“काठ का उल्लू” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kath Ka Ullu Meaning In Hindi
Kath Ka Ullu Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / काठ का उल्लू मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
मुहावरा- “काठ का उल्लू”।
(Muhavara- Kath Ka Ullu)
अर्थ- महामूर्ख व्यक्ति, बुद्धिहीन, कार्य न करने वाला।
(Arth/Meaning in Hindi- Mahamurkh Vyakti, Buddhihin, Karya Na Karne Wala)
“काठ का उल्लू” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे प्रचलित हैं जो बोलचाल की भाषा को रोचक, प्रभावशाली और व्यंजनात्मक बनाते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध मुहावरा है — "काठ का उल्लू"।
अर्थ:
"काठ का उल्लू" मुहावरे का अर्थ है – मूर्ख, बुद्धिहीन, बेकार या काम का न होने वाला व्यक्ति। इसका प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जो न तो किसी कार्य में चतुराई दिखा सके, न ही समय पर सही प्रतिक्रिया दे सके। ऐसा व्यक्ति जीवन की सामान्य गतिविधियों में भी निष्क्रिय, नासमझ या निकम्मा प्रतीत होता है।
व्याख्या:
इस मुहावरे में दो प्रमुख शब्द हैं — "काठ" और "उल्लू"।
काठ का अर्थ है लकड़ी। लकड़ी की वस्तु निर्जीव होती है, उसमें न कोई समझ होती है, न गति।
उल्लू एक पक्षी है, जो प्रायः रात में दिखाई देता है। भारत में उल्लू को परंपरागत रूप से मूर्खता का प्रतीक माना गया है, हालांकि वास्तविकता में उल्लू एक तेज़ दृष्टि वाला शिकारी पक्षी होता है।
लेकिन जब इन दोनों शब्दों को मिलाकर "काठ का उल्लू" कहा जाता है, तो यह किसी ऐसे व्यक्ति की ओर संकेत करता है जो न केवल मूर्ख है बल्कि निष्क्रिय और उपयोगहीन भी है, जैसे लकड़ी का बना हुआ उल्लू जो केवल दिखने के लिए रखा जाता है और किसी कार्य में नहीं आता।
यह मुहावरा अकसर गुस्से या व्यंग्य में बोला जाता है। जब कोई व्यक्ति किसी स्थिति में सही निर्णय न ले सके, या बार-बार मूर्खतापूर्ण कार्य करे, तब उसे "काठ का उल्लू" कहा जाता है।
उदाहरण:
1. राम से कहा गया कि मेहमानों को पानी पिलाओ, लेकिन वह एक कोने में खड़ा रह गया — बिल्कुल काठ का उल्लू बना रहा।
2. तुमसे कोई काम ढंग से होता नहीं, बस काठ के उल्लू बने बैठे रहते हो।
सामाजिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य:
भारतीय समाज में व्यंग्य और ताना मारने के लिए मुहावरों का खूब प्रयोग होता है। "काठ का उल्लू" भी ऐसा ही एक व्यंग्यात्मक मुहावरा है। यह अक्सर बुजुर्ग, शिक्षक या माता-पिता बच्चों या नौजवानों को डांटते समय कहते हैं जब वे कोई समझदारी न दिखाएँ।
हालाँकि, ध्यान देना चाहिए कि यह मुहावरा अपमानजनक रूप में लिया जा सकता है, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए।
"काठ का उल्लू" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kath Ka Ullu Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. परीक्षा में कुछ नहीं लिखा और अब रिजल्ट का इंतज़ार कर रहा है जैसे कोई काठ का उल्लू हो।
2. मास्टर जी सवाल पूछते रहे और वह काठ का उल्लू बना खड़ा रहा।
3. जब सब लोग काम कर रहे थे, तब वह काठ के उल्लू की तरह बैठा रहा।
4. तुम्हें समझाने का कोई फायदा नहीं, तुम तो काठ के उल्लू हो।
5. इंटरव्यू में कुछ बोल ही नहीं पाया, बिल्कुल काठ का उल्लू बन गया।
6. सब लोग परेशान थे और वह काठ के उल्लू की तरह मुस्कुरा रहा था।
7. मुसीबत सामने थी और यह काठ का उल्लू कुछ भी सोच नहीं पाया।
8. ऑफिस में सारा काम मैं कर रहा था और वह काठ का उल्लू बनकर बैठा था।
9. जब मौके पर कुछ कहना था, तब वह काठ का उल्लू बनकर चुप रहा।
10. नेता जी भाषण दे रहे थे और वह काठ का उल्लू बनकर तालियाँ बजा रहा था।
11. इतना भी नहीं समझता? तू तो पूरी तरह से काठ का उल्लू है।
12. दोस्त को मदद चाहिए थी और वह काठ का उल्लू बनकर मुँह ताकता रहा।
13. इतनी आसानी से धोखा खा गया, जैसे कोई काठ का उल्लू हो।
14. सब लोग हँस रहे थे और वह काठ के उल्लू की तरह खड़ा था, कुछ समझ ही नहीं पाया।
15. जब योजना बताई जा रही थी, वह काठ का उल्लू बनकर एक शब्द भी न बोला।
निष्कर्ष:
"काठ का उल्लू" एक अत्यंत प्रभावशाली मुहावरा है जो मूर्खता, निष्क्रियता और अयोग्यता को व्यंग्यात्मक रूप में प्रस्तुत करता है। इसका प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में तब होता है जब कोई व्यक्ति परिस्थितियों को समझने में असफल हो और किसी उपयोग का न हो। ऐसे मुहावरे हमारी भाषा को अधिक सजीव, चुटीला और भावपूर्ण बनाते हैं।
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