“मज़ा किरकिरा हो जाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Maja Kirkira Hona Meaning In Hindi
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Maja Kirkira Hona Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / मज़ा किरकिरा होना मुहावरे का क्या अर्थ होता है?
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Maja Kirkira Hona |
मुहावरा- “मज़ा किरकिरा हो जाना”।
(Muhavara- Maja Kirkira Ho Jana)
अर्थ- आनंद में विघ्न पड़ना / खुशी के समय में बाधा उत्पन्न हो जाना ।
(Arth/Meaning In Hindi- Anand Me Vighna Padna / Khushi Ke Samay Me Badha Utpann Ho Jana)
“मज़ा किरकिरा हो जाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
अर्थ:
‘मज़ा किरकिरा हो जाना’ मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई आनंददायक, सुखद या उत्साहपूर्ण क्षण किसी अप्रत्याशित घटना, स्थिति या व्यक्ति के कारण बिगड़ जाए और माहौल का आनंद समाप्त हो जाए। सरल शब्दों में कहें तो जब कोई खुशी का माहौल अचानक किसी कारण से ख़राब हो जाए, तो कहा जाता है कि “मज़ा किरकिरा हो गया”।
व्याख्या:
मानव जीवन में आनंद, उत्सव, हँसी-खुशी और मस्ती के अनेक अवसर आते हैं। कभी कोई पार्टी होती है, कभी शादी-ब्याह का समारोह, तो कभी दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताने का खास मौका। इन पलों को हम पूरी मस्ती, उमंग और खुशियों के साथ मनाना चाहते हैं। लेकिन अगर ऐसे किसी अवसर पर कोई ऐसा हादसा हो जाए, कोई अप्रिय बात सामने आ जाए, या कोई व्यक्ति ऐसा व्यवहार कर दे जिससे सबका मूड खराब हो जाए, तो उस स्थिति को हम कहते हैं — “मज़ा किरकिरा हो गया।”
यह मुहावरा हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत सामान्य रूप से उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग उन घटनाओं के लिए किया जाता है जहाँ खुशी का माहौल अचानक नकारात्मक हो जाता है। उदाहरण के लिए, कल्पना कीजिए कि कोई बच्चा अपना जन्मदिन मना रहा है, सब बच्चे केक काटने और खेलों में व्यस्त हैं, लेकिन तभी बिजली चली जाए या कोई झगड़ा हो जाए — तो उस खुशी के माहौल में खलल पड़ता है। ऐसे में लोग कहेंगे, "अरे, मज़ा तो किरकिरा हो गया!"
‘किरकिरा’ शब्द का अर्थ होता है — किसी चिकनी या सुगम चीज़ में कणों का प्रवेश जिससे वह अनुभव खराब हो जाए। जैसे अगर दूध में बाल या मिट्टी का कण पड़ जाए, तो उसका पीना सुखद नहीं रहता। इसी भाव से इस मुहावरे की उत्पत्ति हुई है। जब कोई सुंदर और आनंददायक अनुभव में अचानक कोई खटकने वाली बात या रुकावट आ जाए, तो वह अनुभव ‘किरकिरा’ हो जाता है।
यह मुहावरा यह भी दर्शाता है कि जीवन में सबकुछ हमारे नियंत्रण में नहीं होता। हम चाहे जितनी भी तैयारी कर लें, योजना बना लें, फिर भी कई बार परिस्थितियाँ हमारे अनुसार नहीं चलतीं। कभी-कभी एक छोटी-सी बात, जैसे किसी का देर से आना, गलत टिप्पणी करना, किसी का झगड़ा शुरू कर देना या तकनीकी खराबी — पूरे माहौल का मज़ा बिगाड़ देती है।
मज़ा किरकिरा होने की स्थिति समाज में हर वर्ग के बीच देखी जा सकती है। राजनीतिक रैलियों में जब कोई विरोधी प्रदर्शन हो जाए, तो कहा जाता है कि “रैली का मज़ा किरकिरा हो गया।” फिल्मों में कोई अच्छा दृश्य आ रहा हो और तभी किसी का फोन बज जाए, तो दर्शक कहता है — “अरे, मज़ा किरकिरा कर दिया!” या फिर कोई क्रिकेट मैच चल रहा हो, और बारिश आ जाए — तो प्रशंसक कह उठते हैं, “मज़ा किरकिरा हो गया यार।”
यह मुहावरा यह भी सिखाता है कि किसी के आनंद को ख़राब करना, भले ही अनजाने में हो, कितना कष्टदायक हो सकता है। इसलिए हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने व्यवहार, बोलचाल और निर्णयों से किसी के खुशी के पल में खलल न डालें। सामाजिक रूप से यह एक चेतावनी भी है कि हमें दूसरों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए और उनके आनंद में सहयोगी बनना चाहिए, न कि विघ्न डालने वाले।
वर्तमान संदर्भ में उपयोग:
आज के सोशल मीडिया युग में भी यह मुहावरा खूब प्रचलित है। उदाहरण के तौर पर, कोई व्यक्ति इंस्टाग्राम पर अपनी खूबसूरत तस्वीर डालता है, लेकिन किसी ट्रोल की नकारात्मक टिप्पणी उसका मूड बिगाड़ देती है — यह भी एक तरह से “मज़ा किरकिरा हो जाना” ही है। या फिर कोई ऑनलाइन पार्टी या वर्चुअल मीटिंग में तकनीकी खराबी आ जाए, तो लोग कहते हैं — "नेटवर्क ने मज़ा किरकिरा कर दिया!"
