“कुएँ में बाँस डालना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kuen Me Bans Dalna Meaning In Hindi
Kuen Me Bas Dalna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कुएँ में बाँस डालना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
मुहावरा- “कुएँ में बाँस डालना”।
(Muhavara- Kuen Me Bas Dalna)
अर्थ- छानबीन करना / गहराई तक पता लगाना / जड़ तक पहुंचना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Chhanbin Karna / Gahrai Tak Pata Lagana / Jada Tak Pahuchne)
“कुएँ में बाँस डालना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अर्थ:
‘कुएँ में बाँस डालना’ मुहावरे का अर्थ है:
* बहुत गहराई तक खोज-बीन करना।
* छुपी हुई बातों को जानने के लिए बहुत प्रयास करना।
* छुपे हुए रहस्य को पता लगाने का प्रयास करना।
* हर बात की तह तक जाने की कोशिश करना।
जिस प्रकार कोई व्यक्ति किसी गहरे कुएँ के तल तक कुछ खोजने के लिए उसमें बाँस डालकर उसकी गहराई नापता या कुछ निकालने का प्रयास करता है, उसी प्रकार जब कोई व्यक्ति किसी बात को पूरी तरह जानने और सचाई तक पहुँचने के लिए बार-बार सवाल करता है, गहराई में जाकर पता करता है, तब यह मुहावरा प्रयोग किया जाता है।
विस्तृत व्याख्या:
मनुष्य की जिज्ञासा (जाना चाहने की प्रवृत्ति) स्वाभाविक होती है। कई बार किसी घटना, बात, समस्या या रहस्य को लेकर व्यक्ति संतुष्ट नहीं होता और हर पहलू से उस बात को जानने का प्रयास करता है। वह बार-बार प्रश्न पूछता है, गहराई में जाकर छुपी बातों को ढूँढने का प्रयास करता है। इस प्रकार की स्थिति को ही “कुएँ में बाँस डालना” कहा जाता है।
इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति हर छोटी से छोटी बात को विस्तार से जानना चाहता है या किसी बात की तह में जाकर वास्तविकता को जानने का प्रयास करता है। कभी-कभी यह सकारात्मक भी हो सकता है जब किसी समस्या को गहराई से समझने की जरूरत हो, और कभी-कभी यह नकारात्मक भी माना जा सकता है जब किसी की निजी बातों में बेवजह अधिक खोज-बीन की जाए।
मुख्य बिंदु:
* बहुत अधिक और गहराई से किसी बात की जानकारी लेना।
* किसी घटना या विषय के पीछे छुपी बातों को जानने का प्रयास करना।
* बार-बार सवाल पूछकर सारी जानकारी इकट्ठा करना।
* तह तक जाकर सच्चाई जानने का प्रयत्न करना।
संदर्भ और महत्त्व:
आज के युग में जब सूचना और जानकारी का महत्व बढ़ गया है, तब हर व्यक्ति को किसी भी कार्य या विषय में गहराई से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। कुएँ में बाँस डालना हमें सिखाता है कि बिना पूरी जानकारी के कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए।
यह मुहावरा हमें जिज्ञासु बनने की प्रेरणा भी देता है। यदि विद्यार्थी पढ़ाई में कुएँ में बाँस डालकर हर विषय को अच्छे से समझ लें, तो उन्हें अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यदि कोई व्यापारी व्यापार के हर पहलू को समझ ले, तो उसे नुकसान नहीं होगा।
कभी-कभी यह मुहावरा तब भी प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरों की निजी बातों में जरूरत से ज्यादा दखल देने लगे। ऐसे में हमें सावधान रहना चाहिए कि हम अपनी जिज्ञासा का प्रयोग सही दिशा में करें।
नैतिक शिक्षा:
* हमें हर विषय की गहराई से जानकारी लेनी चाहिए।
* बिना पूरी जानकारी के कोई कार्य नहीं करना चाहिए।
* आवश्यकता से अधिक दूसरों की निजी बातों में दखल नहीं देना चाहिए।
* पढ़ाई या काम में गहराई तक जाने की आदत से हम सफल बन सकते हैं।
* सही दिशा में खोज-बीन करना हमें नयी चीजें सिखाता है।
“कुएँ में बाँस डालना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kuen Me Bas Dalna Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. पुलिस ने चोरी के मामले में कुएँ में बाँस डालकर सच्चाई बाहर निकाली।
2. शिक्षक ने परीक्षा में नकल के मामले में कुएँ में बाँस डालकर पता लगाया कि किसने गलती की।
3. जब बच्चे ने कोई गलती की, माँ ने कुएँ में बाँस डालकर पूरी बात जान ली।
4. पत्रकार ने खबर की सच्चाई पता करने के लिए कुएँ में बाँस डाल दिया।
5. जब किसी ने बिना बताए छुट्टी ली, तो मैनेजर ने कुएँ में बाँस डालकर कारण जान लिया।
6. परीक्षा में कम नंबर आने पर पिताजी ने कुएँ में बाँस डालकर पढ़ाई में कमी का कारण पता किया।
7. पुलिस ने अपराधी का सच जानने के लिए कुएँ में बाँस डालकर पूछताछ की।
8. डॉक्टर ने बीमारी की असली वजह पता करने के लिए कुएँ में बाँस डालकर रिपोर्ट देखीं।
9. टीचर ने होमवर्क न करने पर छात्र से कुएँ में बाँस डालकर कारण पूछा।
10. बहन की उदासी का कारण जानने के लिए भाई ने कुएँ में बाँस डालकर उससे बात की।
11. पड़ोस में हो रही हलचल को जानने के लिए लोगों ने कुएँ में बाँस डालना शुरू कर दिया।
12. कोई नया विषय सीखते समय हमें कुएँ में बाँस डालकर उसकी गहराई से जानकारी लेनी चाहिए।
13. इतिहासकार किसी घटना की सच्चाई जानने के लिए कुएँ में बाँस डालकर पुराने दस्तावेज पढ़ते हैं।
14. वैज्ञानिक भी प्रयोग करते समय कुएँ में बाँस डालकर सच्चाई तक पहुँचने का प्रयास करते हैं।
15. अगर हमें सफलता पानी है, तो हमें हर विषय में कुएँ में बाँस डालकर उसकी सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
निष्कर्ष:
‘कुएँ में बाँस डालना’ मुहावरा हमें खोजी प्रवृत्ति और जिज्ञासा के महत्व को समझाता है। किसी भी कार्य, विषय या समस्या की गहराई में जाकर जानकारी प्राप्त करना, सच्चाई जानना और सही निर्णय लेना हमें सफल बनाता है। हमें इसका प्रयोग सकारात्मक दिशा में करना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को सफल बना सकें और समाज में ज्ञानवान बनकर उभर सकें।
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