“काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kath Ki Handi Bar Bar Nahi Chadhati Meaning In Hindi
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Kath Ki Handi Bar Bar Nahi Chadhati Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Kath Ki Handi Bar Bar Nahi Chadhati |
मुहावरा- “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” ।
( Muhavara- Kath Ki Handi Bar Bar Nahi Chadhati )
अर्थ- छल-कपट का व्यवहार हमेशा नही चलता / धोखे से किया गया काम हमेशा नही चलेगा / धोखाधड़ी हर बार काम नही आती है ।
( Arth/Meaning in Hindi- Chhal Kapat Ka Vyavahar Hamesha Nahi Chalta / Dhokhe Se Kiya Gaya Kam Hamesha Nahi Chalega / DhokhaDhadi Har Bar Kam Nahi Ati Hai )
“काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि लकड़ी से बनी हांडी को बार-बार आग पर नहीं रखा जा सकता, क्योंकि वह जल जाएगी या नष्ट हो जाएगी। प्रतीकात्मक रूप से यह कहावत समझाती है कि एक ही चाल, धोखा, या गलत काम बार-बार नहीं चल सकता। यह बताता है कि जब लोग किसी चालाकी या धोखाधड़ी को पहचान लेते हैं, तो वे दोबारा उस पर भरोसा नहीं करते।
व्याख्या-
1. मानव स्वभाव और समझ:
हर व्यक्ति अनुभव से सीखता है। यदि किसी को पहली बार धोखा दिया गया, तो वह दूसरी बार सतर्क हो जाएगा। जैसे लकड़ी की हांडी कमजोर होती है और बार-बार गर्मी सहन नहीं कर सकती, वैसे ही लोगों का विश्वास भी बार-बार तोड़ा नहीं जा सकता।
2. धोखे की सीमितता:
चालाकी और कपट से सफलता हासिल करना केवल एक बार संभव हो सकता है। इसे बार-बार दोहराने की कोशिश से न केवल व्यक्ति का भांडा फूटता है, बल्कि समाज में उसकी साख भी खत्म हो जाती है। यह मुहावरा हमें सिखाता है कि लंबे समय तक सफलता के लिए ईमानदारी और परिश्रम ही आवश्यक हैं।
3. नैतिक संदेश:
यह मुहावरा एक महत्वपूर्ण नैतिक संदेश देता है कि झूठ, धोखा या कपट के सहारे जीवन में आगे नहीं बढ़ा जा सकता। ईमानदारी और सच्चाई ही किसी को स्थायी रूप से सफलता दिला सकती है।
उदाहरण:
1. व्यापार में धोखा:
एक व्यापारी ने पहली बार अपने ग्राहकों को घटिया सामान बेचकर मुनाफा कमाया, लेकिन जब ग्राहकों को सच्चाई का पता चला, तो उन्होंने उससे सामान खरीदना बंद कर दिया।
2. राजनीति:
एक नेता ने चुनाव जीतने के लिए झूठे वादे किए। जनता ने पहली बार उसे वोट दिया, लेकिन जब वादे पूरे नहीं हुए, तो अगले चुनाव में जनता ने उसे नकार दिया।
3. व्यक्तिगत संबंध:
अगर कोई व्यक्ति बार-बार झूठ बोलकर या धोखा देकर अपने दोस्तों का भरोसा तोड़ता है, तो एक समय बाद उसके दोस्त उससे दूरी बना लेंगे।
जीवन में प्रासंगिकता:
आज के समय में यह मुहावरा हर क्षेत्र में लागू होता है। चाहे वह व्यापार हो, रिश्ते हों या राजनीति, किसी भी क्षेत्र में एक ही गलत तरीका बार-बार अपनाना असंभव है। लोग अनुभव से समझदार हो जाते हैं और उसी के आधार पर अपनी प्रतिक्रियाएं बदल लेते हैं।
उदाहरण:
किसी विद्यार्थी ने परीक्षा में नकल करके पास होने का प्रयास किया, लेकिन अगली बार निगरानी बढ़ने से वह ऐसा नहीं कर पाया।
एक कंपनी ने पहली बार सस्ते उत्पाद बेचकर बाजार में जगह बना ली, लेकिन ग्राहकों ने गुणवत्ता की कमी देखकर उसका बहिष्कार कर दिया।
"काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती" मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Kath Ki Handi Bar Bar Nahi Chadti Muhavare Ka Vakya Prayog.
1. रमेश ने झूठ बोलकर पहली बार प्रमोशन तो ले लिया, लेकिन अगली बार सबको उसकी चाल समझ में आ गई, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
2. चुनाव जीतने के लिए नेता ने झूठे वादे किए, लेकिन जनता समझ गई कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
3. व्यापारी ने ग्राहकों को एक बार नकली सामान बेचकर ठग लिया, पर अगली बार कोई उससे सामान खरीदने नहीं आया, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
4. शिक्षक ने कहा कि अगर तुम बार-बार नकल करोगे, तो एक दिन पकड़े जाओगे, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
5. एक बार सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए गलत तरीकों का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन हमेशा नहीं, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
6. सुरेश ने पहली बार धोखे से अपने दोस्त का काम बिगाड़ा, लेकिन दूसरी बार उसे पकड़ लिया गया, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
7. फिल्मों में फर्जी स्टंट दिखाकर निर्माता ने दर्शकों को पहली बार लुभा लिया, लेकिन अगली बार फिल्म फ्लॉप हो गई, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
8. एक बार झूठे नंबर दिखाकर कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित किया, लेकिन आगे चलकर कंपनी बंद हो गई, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
9. मोहल्ले में झगड़ा करवाने वाला शख्स पहली बार बच गया, लेकिन दूसरी बार उसकी साजिश पकड़ ली गई, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
10. परीक्षा में एक बार नकल से पास हो गए, लेकिन अगली बार शिक्षक सतर्क हो गए, क्योंकि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
निष्कर्ष:
"काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती" जीवन का एक गहरा सत्य है। यह हमें बताता है कि छल-कपट, धोखा और झूठ अस्थायी रूप से तो काम कर सकते हैं, लेकिन दीर्घकालीन सफलता के लिए सच्चाई और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए, हमें अपने कार्यों में ईमानदारी और नैतिकता का पालन करना चाहिए ताकि लोगों का विश्वास लंबे समय तक बना रहे।
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