“कहर टूटना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kahar Tutna Meaning In Hindi

Pancho Ungli Ghee Me Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / पाँचो उंगलियाँ घी में होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
मुहावरा- “पाँचों उंगलियाँ घी में होना” ।
( Muhavara- Pancho Ungaliyan Ghee Mein Hona )
अर्थ- लाभ ही लाभ होना / हर तरफ से लाभ होना / अत्यधिक लाभ में होना ।
( Arth/Meaning in Hindi- Labh Hi Labh Hona / Har Taraf Se Labh Hona / Atyadhik Labh Me Hona )
“पाँचों उंगलियाँ घी में होना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार से है-
“पाँचों उंगलियाँ घी में होना” यह हिंदी भाषा में उपयोग होने वाला एक प्रचलित मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति का हर तरफ से लाभ में होना या अत्यधिक लाभ में होना होता है ।
इस मुहावरे का दूसरा अर्थ यह हो सकता है कि कार्य को बड़े ही कुशलता या हुनर से करना । इस मुहावरे का प्रयोग किसी के कुशल कार्य की सराहना करने के लिए किया जाता है और यह दिखाता है कि व्यक्ति उस कार्य में माहिर है और उसे अच्छे से कर सकता है ।
जैसे-
राजू ने उस गीत को गाने में पांचो उँगली घी में होने का दम दिखया ।
इस मुहावरे का अर्थ एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -
दुर्गेश की जब से शादी हुई है तब से उसके परिवार वालों की पांचों उंगलियां घी में हैं ।
दुर्गेश की शादी होने के कुछ ही महीनों के बाद उसका UPP में सिलेक्शन हो गया । दुर्गेश की नौकरी लगने से परिवार वाले बहुत खुश थे । इसके एक साल के बाद दुर्गेश की पत्नी का भी आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति हो गयी । दुर्गेश की पत्नी का भी नौकरी लग जाने से अब उसके परिवार वाले लाभ ही लाभ में हो गए । दुर्गेश के परिवार को अब हर तरफ से लाभ प्राप्त हो रहा था । अर्थात कि हम ये कह सकते है कि दुर्गेश और उसकी पत्नी का नौकरी लगने से उसके परिवाल वालों की पांचों उंगलियां घी में होने के समान हैं ।
“पाँचों उंगलियाँ घी में होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Pancho Ungaliyan Ghee Me Hona Muhavare Ka Vakya Prayog.
“पाँचों उंगलियाँ घी में होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं -
वाक्य प्रयोग- 1.
गीता जब से डॉक्टर बनी है तब से उसकी पांचो उंगलियां घी में हैं ।
गीता बहुत मेहनती लड़की है । गीता अपनी पढ़ाई पुरी करने के बाद MBBS की परीक्षा दी । MBBS की परीक्षा में गीता अच्छे नंबरों से पास हो गयी । डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के बाद गीता एक अनुभवी डॉक्टर बन गयी । और उसकी नियुक्ति मेडिकल कॉलेज में हो गयी । गीता का डॉक्टर बनते ही उसे अब लाभ ही लाभ मिल रहा है । अर्थात कि गीता का डॉक्टर बनने से लाभ प्राप्त होना ही “पाँचों उंगलियाँ घी में होना” मुहावरे के समान है ।
वाक्य प्रयोग- 2.
गुप्ता जी का अब तो पांचों उंगलियां घी में है ।
गुप्ता जी ग्राम प्रधान हैं । उनके दो बेटे हैं एक बेटा कुछ दिन पहले ही जिला अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर जिला अध्यक्ष बना है । उकना छोटा बेटा भी अगले कुछ महीनों में सरकारी स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत हो जायेगा । गुप्ता जी के इस समय को देख कर कोई भी कह सकता है कि गुप्ता जी को अब हर तरफ से लाभ ही लाभ है । अर्थात गुप्ता जी का पांचों उंगलियां अब घी में होने के समान हैं ।
वाक्य प्रयोग- 3.
श्यामलाल जबसे अपनी पुरानी जमीने बेचने लगा है, उसकी पांचों उंगलियां घी में है ।
श्यामलाल ने बहुत सालों पहले सस्ते दामों में जमीने खरीद लीया था । अब उन जमीनों की कीमतें बहुत बढ़ गयी हैं । श्यामलाल उन जमीनों को अब बेच रहा है । जमीनों को बेचने से श्यामलाल को अत्यधिक लाभ प्राप्त हो रहा है । श्यामलाल द्वारा अपनी पुरानी जमीनों को बेचकर अत्यधिक लाभ प्राप्त करना ही पांचों उंगलियां घी में होना कहलाता है ।
वाक्य प्रयोग- 4.
राघव जब से दुध और गोबर से बने उपलों का व्यापार शुरु किया तब से उसकी पांचों उंगलियां घी में हैं ।
राघव के पास चार गाय थी । उन चार गायों के दुध को बेचकर राघव अच्छा लाभ प्राप्त कर रहा था । पर किसी ने उसे सलाह दिया कि वो गाय के गोबरों के उपले बना कर उन्हे भी बेचे तो और अधिक लाभ प्राप्त होगा । फिर राघव ने ऐसा ही किया । इस व्यापार में लाभ बढ़ता देख कर शेखर ने और दस गायों को खरीद लाया । शेखर ने कुछ आदमियों को गाय के दुध निकाने में लगा दिए और कुछ को गोबर से उपले बनाने में । दुध और उपलों का व्यापार कर के शेखर को अब हर तरफ से लाभ प्राप्त हो रहा था । इसी लाभ को देख कर हम कह सकते हैं कि शेखर की पांचों उंगलियां घी में हैं ।
वाक्य प्रयोग- 5.
किरन के पति का सरपंच बनते ही किरन को देख कर ऐसा प्रतित हो रहा है कि जैस उसकी पांचों उंगलियां घी में हैं ।
किरन को पहले देख कर लग रहा था कि वह कितनी दुःखी और उदास रहती है । उसके चेहरे से चमक जैसे जायब ही हो गयी हो । पर एक दिन किरन की ज़िंदगी अचानक से बदल गयी । किरन का पति सरपंच बन गया । पति के सरपंच बनते ही किरन की ज़िंदगी बदल गयी । किरन को देख कर अब ऐसा लग रहा है कि वह अब लाभ ही लाभ में है । पति के सरपंच बनने के बाद किरन अब थाट बाट से रहती है । किरन को देख कर हर कोई कहता कि सरपंच बनने से हर तरफ से लाभ प्राप्त होता है तभी तो किरन अब हमेशा खुश रहती और उसका चेहरा भी खिला रहता है और साथ में उसके पति का रुतबा भी बदल गया है । अर्थात कि पति के सरपंच बनने के बाद किरन की पंचों उंगलियां घी में हैं ।
दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ! 😊
Comments
Post a Comment