“कड़वा घुट पीना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kadwa Ghut Pina Meaning In Hindi

  Kadwa Ghut Pina Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कड़वा घुट पीना मुहावरे का क्या अर्थ होता है? मुहावरा- कड़वा घूंट पीना। ( Muhavara- Kadwa Ghut Pina ) अर्थ- चुपचाप अपमान सहना / असहनीय चीज को सह जाना । ( Arth/Meaning In Hindi- Chupchap Apman Sahna / Asahniya Chij Ko Sah Jana ) “कड़वा घुट पीना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है- अर्थ: 'कड़वा घूंट पीना' मुहावरे का अर्थ है—कोई अप्रिय, अपमानजनक या पीड़ादायक स्थिति को चुपचाप सह लेना या उसे मजबूरी में सहन कर जाना। जब कोई व्यक्ति अपने आत्म-सम्मान, भावनाओं या इच्छाओं के विपरीत किसी बात को सहन करता है, तो इसे 'कड़वा घूंट पीना' कहा जाता है। व्याख्या: मनुष्य का जीवन संघर्षों, परिस्थितियों और भावनाओं से भरा होता है। हर व्यक्ति कभी न कभी ऐसी स्थिति में होता है जब उसे अपमान, अप्रीति, या दुख को सहना पड़ता है। जीवन में कई बार ऐसी घटनाएँ घटती हैं जो व्यक्ति को मानसिक या भावनात्मक रूप से आहत करती हैं, लेकिन वह व्यक्ति उन्हें टाल नहीं सकता, केवल सहन कर सकता है। ऐसे समय में वह न चाहकर भी चुप रह जाता है, प्रतिक्रिया नहीं देता, और अपने ...

ऊँट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Oont Ke Muh Mein Jeera Meaning In Hindi


Oont Ke Muh Mein Jeera Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?

ऊँट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Oont Ke Muh Mein Jeera Meaning In Hindi
Unt Ke Muh Me Jira





मुहावरा- “ऊँट के मुंह में जीरा”।


(Muhavara- Oont Ke Muh Mein Jeera)



अर्थ- किसी चीज का कम मात्रा में होना / वस्तु का बहुत ही कम होना / आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त होने वाली चीज / आवश्यकता से कम देना ।


(Arth/Meaning in Hindi- Kisi Chiz Ka Kam Matra Me Hona / Vastu Ka Bahut Hi Kam Hona / Avashyakta Se Bahut Kam Prapt Hone Wali Chiz / Avashyakta Se Kam Dena)





“ऊँट के मुंह में जीरा” इस मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


ऊँट के मुंह में जीरा” यह हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाला एक मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ किसी जीज़ का कम मात्र में होना या फिर आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त होने वाली चीज़ होता है । 


इस मुहावरे का मतलब यह है कि किसी के द्वारा मांगी गयी वस्तु को मात्रा से कम देना । अगर किसी व्यक्ति ने कुछ मांगा है और उस व्यक्ति को वह चीज़ आवश्यकता से बहुत ही कम मिले तो हम कह सकते हैं कि उस व्यक्ति के लिए वह चीज़ ऊँट के मुँह में जीरे के समान है ।



इस मुहावरे को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं -


सविता ने चाय बनाने के लिए जैसे ही चीनी का डब्बा निकाला, तो उसने देखा कि चीनी तो समाप्त हो गयी है । फिर सविता अपने पड़ोस वाली आंटी के घर चीनी मांगने के लिए गयी । सविता ने उस आंटी से एक कटोरी चीनी मांगी । आंटी ने जितना चीनी सविता को दिया वह आवश्यकता से बहुत ही कम मात्रा में थी । चीनी लेते समय सविता ने बोला कि क्या आंटी ये क्या दे रही है । ये तो ऊँट के मुँह में जीरा जितना है ।



“ऊँट के मुंह में जीरा” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Oont Ke Muh Me Jeera Muhavare Ka Vakya Prayog.