“मज़ा किरकिरा हो जाना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Maza Kirkira Ho Jana Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. बारिश की वजह से पिकनिक का सारा मज़ा किरकिरा हो गया।
2. पार्टी में झगड़े ने माहौल का मज़ा किरकिरा कर दिया।
3. बिजली चली जाने से फिल्म देखने का मज़ा किरकिरा हो गया।
4. किसी ने तेज़ आवाज़ में मोबाइल चला दिया, जिससे सबका मज़ा किरकिरा हो गया।
5. मेहमानों के देर से आने से जन्मदिन की तैयारी का मज़ा किरकिरा हो गया।
6. खराब खाना परोसने से शादी का मज़ा किरकिरा हो गया।
7. अचानक आई तबीयत ख़राब हो जाने से मेरी छुट्टी का मज़ा किरकिरा हो गया।
8. क्रिकेट मैच के बीच में बारिश आ गई और मज़ा किरकिरा हो गया।
9. एग्ज़ाम के बीच मोबाइल की घंटी बजने से क्लास का मज़ा किरकिरा हो गया।
10. ट्रैफिक जाम ने हमारी पूरी ट्रिप का मज़ा किरकिरा कर दिया।
11. बार-बार की फोन कॉल्स ने हमारी बातचीत का मज़ा किरकिरा कर दिया।
12. समारोह में माइक खराब हो गया और सारा मज़ा किरकिरा हो गया।
13. थियेटर में सीटों की खराब हालत ने फिल्म देखने का मज़ा किरकिरा कर दिया।
14. होटल की घटिया सेवा ने हमारी छुट्टियों का मज़ा किरकिरा कर दिया।
15. बच्चों की शरारतों ने पूजा-पाठ का मज़ा किरकिरा कर दिया।
निष्कर्ष:
‘मज़ा किरकिरा हो जाना’ एक ऐसा मुहावरा है जो जीवन की उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ आनंद के क्षण अचानक अप्रिय हो जाते हैं। यह न सिर्फ एक भाव को व्यक्त करता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि आनंद का वातावरण बहुत नाजुक होता है, जिसे बनाए रखने के लिए सभी को सजग रहना चाहिए। यह मुहावरा हमारी भाषा को न केवल भावनात्मक अभिव्यक्ति की सुंदरता देता है, बल्कि सामाजिक व्यवहार की एक बारीक समझ भी प्रदान करता है।
इसलिए, जब भी कोई अवसर हो — कोशिश कीजिए कि उसका “मज़ा न किरकिरा हो।”
कहानी: “मज़ा किरकिरा हो गया”
रवि एक होशियार और खुशमिजाज़ लड़का था। वह हमेशा अपने दोस्तों को हँसाता और हर काम को पूरी लगन से करता। गर्मियों की छुट्टियों में उसने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक समर कैंप की योजना बनाई। कैंप में खेलने-कूदने, पिकनिक मनाने, गाने-बजाने और कई मज़ेदार गतिविधियाँ रखने का प्लान था।
रवि और उसके दोस्तों ने कई दिनों तक मेहनत करके कैंप की तैयारी की। सभी ने अपने-अपने काम को पूरी ज़िम्मेदारी से निभाया। बच्चों का उत्साह देखने लायक था। कैंप के पहले दिन सब सुबह-सुबह स्कूल के मैदान में जमा हुए। रंग-बिरंगे झंडे, खाने की खुशबू, बच्चों की हँसी और चारों ओर उमंग का माहौल था।
लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे सबका मज़ा किरकिरा हो गया।
कक्षा का एक लड़का रोहित, जो अक्सर दूसरों की मज़ाक उड़ाया करता था, कैंप में भी अपनी पुरानी आदत नहीं छोड़ पाया। जैसे ही एक मोटे बच्चे ने नृत्य करना शुरू किया, रोहित ने ज़ोर से हँसते हुए कहा, “अरे! यह तो ज़मीन हिला देगा!” सभी बच्चे हँसने लगे। मोटा बच्चा शर्म से रोने लगा और वहाँ से चला गया।
इतना ही नहीं, जब एक लड़की कविता सुना रही थी, तब भी रोहित बीच में बोल-बोलकर उसका ध्यान भटकाने लगा। धीरे-धीरे बच्चों का मूड खराब होने लगा। जो कैंप शुरू में बहुत उत्साह से भरा था, अब उदास-सा लगने लगा।
रवि को यह देखकर बहुत दुख हुआ। उसने रोहित को एक ओर बुलाया और प्यार से समझाया, “देख रोहित, हम सब यहाँ मज़े करने आए हैं। लेकिन अगर कोई एक भी दुखी हो जाए, तो पूरे माहौल का मज़ा किरकिरा हो जाता है। खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं, किसी का मज़ाक उड़ाने से नहीं।”
रोहित को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सबसे माफी माँगी और उस मोटे बच्चे को खुद बुलाकर कहा, “तुम बहुत अच्छा नाचते हो, चलो वापस आओ और सबको दिखाओ।” धीरे-धीरे माहौल फिर से हल्का हुआ, बच्चे हँसने-गाने लगे और कैंप फिर से मज़ेदार बन गया।
सीख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि एक व्यक्ति का गलत व्यवहार पूरे समूह का आनंद बिगाड़ सकता है। इसलिए हमें दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। 'मज़ा किरकिरा हो जाना' केवल एक मुहावरा नहीं, बल्कि यह बताता है कि जीवन के हर खुशहाल मौके को सँभालकर रखना ज़रूरी होता है — ताकि सभी मुस्कुरा सकें और साथ मिलकर खुशियाँ बाँट सकें।
अंत में बस इतना ही:
कभी किसी की हँसी में उसका दिल न तोड़ो,
वरना सबका मज़ा किरकिरा हो जाएगा।
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