आँख के अन्धे नाम नैन सुख मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Aankh Ke Andhe Naam Nain Sukh Meaning In Hindi
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Aankh Ke Andhe Naam Nain Sukh Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / आँख के अंधे नाम नैन सुख मुहावरे का अर्थ क्या होता है?
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Aankh Ke Andhe Nam Nain Sukh |
मुहावरा- “आँख के अन्धे नाम नैन सुख” ।
( Muhavara- Aankh Ke Andhe Naam Nain Sukh )
अर्थ- नाम के अनुसार गुण नही अथवा गुण के विरुद्ध व्यवहार हो / गुण के विरुद्ध नाम का होना / आचरण और व्यवहार से अलग नाम होना / गुण के विपरीत नाम ।
( Arth/Meaning in Hindi- Naam Ke Anusar Gun Nahi Athava Gun Ke Virudh Vyavhar Ho / Gun Ke Virudh Nam Ka Hona / Acharan Aur Vyavhar Se Alag Nam Hona / Gun Ke Viprit Nam Hona )
“आँख के अन्धे नाम नैन सुख” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-
“आँख के अन्धे नाम नैन सुख” यह मुहावरा हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाता है । यह एक प्रचलित मुहावरा है । इस मुहावरे का मतलब नाम के अनुसार गुण नही अथवा गुण के विरुद्ध व्यवहार होना होता है ।
“आँख के अन्धे नाम नैन सुख” मुहावरे का अर्थ होता है कि किसी व्यक्ति के पास कोई गुण या वस्तु होने का नाम मात्र होने के बावजूद उसका कोई वास्तविक लाभ नही होता । इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता है जिनके पास किसी चीज का बाहरी या दिखावटी रूप तो है, लेकिन असल में वे उसका सही अर्थ या लाभ नही समझ पाते ।
यह मुहावरा उन स्थितियों को व्यक्त करता है जब किसी व्यक्ति के पास कोई विशेष सुबिधा, ज्ञान या साधन होता है, लेकिन वह उसका उचित उपयोग करने में असमर्थ होता है ।
इस मुहावरे को उपहास या व्यंग के रूप में भी प्रयोग किया जाता है ।
जैसे-
1. नाम तो तुम्हारा हरिश्चंद्र है और बोलते सरासर झूठ हो । यह तो वही बात हुई कि आँख के अन्धे नाम नैन सुख ।
2. मोहन के घर संगीत के सारे उपकरण हैं, लेकिन उसे संगीत का कोई ज्ञान नही है, आँख के अंधे नाम नैन सुख ।
3. राजन के पास एक बड़ी लाइब्रेरी है, लेकिन वह पढ़ने का शौक नहीं रखता पर दिखता कि वह कितना पढ़ाकू है, जैसे आँख के अन्धे नाम नैन सुख ।
4. गोपी एक डॉक्टर है । उसका नाम बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि उसका हॉस्पिटल बहुत बड़ा है, लेकिन उसे इलाज करना नही आता, यह तो वही बात हुई, आँख के अन्धे नाम नैन सुख ।
5. तुम बच्चों को टयूशन पढ़ाते हो पर तुम्हे कुछ नही आता है । दिखाते ऐसे हो कि कितने बड़े मास्टर हो और तुम्हे सब कुछ आता है, पर तुम्हारी स्थिति ठीक वैसी ही है जैसे, आँख के अन्धे नाम नैन सुख ।
“आँख के अन्धे नाम नैन सुख” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Aankh Ke Andhe Naam Nainsukh Muhavare Ka Vakya Prayog.
“आँख के अन्धे नाम नैन सुख” इस मुहावरे का अर्थ निचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कि इस प्रकार से है-
वाक्य प्रयोग- 1.
एक गांव में शेखर नाम का व्यक्ति रहता था । वह बहुत अनपढ़ था, परन्तु उसने अपने घर में हजारों किताबें इकट्ठा कर रखी थी । गांव के लोग सोचते थे कि शेखर बहुत ज्ञानी है, लेकिन सच्चाई यह थी कि शेखर ने कभी कोई किताब नही पढ़ी थी । जब गाँव के ही एक दूसरे व्यक्ति ने शेखर को पढ़ने के लिए कहा तो, शेखर ने हंसते हुए कहा कि, मैंने किताबें तो सिर्फ सजावत के लिए रखी हैं । इतना सुनते ही गांव के व्यक्ति ने सोचा और मन ही मन में कहा कि इसकी हालत तो ठीक वैसी ही है, जैसे “आँख के अन्धे नाम नैन सुख” ।
वाक्य प्रयोग- 2.
दीपक ने फोटोग्राफी करने के लिए एक बहुत महंगा कैमरा खरीदा । दीपक ने अपने दोस्तों से बताया कि अब वह फोटोग्राफी करेगा । लेकिन दीपक ने कैमरा चलाना शुरु किया, तो उसे समझ हमें नही आरहा था कि कौन से बटन को कैसे दबाना है । दीपक के द्वारा ली गयी सभी तस्वीरें धुंधली और खराब निकलीं । दीपक के दोस्त हंसते हुए बोले, यह तो वही बात हो गयी, कि आँख के अंधे नाम नैन सुख ।
वाक्य प्रयोग- 3.
हरी ने खेती करने के लिए एक नया ट्रैक्टर खरीदा । हरी के ट्रैक्टर को देख कर सभी पड़ोसी और गणवके लोग हैरान रह गए । हरी ने ट्रैक्टर चलाना नही सिखा था । हरी हमेशा बैल से हि खेती करता था । जब फसल काटने का समय आया तो ट्रैक्टर खड़ा का खड़ा रह गया और फिर बैल से हि खेती करनी पड़ी । गाँव वालों ने हरी की हालत देख कर कहा की, आँख के अंधे नाम नैन सुख ।
वाक्य प्रयोग- 4.
सुरभि को संगीत का बहुत शौक था, इसीलिए सुरभि ने संगीत के सभी यंत्र खरीद लिए । सुरभि के पास अब, बासुरी, तबला, गिटार और पियानों तक सब कुछ था । लेकिन सुरभि को कोई भी यंत्र बजाना नही आता था । जब सुरभि के दोस्त आए तो उन्होंने देखा कि सारे यंत्र सिर्फ एयर सिर्फ सजावत के लिए रखे गए हैं । सुरभि के सभी दोस्तों ने कहा कि आँख के अंधे नाम नैन सुख ।
वाक्य प्रयोग- 5.
सरोज के पास सबसे अच्छा लैपटॉप है । लेकिन सरोज को लैपटॉप चलाना नही आता है । सरोज ने अपने दोस्तों से कहा कि मेरे पास लोपटॉप है । एक दिन सरोज की एक दोस्त उसके घर आयी । उसने बोला कि सरोज चलो आज तुम्हारे लैपटॉप में कोई अच्छी सी मूवी देखते हैं । सरोज ने उत्तर दिया कि यार वो तो ठीक है पर मुझे लैपटॉप चलाना आता ही नही है । इस पर उसकी दोस्त ने कहा कि आँख के अंधे नाम नैन सुख ।
दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस मुहावरे का अर्थ समझ में आ गया होगा । आप अपने सुझाव देने के लिए हमें कमैंट्स जरूर करें ।
आपका दिन शुभ हो ।
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