश शहर मे पढ़ कर ऐसी मूर्खतापूर्ण राय दे रहा है । लोगों को समझ में आ गया कि रमेश सिर्फ नाम का पढ़ा लिखा है इसे गाँव के बारे में कुछ नही पता है । रमेश को देख कर तो लगता है कि ये अभी अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिर रहा है ।
वाक्य प्रयोग- 3.
गोलू अपने भविष्य को लेकर बेपरवाह हो गया है । जब भी उससे उसके भविष्य को लेकर कोई बात करता हूं तो वो नासमझी भरी बातें करने लगता है । मै उससे कहता हूं कि तुम अपने भविष्य पर ध्यान दो नही तो तुम्हारा पुरा जीवन अंधकार में व्यतीत होगा । गोलू मुझसे कहता है कि मुझे अपने भविष्य की कोई भी चिंता नही है । मेरे पापा के पास बहोत सारा धन सम्पदा है, वो सब आगे चल कर मेरा ही तो होगा । गोलू कि इस प्रकार से मूर्खता भरी बाते सुनकर मै तो आश्चर्य में पड़ गया । मैने पुनः गोलू को समझाया और कहा कि अगर तुम इस प्रकार से अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरोगे तो तुम्हारा कुछ नही होने वाला है ।
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