ऊँची दुकान फीके पकवान मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Unchi Dukaan Fike Pakvan Meaning In Hindi
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Unchi Dukan Fike Pakwan Muhavare ka Arth Aur Vakya Prayog / ऊँची दुकान फीके पकवान मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- “ऊँची दुकान फीके पकवान” ।
( Muhavara- Unchi Dukan Fike Pakwan )
अर्थ- केवल बाहरी दिखावा / दिखावा ज्यादा करना / नाम बड़ा लेकिन गुणवत्ता कम होना / दिखावा ज्यादा और गुण कम होना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Keval Bahari Dikhawa / Dikhawa Jyada Karna / Naam Bada Lekin Gunvatta Kam Hona / Dikhava Jyada Aur Gun Kam Hona )
“ऊँची दुकान फीके पकवान” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“ऊँची दुकान फीके पकवान” यह हिंदी भाषा में उपयोग होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ दिखावा ज्यादा करना या किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम बड़ा हो पर उसके गुण कम होना होता है ।
इस मुहावरे का मतलब यह होता है कि कोई व्यक्ति या वस्तु जो बड़ी या महत्वपूर्ण दिखती है, पर उसकी वास्तविकता में उससे कम होती है या उसका प्रदर्शन वास्तविकता के मुताबित नही होता है । इसमें एक प्रकार का ढोंग होता है जो स्तिथि को अधिकतम दिखाने के लिए किया जाता है । लेकिन वास्तविकता यह है की वह असली महत्वपूर्णता में कम है ।
इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं-
महेश ने वर्तिका मिष्ठान से दो किलो मोतीचूर के लड्डू लाया । लड्डू खाने के बाद उसने कहा कि ये तो ऊँची दुकान फीके पकवान जैसे हैं ।
शहर में वर्तिका मिष्ठान का नाम बहुत प्रसिद्ध है । लोग दूर दूर से इस दुकान पर मिठाईयां लेने के लिए आते हैं । महेश ने जब इसका नाम सुना तो उसने भी सोचा कि आज हम भी यहां से मिष्ठान खरीदेंगे । महेश वर्तिका मिष्ठान पर गया और दो किलो मोती चूर के लड्डू खरीदा । घर आने के बाद जब महेश ने लड्डू खाया तो उसे अच्छा नही लगा । उसे लड्डू के स्वाद फीके लगे । महेश ने कहा कि इस दुकान का तो सिर्फ नाम ही बड़ा है पर इसके गुण इसकी लोकप्रियता से तनिक भी मेल नही खाते हैं । ये तो वही हाल हुआ कि ऊँची दुकान फीके पकवान ।
“ऊँची दुकान फीके पकवान” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Unchi Dukan Fike Pakwan Muhavare Ka Vakya Prayog.
“ऊँची दुकान फीके पकवान” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गये कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है । जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
राजनीति में एक बड़े नेता के आने पर लोगों को लगा कि ये तो ऊँची दुकान फीके पकवान निकले ।
इस बार एक बड़े नेता को नई जिम्मेदारी सौपी गयी है । नेता जी को एक अति पिछड़े इलाके में बदलाव के लिए भेजा गया है । लोग भी बहुत खुश थे । क्योंकि लोगों ने इस नेता का बहुत नाम सुना था । लोगों ने सोचा कि ये बड़े नेता इस बार हम लोगों के लिए कुछ करेंगें । पर समय बीतता गया और लोगों के इलाके में अभी तक कोई बदलाव नही दिखा । लोगों ने नेता जी के बारे में जितनी भी अच्छी बातें सुनी थी वैसा उन्हे देखने को नही मिला । नेता जी के अंदर लोगों के इलाके में बदलाव करने के कोई भी गुण नजर नही आ रहे हैं । इसीलिए लोगों ने बड़े नेता के आने पर कहा कि ये तो ऊँची दुकान फीके पकवान जैसे निकले ।
वाक्य प्रयोग- 2.
मोहन ने अपनी बहन से कहा कि बड़ी दुकानों से कभी भी कोई सामान नही खरीदना क्योंकि वहां ऊँची दुकान फीके पकवान की तरह ही सामान की क्वालिटी होती है ।
मोहन की बहन को कपड़ो की शॉपिंग के लिए जाना । उसने अपने भाई से पूछा की भैया मै किस दुकान से अपने कपड़ो की शॉपिंग करु । मोहन ने अपनी बहन को बताया की तुम छोटी दुकानों से ही अपने कपड़े खरीदना । क्योंकि वो लोग सस्ते और टिकाऊ कपड़े रखते हैं । तुम बड़ी दुकानों से बिल्कुल भी शॉपिंग नही करना । बड़ी दुकानों के सिर्फ नाम ही बड़े होते हैं । उनके कपड़े बहुत महंगे होते हैं और ज्यादा टिकाऊ भी नही होता हैं । बड़ी दुकानों के नाम बहुत महत्वपूर्ण और नामी होते हैं । पर वास्तविकता में उनका प्रदर्शन वैसा नही होता है । यही देख कर लोग कहते हैं कि ऊँची दुकान फीके पकवान
वाक्य प्रयोग- 3.
सिटी के एक बड़े हॉस्पिटल में राजू ने अपनी माँ का इलाज करवाने के लिए ले गया । डॉक्टर ने राजू की माँ को देखा और कहा की कम से कम चार या पाँच महीने इनका इलाज होगा, फिर ये ठीक हो जाएंगी । राजू अपनी माँ को हर पंद्रह दिनों मे हॉस्पिटल ले जाता । राजू को अपनी माँ का इलाज़ करवाते हुए चार पाँच महीने बीत गए, पर उसकी माँ के इलाज मे कोई बदलाव नही दिखा । राज ने सोचा कि मैंने तो इस हॉस्पिटल का नाम सुन कर अपनी माँ को यहां इलाज करवाने लाता रहा । पर जितना प्रसिद्द इस हॉस्पिटल का नाम है, उतना इसके गुण दिखाई नही दे रहे हैं । इस हॉस्पिटल का बस नाम बड़ा है, पर वास्तविकता कुछ और ही है । मेरे अनुभव से तो ये ऊँची दुकान फीके पकवान जैसा निकला ।
वाक्य प्रयोग- 4.
रमेश की जलेबी की दुकान बहुत बड़ी और प्रसिद्द है । लेकिन वहां पर मिलने वाली और मिठाइयों का स्वाद बहुत ही औसत दर्जे की हैं । ऐसे में ये कहना गलत नही होगा कि यहां तो ऊँची दुकान फीके पकवान मिलते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 5.
शंकर ने बताया कि अपने कस्बे के मशहूर वर्मा जी के वहां बहुत अच्छे आभूषणों के डिज़ाइन मिलते हैं और सस्ते भी होते हैं । पर जब मै वर्मा जी के दुकान पर गया तो उनके आभूषणों को देख कर वैसा नही लगा जैसा कि शंकर ने बताया था । आभूषणों की क्वालिटी बहुत ही औसत दर्जे की थीं और सस्ता तो बिल्कुल भी नही था । वर्मा जी के आभूषणों के सिर्फ नाम ही प्रसिद्द हैं, इन्हे देखकर मै यही कहूंगा कि ऊँची दुकान फीके पकवान ।
दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
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