ऊँट के मुंह में जीरा” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गये कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है । जो कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


गीता के स्कूल में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम होना का निर्धारित हुआ है । इसलिए सभी बच्चों को ये स्कूल के तरफ से ये निर्देश दिया गया है कि सब लोग उस दिन नए और डिज़ाइनर कपड़े पहन कर आऐंगे । इसीलिए गीता ने अपने पापा से कपड़े खरीदने के लिए ₹5000 मांगे । पैसे मांगने पर गीता के पापा ने उसे ₹1000 ही दिए । गीता अपने पापा के द्वारा दिए गए ₹1000 से संतुष्ट नही हुयी । क्योंकि उतने पैसे उसके लिए प्रयाप्त मात्रा से बहुत ही कम है । गीता ने पूरे ₹5000 मांगे थे और उसके बदले उसे सिर्फ ₹1000 ही मिले । इसलिए गीता ने अपने पापा से बोला की इतने पैसे मेरे किसी काम के नही हैं । ये मेरी आवश्यकताओं से बहुत ही कम हैं । ये तो ऊँट के मुँह में जीरा है ।



वाक्य प्रयोग- 2.


महेश गर्मियों की छुट्टी में अपने मामा के घर घुमने गया । महेश पहली बार अपने मामा के घर गया है । इसलिए उसके मामा के घर के लोगों को ये जानकारी नही थी कि महेश को क्या खाना पसंद है । शाम को जब खाने का समय हुआ तो सब लोग एक साथ खाने के लिए बैठ गये । सबको अपने-अपने हिसाब से खाना मिला । पर महेश के सामने जैसे ही खाने की थाली रखी गयी तो वह सोच में पड़ गया । क्योंकि महेश को जो खाना परोसा गया था वो उसके खाने के हिसाब से बहुत ही कम मात्रा में था । महेश शहर में रहने वाला लड़का है । इसलिए बिना संकोच किए महेश ने बोला कि मामी ये क्या बस इतना ही खाना । ये तो बहुत ही कम है । इतने से मेरा पेट नही भरेगा । अर्थात कि महेश को जरूरत से कम मात्रा में खाना मिलना ही ऊँट के मुँह में जीरा कहलाता है । 



वाक्य प्रयोग- 3.


पूरे दिन काम करने के बाद सोहन को जब ₹200 पगार मिला तो, उसने कहा कि ये क्या साहब ये तो ऊँट के मुँह में जीरा है ।


एक आदमी सोहन को एक दीन का काम करवाने के लिए अपने साथ ले गया और उससे कहा कि तुम्हे इसके अच्छे पैसे मिलेंगे । शोहन ने पुरा दिन मेहनत से काम किया । उसने सोचा कि चलो आज तो अच्छी कमाई हो जाएगी और मेरी जरूरत भी पुरी हो जाएगी । शाम को जैसे ही काम खत्म हुआ तो सोहन उस आदमी के पास गया । उस आदमी ने सोहन को ₹200 निकाल कर दिए । सोहन इतने कम पैसे पाकर बहुत उदास हो गया । क्योंकि सोहन ने जितने पैसे की उम्मीद किया था उससे बहुत कम पैसे उसे मिले । सोहन ने बोला कि साहब ये तो बहुत कम पैसे हैं इतने में मेरी जरूरत पुरी नही होगी । काम करने में बहुत मेहनत लगा है । उस काम के आगे ये पैसे तो कुछ भी नहीं हैं । ये तो ऊँट के मुँह में जीरा है । 



दोस्तों, हमें उम्मीद है कि आपको इस मुहावरे का अर्थ अमझ में आ गया होगा । अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो ! 😊



Comments

Popular posts from this blog

प्रिंटर क्या होता है? परिभाषा, प्रकार और इतिहास / What Is Printer In Hindi

कम्प्यूटर किसे कहते हैं? / What is computer in hindi?

आस्तीन का सांप मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aasteen Ka Saanp Meaning In Hindi

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Gagar Me Sagar Bharna Meaning In Hindi

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kala Akshar Bhains Barabar Meaning In Hindi

एक पन्थ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Ek Panth Do Kaaj Meaning In Hindi

अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Andho Mein Kana Raja Meaning In Hindi

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kolhu Ka Bail Meaning In Hindi