“देव दीपावली : काशी में देवों का दीपोत्सव” एक पौराणिक कथा / Hindi Story Dev Dipawali

Dev Dipawali Kyu Manate Hai / देव दीपावली क्यों मनाया जाता है? 🌺देव दीपावली : काशी में देवों का दीपोत्सव 🌺 (एक पौराणिक कथा): प्राचीन काल की बात है। जब सृष्टि नवनिर्मित थी, देवता और असुर दोनों अपने-अपने सामर्थ्य में संसार पर अधिकार पाने के लिए प्रयासरत थे। उस समय त्रिपुरासुर नामक एक अत्यंत बलशाली असुर हुआ। वह ब्रह्मा जी का परम भक्त था। वर्षों की तपस्या के बाद उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और वर माँगा- “हे प्रभु! मुझे कोई देवता, असुर या मानव न मार सके, न ही मैं पृथ्वी पर, न आकाश में, न जल में मारा जाऊँ, और न किसी अस्त्र-शस्त्र से मेरा विनाश हो।” ब्रह्मा जी मुस्कुराए, वे जानते थे कि वरदान कभी पूर्ण नहीं होता, उसमें कोई न कोई छिद्र रह ही जाता है। उन्होंने कहा- “तथास्तु!” इस वरदान के बाद त्रिपुरासुर तीन नगरों का अधिपति बना, त्रिपुर नामक तीन स्वर्ण, रजत और लौह नगर, जो क्रमशः पृथ्वी, आकाश और पाताल में थे। तीनों नगर चलायमान थे और ब्रह्माण्ड में भ्रमण करते रहते थे। त्रिपुरासुर का अत्याचार: त्रिपुरासुर जब तक तपस्या में लीन था, संसार शांत था। परन्तु वरदान प्राप्त करते ही उसके मन में अहंकार उत...

सोने पर सुहागा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Sone Par Suhaga Hona Meaning In Hindi


Sone Par Suhaga Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / सोने पर सुहागा होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?

 

सोने पर सुहागा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Sone Par Suhaga Hona Meaning In Hindi
Sone Par Suhaga Hona






मुहावरा- “सोने पर सुहागा होना” ।


( Muhavara- Sone Par Suhaga Hona )



अर्थ- दोहरा लाभ होना / दोगुनी ख़ुशी प्राप्त होना / अच्छे अवसर में और भी अच्छा होना ।


(Arth/Meaning in Hindi- Dohara Labh Hona / Doguni Khushi Prapt Hona / Achhey Avasar Me Aur Achha Hona )






“सोने पर सुहागा” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


“सोने पर सुहागा होना” यह हिंदी में प्रयुक्त होने वाला एक महत्वपूर्ण व अत्यधिक प्रयोग में लाने वाला मुहावरा है । इसका अर्थ दोहरा लाभ होना अथवा दोगुनी ख़ुशी प्राप्त होना होता है ।


इस मुहावरे का अर्थ किसी अच्छे शुभ समाचार या अच्छे स्तिथि, वस्तु के साथ एक और अच्छा समाचार या वस्तु का मील जाना भी होता है । 


इस मुहावरे का प्रयोग दो से ज्यादा ख़ुशी या लाभ के मिलने के अवसर पर किया जाता है ।



आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं-


संगीता को एक अच्छा पति मिलने की खुशी तो पहले से ही थी । लेकिन अब उसकी जैसे ही सरकारी नौकरी लगी तो उसके लिए ये सोने पर सुहागा साबित हुआ । ये घटना संगीता के जीवन में दोगुनी खुशी प्राप्त होने जैसा था । 



“सोने पर सुहागा होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग । “Sone Par Suhaga Hona” Muhavare Ka Vakya Prayog.


“सोने पर सुहागा होना” इस मुहावरे का अर्थ हम नीचे दिये गये कुछ वाक्य प्रयोगो के माध्यम से समझने का प्रयास करतें है- 



वाक्य प्रयोग- 1.


कार्तिक की कम्पनी ने जब उसे पहला प्रोजेक्ट दिया तो वो बहुत खुश हुआ । क्युकी ये उसके लिए अपनी काबिलियत दिखाने का सुनहरा अवसर था । अब कार्तिक को उसके टीम का इंतज़ार था जिनके साथ मिलकर वो अपना प्रोजेक्ट पुरा करे । कुछ समय बाद कार्तिक को ये समाचार मिला की वो अपनी टीम में अपने पसंद के लोगो को रख सकता है । अब तो कार्तिक की खुशी का ठिकाना नही रहा । क्युकी ये समाचार कार्तिक लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ । 

अब कार्तिक दुगुना खुश था। पहले तो उसे प्रोजेक्ट मिलने की खुशी । और अब उस प्रोजेक्ट को पुरा करने के लिए उसके पसंद के लोग मिलना । अर्थात हम ये कह सकते है कि ये कार्तिक के लिए ये अच्छे अवसर में और अच्छा होना जैसे था यानी की सोने पर सुहागा होने जैसा था ।



वाक्य प्रयोग- 2.


प्रहलाद नौकरी की तलाश में मुंबई आ गया । यहाँ उसने अपनी लगन और मेहनत के दम पर एक बहोत ही अच्छी नौकरी प्राप्त कर लिया । प्रहलाद यह नौकरी पाकर बहुत ही खुश था । कुछ ही दिनों में कम्पनी की तरफ से उसे रहने के लिए एक घर भी मील गया। घर मिलते ही प्रहलाद खुशी से झुम उठा । उसने अपने घर वालो को भी अपने पास रहने के लिए बुला लिया । घर वालो ने कहा कि ये कम्पनी तो तुम्हारे लिए सोने पर सुहागा साबित हुयी । पहले नौकरी मिलने की खुशी और अब ये घर । ये तो अच्छे अवसर में और अच्छा होना है। 

यानी की प्रहलाद को दोहरा लाभ प्राप्त हो गया । इसको ही सोने पर सुहागा होना कहते है ।



वाक्य प्रयोग- 3.


कविता विधायक बनने के साथ ही मंत्री भी बन गयी और ये कविता के लिए सोने पर सुहागा समझा गया ।

कविता एक राजनितिक दल के साथ जुड़ी हुयी है । इस बार पार्टी ने कविता को विधायकी का टिकट दिया । कविता विधायकी का टिकट पाकर बहोत खुश है । उसने चुनाव जितने के लिए दिन रात मेहनत किया । लोगो के बींच जाकर उनके समस्याओं को जाना और उनको दूर करने का भरोसा दिया । कविता जनता का आशीर्वाद पाकर ऐतिहासिक जीत हासिल कीया । वो बहोत खुश हुयी और साथ ही साथ जनता भी बहुत खुश हुयी । पार्टी को कविता पर भरोसा हो गया की ये आगे चलकर पार्टी को और मजबूत करेगी । इसी को देखते हुए पार्टी ने कविता को मंत्री बना दिया । कविता के लिए ये अच्छे अवसर में और अच्छा होना था। इसी को ही सोने पर सुहागा होना कहते है ।


दोस्तों, हम आशा करतें हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । आप अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।


आपका दिन शुभ हो ।







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