“कीचड़ उछालना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kichad Uchalna Meaning In Hindi
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Kichad Uchhalna Muhavare Ka Arth aur Vakya Prayog / कीचड उछालना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
मुहावरा- “कीचड़ उछालना”।
(Muhavara- Kichad Uchhalna)
अर्थ- किसी को बदनाम करना / किसी का चरित्र खराब करना ।
(Arth/meaning in Hindi- Kisi Ko Badnam Karna / Kisi Ka Charitra Kharab Karna)
“कीचड उछालना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
मुहावरे का अर्थ:
“कीचड़ उछालना” का अर्थ है किसी की बदनामी करना, झूठे आरोप लगाना, किसी की छवि खराब करने का प्रयास करना।
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा या सम्मान को जानबूझकर नष्ट करने के लिए उस पर झूठे या अपमानजनक आरोप लगाता है, उसकी कमजोरियों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करता है या अफवाह फैलाता है, तो इस स्थिति को “कीचड़ उछालना” कहा जाता है।
उदाहरण:
1. चुनाव में हारने के डर से नेता ने अपने प्रतिद्वंद्वी पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया।
2. रमेश की तरक्की देखकर कुछ लोग उस पर झूठे आरोप लगाकर कीचड़ उछालने लगे।
3. सोशल मीडिया पर लोग बिना सोचे समझे दूसरों पर कीचड़ उछाल देते हैं।
4. किसी की इज्जत पर कीचड़ उछालना बहुत ही घृणित कार्य होता है।
5. अपने फायदे के लिए वह हर किसी पर कीचड़ उछालने से भी नहीं कतराता।
विस्तृत व्याख्या:
यह मुहावरा हमारे समाज में बहुत ही प्रासंगिक और वास्तविक है। किसी व्यक्ति की छवि समाज में अच्छी होती है, लोग उसका आदर करते हैं, लेकिन जब कुछ लोग उससे ईर्ष्या करने लगते हैं, तो वे उसे गिराने के लिए उस पर झूठे आरोप लगाते हैं और उसके बारे में गलत बातें फैलाते हैं। इस प्रक्रिया को “कीचड़ उछालना” कहा जाता है।
इस मुहावरे में “कीचड़” का अर्थ गंदगी और अपमानजनक बातें हैं, और “उछालना” का अर्थ है उन बातों को दूसरों के सामने जानबूझकर फैलाना। जब कोई व्यक्ति किसी के ऊपर कीचड़ उछालता है, तो उसका मकसद उसे नीचा दिखाना और समाज में उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना होता है।
यह काम प्रायः जलन, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा या बदले की भावना से किया जाता है।
आजकल राजनीति में यह प्रवृत्ति बहुत देखी जाती है, जहां नेता एक-दूसरे की छवि खराब करने के लिए कीचड़ उछालते हैं ताकि जनता का विश्वास खो जाए और वह उनका समर्थन न करे। इसी प्रकार कुछ लोग अपने प्रतिद्वंद्वी की छवि खराब कर खुद को अच्छा साबित करना चाहते हैं।
कभी-कभी लोग किसी व्यक्ति की तरक्की और सफलता से जलते हैं, और उसके बारे में अफवाहें फैलाकर कीचड़ उछालते हैं ताकि उसकी छवि धूमिल हो जाए और लोग उस पर विश्वास न करें।
यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि दूसरों पर झूठे आरोप लगाना और उनके सम्मान को ठेस पहुँचाना एक बहुत ही गलत कार्य है। इससे समाज में नकारात्मकता फैलती है और रिश्तों में दरार आ जाती है।
जो व्यक्ति दूसरों पर कीचड़ उछालता है, उसकी भी समाज में नकारात्मक छवि बन जाती है और लोग उस पर भरोसा करना बंद कर देते हैं।
“कीचड़ उछालना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kichad Uchhalne Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. चुनाव जीतने के लिए नेताओं ने एक-दूसरे पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया।
2. सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाकर लोग दूसरों पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
3. रमेश ने अपनी ईर्ष्या के कारण मोहन पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया।
4. तरक्की न मिलने पर कुछ लोग अपने बॉस पर कीचड़ उछालने लगे।
5. किसी की इज्जत पर कीचड़ उछालना बहुत गलत आदत होती है।
6. अखबारों में बिना जांच के खबरें छापकर लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है।
7. अपने स्वार्थ के लिए लोग दूसरों पर कीचड़ उछालने में लगे रहते हैं।
8. श्याम ने राजू से बदला लेने के लिए उस पर कीचड़ उछाल दिया।
9. जलन रखने वाले लोग अक्सर दूसरों की छवि पर कीचड़ उछालते हैं।
10. उसने अपने प्रतिद्वंद्वी की छवि खराब करने के लिए कीचड़ उछाल दिया।
11. किसी पर झूठा आरोप लगाना मतलब उसके ऊपर कीचड़ उछालना होता है।
12. बेवजह कीचड़ उछालने से खुद की भी इज्जत चली जाती है।
13. मीडिया ने बिना सबूत के हीरो पर कीचड़ उछाल दिया।
14. जो लोग दूसरों पर कीचड़ उछालते हैं, वे समाज में सम्मान खो देते हैं।
15. हमें कभी भी दूसरों पर कीचड़ उछालने जैसा नीच कार्य नहीं करना चाहिए।
नैतिक संदेश:
हमें इस मुहावरे से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी पर झूठे आरोप लगाकर या गलत अफवाह फैलाकर कीचड़ नहीं उछालना चाहिए। हर व्यक्ति की अपनी इज्जत और प्रतिष्ठा होती है, जिसे बनाना कठिन और बिगाड़ना आसान होता है। अगर किसी की गलती है भी, तो उसे उचित तरीके से सुधारने का प्रयास करना चाहिए, न कि सार्वजनिक रूप से उसकी छवि को खराब करने की कोशिश करनी चाहिए।
यदि हम दूसरों की बुराई करेंगे, तो हमारे अंदर भी नकारात्मकता आएगी, इसलिए हमें दूसरों पर कीचड़ उछालने के बजाय उनके अच्छे कार्यों की सराहना करनी चाहिए और स्वयं भी अच्छा बनने का प्रयास करना चाहिए।
इस प्रकार “कीचड़ उछालना” मुहावरा हमें सिखाता है कि किसी की छवि खराब करने की जगह हमें अपने आचरण और विचारों को शुद्ध रखना चाहिए ताकि समाज में प्रेम और सम्मान बना रहे।
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