“कान लगाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kan Lagana Muhavare Ka Meaning In Hindi
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Kan Lagana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कान लगाना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
मुहावरा- “कान लगाना” ।
(Muhavara- Kan Lagana)
अर्थ- ध्यान देना / सावधानी पूर्वक सुनना / चोरी से किसी की बात सुनना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Dhyan Dena / Savdhani Purvak Sunna / Chori Se Kisi Ki Bat Sunana)
“कान लगाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अर्थ:
"कान लगाना" मुहावरे का शाब्दिक अर्थ होता है — ध्यानपूर्वक सुनना या चुपके से किसी बात को सुनने की कोशिश करना। यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति बड़ी सतर्कता या उत्सुकता के साथ किसी की बातचीत या संवाद को सुनने का प्रयास करता है, विशेष रूप से तब जब वह बातचीत उसके लिए नहीं हो रही हो।
व्याख्या:
भारतीय भाषाओं में मुहावरों का प्रयोग भाषा को रोचक, प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाने के लिए किया जाता है। "कान लगाना" भी ऐसा ही एक लोकप्रिय मुहावरा है, जो आम जीवन में बहुत बार सुनाई देता है। यह मुहावरा एक क्रियात्मक भाव को दर्शाता है, जिसमें कोई व्यक्ति पूर्ण ध्यान और एकाग्रता से कुछ सुनने का प्रयास करता है, चाहे वह संवाद स्पष्ट हो या धीरे-धीरे हो रहा हो।
"कान लगाना" का प्रयोग दो मुख्य संदर्भों में होता है:
1. ध्यानपूर्वक सुनना: जब कोई व्यक्ति पूरी तरह से किसी की बात को समझने और ग्रहण करने के उद्देश्य से मन और इंद्रियों को एकाग्र कर देता है, तब यह मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है। उदाहरण के लिए, शिक्षक की बातें छात्र "कान लगाकर" सुनते हैं।
2. चुपके से या चोरी से सुनना: जब कोई व्यक्ति किसी की निजी बातचीत को बिना उसकी अनुमति के सुनने का प्रयास करता है, तब भी यह मुहावरा प्रयुक्त होता है। यह स्थिति अधिकतर जिज्ञासु या संदेहास्पद प्रवृत्तियों के संदर्भ में आती है।
प्रसंगानुसार प्रयोग:
1. कक्षा में प्रयोग:
शिक्षक ने कहा, “बच्चों, ध्यान से सुनो, कान लगाकर सुनो, ये परीक्षा में जरूर आएगा।”
यहाँ "कान लगाना" का अर्थ है — ध्यानपूर्वक सुनना।
2. गुप्त वार्तालाप में प्रयोग:
वे लोग दीवार के पीछे छुपकर हमारी बातें कान लगाकर सुन रहे थे।
यहाँ यह मुहावरा चोरी से सुनने के प्रयास को दर्शाता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक पक्ष:
भारतीय समाज में बातचीत और संवाद का अपना एक विशेष महत्व रहा है। बहुत-सी बातें सार्वजनिक नहीं होतीं और उन्हें चुपचाप या गुप्त तरीके से सुनने की कोशिश करना एक असामाजिक आचरण माना जाता है। "कान लगाना" इस प्रवृत्ति को भी उजागर करता है कि मनुष्य स्वभावतः दूसरों की बातों में रुचि रखता है, विशेषतः तब जब वे बातें उसके लिए नहीं कही जा रही हों।
यह मुहावरा इस प्रवृत्ति की ओर भी संकेत करता है कि कभी-कभी व्यक्ति को इतनी जिज्ञासा हो जाती है कि वह दूसरों की बातों में दखल देने लगता है, चाहे वह शिष्टाचार के विरुद्ध ही क्यों न हो। यह केवल आलोचना के रूप में ही नहीं, कभी-कभी सीखने और समझने की प्रवृत्ति को भी दर्शाता है, जैसे कि बच्चा अपने बड़ों की बातें "कान लगाकर" सुनता है, ताकि वह कुछ नया सीख सके।
नैतिक दृष्टिकोण से:
"कान लगाना" यदि शिक्षा, ज्ञान, या आत्म-विकास के संदर्भ में किया जाए, तो यह सकारात्मक है। परंतु यदि यह किसी की निजता में दखल देने के लिए हो, तो यह निंदनीय माना जाता है। इसीलिए यह मुहावरा दोनों दृष्टिकोणों को दर्शाने की क्षमता रखता है — एक ओर एकाग्रता और ध्यान, तो दूसरी ओर जासूसी और टोह लेने की प्रवृत्ति।
"कान लगाना" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kan Lagana Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. शिक्षक ने बच्चों से कहा, "कान लगाकर मेरी बातें सुनो, ये पाठ बहुत ज़रूरी है।"
2. वह दीवार के पीछे छिपकर हमारी बातें कान लगाकर सुन रहा था।
3. समाचार सुनते समय दादीजी रेडियो पर कान लगाए बैठी थीं।
4. बच्चों ने पेड़ के पीछे छिपकर बड़ों की बातचीत कान लगाकर सुनी।
5. जैसे ही मैंने गोपनीय बात शुरू की, उसने तुरंत कान लगा दिए।
6. रामू हर किसी की बातों में कान लगाता है, इसलिए कोई उस पर भरोसा नहीं करता।
7. परीक्षा की तैयारी के लिए वह हर शब्द कान लगाकर सुनता है।
8. कान लगाकर सुनो, बाहर कुछ हलचल हो रही है।
9. माँ रसोई में काम करते हुए भी हमारी बातें कान लगाकर सुन रही थीं।
10. जब नेता भाषण दे रहा था, जनता ने कान लगाकर उसकी बातें सुनीं।
11. चोरों की बातों को सिपाही ने छुपकर कान लगाकर सुना।
12. पड़ोसी अक्सर हमारी बातचीत में कान लगाते हैं, जिससे झगड़े हो जाते हैं।
13. उसने रेडियो पर समाचार सुनने के लिए पूरी तरह कान लगा दिए।
14. गुरुजी के प्रवचन को भक्त कान लगाकर सुन रहे थे।
15. जब रहस्य की बात हुई तो सभी विद्यार्थियों ने उत्सुकता से कान लगाए।
निष्कर्ष:
"कान लगाना" एक बहुआयामी मुहावरा है, जो व्यक्ति की सुनने की प्रवृत्ति को विभिन्न संदर्भों में व्यक्त करता है। यह हमारी भाषा को न केवल अधिक प्रभावशाली बनाता है, बल्कि हमारे व्यवहार, प्रवृत्तियों और सोच को भी उजागर करता है। सही समय और स्थान पर इस मुहावरे का प्रयोग भाषा को जीवंत और सशक्त बना देता है। अतः यह कहना उचित होगा कि "कान लगाना" केवल एक क्रिया नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक व्यवहार को दर्शाने वाला मुहावरा है।
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