“कब्र में पाँव लटकाना” मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Kabra Me Paon Latkana Meaning In Hindi

Kabra Me Panv Latkana Muhavare Ka Arth Aur Vakya Prayog / कब्र में पाँव लटकाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है? मुहावरा- “कब्र में पाँव लटकाना”। ( Muhavara- Kabra Me Panv Latkana ) अर्थ- अत्यधिक उम्र का होना / मृत्यु के निकट होना । ( Arth/Meaning in Hindi- Atyadhik Umra Ka H ona / Mrityu Ke Nikat Hona ) “कब्र में पाँव लटकाना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है- परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरों का विशेष महत्व है। ये न केवल भाषा को रोचक और प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि भावों की गहराई को भी संक्षेप में प्रकट करते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध मुहावरा है — "कब्र में पाँव लटकाना"। यह मुहावरा आमतौर पर बुज़ुर्ग या बहुत वृद्ध लोगों के संदर्भ में प्रयोग होता है, जिनका जीवन अंत के समीप प्रतीत होता है। अर्थ: "कब्र में पाँव लटकाना" का अर्थ होता है बहुत अधिक वृद्ध होना या इतना बूढ़ा हो जाना कि मृत्यु निकट हो। यह मुहावरा उस अवस्था को दर्शाता है जब व्यक्ति शारीरिक रूप से बेहद दुर्बल हो जाता है और उसका जीवन धीरे-धीरे मृत्यु की ओर बढ़ने लगता है। इसका सीधा संबंध उम्र के अंतिम पड़ाव से है। यह म...

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Chikana Ghada Hona Meaning In Hindi


Chikna Ghada Hona Muhavre Ka Arth Aur Vakya Prayog / चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?

 

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग / Chikana Ghada Hona Meaning In Hindi
चिकना घड़ा होना






मुहावरा- “चिकना घड़ा होना”।


( Muhavara- Chikana Ghada Hona )



अर्थ- निर्लज्ज होना / बेशरम होना  / ऐसा व्यक्ति जिस पर किसी भी प्रकार का असर न पड़े ।


( Arth/Meaning in Hindi- Nirlajj Hona / Besharm Hona / Aisa Vyakti Jis Par Kisi Bhi Prakar Ka Asar Na Pade )






“चिकना घड़ा होना” मुहावरे का अर्थ/व्याख्या इस प्रकार है-


चिकना घड़ा होना”, यह हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाला एक अतिमहत्वपूर्ण मुहावरा है । इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति का निर्लज़्ज़ होना, बेशरम होना अथवा ऐसा व्यक्ति जिस पर किसी भी प्रकार का असर न पड़ना होता है ।


चिकना घड़ा होना, मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को लाज़ या शर्म का अभाव होना । यह मुहावरा व्यक्ति की बेशर्मी या निर्लज़्ज़ता को दर्शाता है, जिससे वह अपने कार्यों या व्यवहार में सामाजिक मानको को ध्यान में नही रखता है । इसका उपयोग व्यक्ति की लापरवाही और सभ्यता को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जैसे कि किसी के आदर्श या नीतियों के खिलाफ उसका व्यवहार । यह मुहावरा अक्सर व्यक्ति की विशेषता को दर्शाता है, जिसका उपयोग उसकी शर्मिंदगी या अविवेकपूर्णता को दर्शाने के लिए किया जाता है ।


जैसे


1. मैने सुशील को उस दिन कितना फटकारा था । पर वह तो चिकना घड़ा है । आज फिर जुआ खेल रहा था ।


2. टीचर ने भोलू को बार-बार समझाया कि वो होमवर्क करके स्कूल आया करे । पर भोलू तो चिकना घड़ा निकला । भोलू पर कोई असर नही पड़ा अभी भी वह होमवर्क करके स्कूल नही जाता है ।


