फूला न समाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Phoola Na Samana Meaning In Hindi
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Phula Na Samana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / फूला न समाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?
मुहावरा- “फूला न समाना” ।
( Muhavara- Phoola Na Samana )
अर्थ- अत्यधिक खुश होना / बहुत प्रश्नन होना / अति उत्साहित होना / बहुत खुश होना / अत्यंत आनंदित होना ।
(Arth/Meaning in Hindi- Atyadhik Khush Hona / Bahut Prasanna Hona / Ati Utsahit Hona / Bahut Khush Hona / Atyant Anandit Hona )
“फूला न समाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“फूला न समाना” यह हिंदी भाषा में बोले जाने वाला एक बहुत ही लोकप्रिय मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी भी कारण से किसी व्यक्ति का अत्यधिक खुश होना, अति उत्साहित होना अथवा अत्यंत आनंदित होना होता है ।
इस मुहावरे में व्यक्ति अपनी अत्यधिक खुशी और संतुष्टि को व्यक्त करता है । इसमें खुशी, हर्ष और आनंद की अधिकता होती है जिससे व्यक्ति अपनी खुशी को साझा करना चाहता है । यह अवस्था किसी सुखद घटना, सफलता, किसी अच्छे पल या प्रिय व्यक्ति के साथ सम्बन्धित हो सकती है । यह मुहावरा एक उत्साही और समृद्धपूर्ण मिजाज़ को दर्शाता है और इससे एक प्रशंसा या अभिनंदन का भाव भी प्रकट हो सकता है ।
इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
सोनिया ने अपनी परीक्षा में पहली बार टॉप किया, उसे देख कर उसके घर वाले फूला न समा रहे थे ।
सोनिया जब से अपनी पढ़ाई कर रही थी तब से वह सिर्फ अपनी परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हो रही थी । पर उनसे कभी भी अपनी परीक्षा मे प्रथम स्थान नही प्राप्त किया था । पर इस बार बोर्ड की परीक्षा में सोनिया ने पहली बार अपने टॉप किया है । सोनिया अपने स्कूल के सभी बच्चों से ज्यादा नंबर ला कर अपना स्कूल टॉप किया । सोनिया के बोर्ड परीक्षा मे अपने स्कूल के सभी बच्चों से भी ज्यादा नंबर लाकर टॉप करने पर उसके घर वाले बहुत खुश हुए और साथ में सोनिया भी अति उत्साहित हुई । अर्थात कि पहली बार परीक्षा टॉप करने पर सोनिया का अति उत्साहित होना या उसके घर वालों का बहुत खुश होना ही “फूला न समाना” मुहावरे के समान है ।
“फूला न समाना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Phula Na Samana Muhavare Ka Vakya Prayog.
“फूला न समाना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
विजय अपनी नई नौकरी पाने का सूचना सुन कर फूला न समा रहा था ।
विजय ने एक सरकारी दफ्तर में नौकरी करने के लिए आवेदन किया था । सभी दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद सरकारी दफ्तर में विजय के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया और उसकी नौकरी पक्की कर दी गई । इस सूचना को मेल के माध्यम से विजय को सूचित किया गया । विजय को जब मेल के माध्यम से ये पता चला की उसकी नई नौकरी पक्की हो गयी है तो वह अत्यंत प्रसन्न हुआ । विजय ने कहा कि मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे संघर्षो का फल मुझे मिल गया । नई नौकरी मिलने से विजय का अत्यंत प्रसन्न होना या उसका बहुत खुश होना ही “फूला न समाना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
रमेश की पत्नी ने जब लड़की को जन्म दिया तो तो वह फूला न समाया ।
सादी के 5 साल के बाद रमेश को पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । रमेश की पत्नी ने एक बहुत ही सुन्दर सी कन्या को जन्म दिया । रमेश ने जब अपनी बेटी को गोद में लिया तो वह अत्यंत आनंदित हो उठा । लड़की के जन्म लेने से रमेश अत्यधिक प्रसन्न हुआ । रमेश के एक लड़की का पिता बनने की खुशी में इस प्रकार से अत्यंत आनंदित होना या अत्यधिक प्रसन्न होने को ही “फूला न समाना” कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 3.
महेश ने जब अपनी माँ को नये घर में गृह प्रवेश करवाया तो उसकी माँ फूला न समा सकी ।
महेश की माँ का एक सपना था कि उनका एक नया घर हो । उनके इस सपने को उनका बेटा महेश ने पुरा कर दिया । महेश ने अपनी मेहनत से एक नया घर बनाया । और उस घर के गृह प्रवेश के मौके पर रमेश ने अपनी माँ को उस नये घर में ले गया । सबसे पहले रमेश की माँ ने उस नये घर का गृह प्रवेश किया । नये घर में गृह प्रवेश कर के रमेश की माँ बहुत खुश हुई । क्योंकि रमेश की माँ का वर्षों सपना पुरा हो गया । रमेश की माँ का नये घर में गृह प्रवेश करने से बहुत खुश होना ही “फूला न समाना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 4.
अर्जुन का राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जितने से उसके पूरे गाँव वाले बहुत खुश हो रहे थे ।
अर्जुन ने राष्ट्रीय खेल में भाग लिया था । अर्जुन ने अपने खेल में सर्वोच्च प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया । अर्जुन का स्वर्ण पदक जीतते ही उसके पूरे गाँव वाले बहुत खुश हुए । स्वर्ण पदक जीतने से अर्जुन बहुत उत्साहित हुआ । अर्थात कि राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीतने से अर्जुन का उत्साहित होना या उसके गाँव वालों का बहुत खुश होना ही “फूला न समाना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 5.
जायसवाल द्वारा पहले ही टेस्ट क्रिकेट में सतक लगाने से उसके माता-पिता फूला न समा रहे थे ।
जायसवाल ने अपने पहले ही टेस्ट क्रिकेट में सतक लगा दिया । अपने पहले ही टेस्ट में सतक लगाने से जायसवाल अति उत्साहित हुआ । सतक लगाने से जायसवाल के माता-पिता भी बहुत खुश हुए । अपना पहला सतक लगाने से जायसवाल का अति उत्साहित होना या उसके माता-पिता के बहुत खुश होने को ही “फूला न समाना” कहते हैं ।
दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
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