पापड़ बेलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Padad Belna Meaning In Hindi
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Papad Belna Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / पापड़ बेलना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- “पापड़ बेलना” ।
( Muhavara- Papad Belna )
अर्थ- कार्य को करने में कठिनाई होना / अत्यधिक संघर्ष करना / हर तरह से प्रयास करना / मुसीबत सहना / कठोर परिश्रम करना ।
( Art/Meaning in Hindi- Karya Ko Karne Me Kathinai Hona / Atyadhik Sangharsh Karna / Har Tarah Se Prayas Karna / Musibat Sahna / Kathor Parishram Karna )
“पापड़ बेलना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“पापड़ बेलना” यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक प्रचलित और अति महत्वपूर्ण मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी कार्य को करने में कठिनाई का सामना करना, अत्यधिक संघर्ष करना, मुसीबत सहना अथवा कठोर परिश्रम करना होता है ।
इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
रमेश को पुलिस की नौकरी लेने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े ।
आजकल पढ़ाई करने के बाद भी युवाओं को नौकरी पाने के लिए बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । रमेश पिछले कई सालों से पुलिस में भर्ती होने के लिए संघर्ष कर रहा है । रमेश ने पुलिस भर्ती परीक्षा तो निकाल लिया पर फिजिकल निकालने के लिए उसे कठोर परिश्रम करना पड़ा तब जाके रमेश को पुलिस बनने में सफलता प्राप्त हुआ । अर्थात रमेश को पुलिस बनने के लिए कठोर परिश्रम करने को ही “पापड़ बेलना” कहते हैं ।
“पापड़ बेलना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Papad Belna Muhavare Ka Vakya Prayog.
“पापड़ बेलना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
वाक्य प्रयोग- 1.
नेता जी को विधायक बनने के लिए बहुत सारे पापड़ बेलने पड़े ।
नेता जी बिधायक बनने के लिए हर तरह से प्रयास कर रहे है । वो घर-घर जा कर लोगो से मील रहे हैं और उनसे वोट देने की विनती कर रहे है । नेता जी वो सभी प्रयास कर रहे है जिससे वो विधायक बन सके । नेता जी लोगों के सामने हाथ भी जोड़ रहे है और जनता से कुछ लुभावने वादे भी करने से पीछे नही हट रहे हैं । अंत में नेता जी का परिश्रम सफल हुआ और वो विधयाक बन गए । नेता जी का विधायक बनने के लिए हर तरह से प्रयास करना ही “पापड़ बेलना” कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
पुलिस कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सोनू को बहुत पापड़ बेलने पड़े ।
सोनू को विदेश जाने हेतु कुछ सर्टिफिकेट्स का सत्यापन करवाना बहुत जरूरी था । कुछ सर्टिफिकेट्स तो आसानी से बन गए, पर पुलिस कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए, सोनू को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था । पुलिस सोनू को बार-बार थाने बुलाती थी और उसके बारे में पूछताछ करती थी । पुलिस सोनू के अलावा और भी लोगो से सोनू के व्यवहार के बारे में पूछ रही थी । फिर सोनू ने पुलिस को कुछ पैसे दिए तब जा के उसका पुलिस कैरेक्टर सर्टिफिकेट बन सका । अर्थात सोनू को पुलिस कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए इस तरह की कठिनाईयों का सामना करने को ही “पापड़ बेलना” कहते हैं ।
वाक्य प्रयोग- 3.
नये मकान का नक्शा पास करवाने के लिए शेखर को नगर निगम के पापड़ बेलने पड़े तब जा के उसके घर का नक्शा पास हुआ ।
शेखर को शहर में एक नया घर बनवाना था । घर बनवाने के लिए शेखर को पहले नगर निगम से उस घर का नक्शा पास करवाना था । नक्शा पास करवाने के लिए शेखर को बहुत परिश्रम करना पड़ा । शेखर को नगर निगम का बहुत चक्कर लगाना पड़ा । अधिकारी शेखर को बार-बार अपने ऑफिस बुलाते थे । शेखर को समझ में आ गया कि नगर निगम के अधिकारी बिना पैसे लिए नये घर का नक्शा पास नही करेंगे । पर शेखर पैसे देखर नक्शा पास नही करवाना चाहता था । इसलिए वह नगर निगम के एक बड़े अफसर के पास गया और सारी बात बताई । उस बड़े अफसर ने अधिकारियों को बुलाकर डाट लगाई और शेखर के नये घर का नक्शा पास करने का आदेश दिया तब जा के शेखर के नये घर का नक्शा पास हुआ । इस प्रकार से शेखर को अपने नये घर का नक्शा पास करवाने के लिए अधिकारियों के सामने पापड़ बेलने पड़े ।
वाक्य प्रयोग- 4.
अपने प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए अमन को बहुत पापड़ बेलने पड़े ।
अमन ने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया जो गांव के लोगो के लिए बहुत लाभदायक था । पर उस प्रोडक्ट को लोगों के बीच में पहुंचाने के लिए अमन को अत्यधिक संघर्ष करना पड़ा । अमन अपनी टीम के साथ गांवों में घर-घर जाकर अपने प्रोडक्ट के बारे में लोगों को बताया । ऐसे ही अनेकों कठिनाइयों को उठाते हुए अमन ने अपने परिश्रम से प्रोडक्ट को घर-घर तक पहुंचाया । अपने प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए अमन का इस तरह से गावों में घर-घर जाकर अत्यधिक परिश्रम करना ही “पापड़ बेलना” कहलात है ।
वाक्य प्रयोग- 5.
सुरेश का काम करवाने के लिए शर्मा जी को मंत्री जी के सामने बहुत पापड़ बेलने पड़े तब जा कर सुरेश का काम हो पाया ।
सुरेश को अपनी लड़की की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह से करवाने के लिए लिस्ट में नाम दर्ज करवाना था । इसलिए सुरेश ने शर्मा जी से इस काम को करवाने के लिए कहा । शर्मा जी ने सुरेश को अश्वासन दिया की आपका काम हो जायेगा । फिर शर्मा जी ने इस काम को करने के लिए मंत्री जी के सामने हर तरह के प्रयास किये । इस कार्य को करने में शर्मा जी को कुछ कठिनाईयों का सामना करना पड़ा पर उन्होंने मंत्री जी के सामने हर तरह के प्रयास करके काम करवा लिया । अर्थात कि सुरेश का काम करवाने के लिए शर्मा जी को मंत्री जी के सामने हर तरह का प्रयास करना ही “पापड़ बेलने” के समान है ।
दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दीन शुभ हो ! 😊
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