3. राज के पिता जी ने उसकी माँ से कहा कि राज का अब चिकना घड़ा होना स्वीकार्य नही होगा, वह अपना व्यक्तित्व बिगाड़ रहा है ।


4. दीपा का चिकना घड़ा होना ही उसकी इज़्ज़त को नुकसान पहुंचा रहा है ।


5. शोहन को कोई कितना भी समझा ले कि वो पब्जी गेम ना खेले, पर उसके ऊपर किसी की भी बातों का कोई प्रभाव नही पड़ता है, क्योंकि वो अब चिकने घड़े के समान हो गया है ।



“चिकना घड़ा होना” मुहावरे का वाक्य प्रयोग / Chikna Ghada Hona Muhavare Ka Vakya Prayog. 


चिकना घड़ा होना” इस मुहावरे का अर्थ नीचे दिए गए कुछ वाक्य प्रयोगों के माध्यम से समझा जा सकता है, जी कि इस प्रकार से हैं -



वाक्य प्रयोग- 1.


रोहन स्कूल से आने के बाद पुरा समय दीपक से साथ घूमता रहता है । उसकी माँ ने उसे बहोत समझाया की बेटे तुम उसके साथ मत घुमा करो । दीपक अच्छा लड़का नही है । पर रोहन पर उसकी माँ के द्वारा कहे गए किसी भी बात का कोई फर्क नही पड़ता है । फिर एक दिन रोहन के पिता जी ने उसे डाटना शुरु किया तो उसकी माँ ने उनसे कहा कि उसे डांटने से कोई फायदा नही है । वो बेशरम हो गया है, किसी का भी बात नही मान रहा है । रोहन की माँ ने आगे कहा कि मेरा तो करम ही फुट गया जो मुझे ऐसा चिकना घड़ा लड़का हुआ । पता नही ये बड़ा होकर सुधरेगा या फिर ऐसे ही निर्लज़्ज़ रहेगा ।



वाक्य प्रयोग- 2.


अध्यापक ने कितनी बार मुकेश को बोला कि तुम यूनिफार्म मे स्कूल आया करो । पर मुकेश पर स्कूल के किसी भी अध्यापक का कोई असर नही पड़ता है । मुकेश डांट खाने के बाद भी यूनिफार्म पहन कर स्कूल नही आता है । अध्यापक ने इसकी शिकायत जब मुकेश के घर पर की तो घर वालों का यही कहना था कि हम लोग खुद इसके बेशर्मी से परेशान हो गये है । हम लोग कितना भी इसे समझा ले इसके ऊपर कोई फर्क नही पड़ता है । ये अब चिकने घड़े के समान व्यवहार कर रहा है । 



वाक्य प्रयोग- 3.


टोनी ने बड़ी बेशर्मी से बोला कि उसे चिकना घड़ा होने से कोई डर नही लगता है ।

टोनी को कभी कुछ भी कहा जाता तो वो उसे पुरा नही करता है । टोनी अपनी कम्पनी में भी किसी की बात नही सुनता है । उसके बॉस ने उसे एक दिन बहुत डांट लगाई पर टोनी बेशर्मों की तरह चुप चाप सुनता रहा । टोनी को समझा के घर वाले भी थक गये थे । एक दिन किसी ने उससे पूछा कि टोनी तुम्हे सब कोई बेशरम और निर्लज़्ज़ कहता है तुम्हें बुरा नही लगता है क्या? तुम किसी की बात भी नही मानते हो, ऐसा क्यू करते हो तुम, सब कोई तुम्हे चिकना घड़ा कहता रहता है । टोनी ने कहा कि मुझे कोई फर्क नही पड़ता की कौन क्या कहता है । मुझे किसी का डर नही है । मुझे जो अच्छा लगता है मै वो करता हूं । टोनी ने आगे कहा कि मैं चिकना घड़ा ही ठीक हूं, मुझे अच्छा नही बनना है । मै उनके लिए चिकना घड़ा ही अच्छा हूं जो मुझे समझते हैं ।







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